क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने धार्मिक भावना आहत करने के आरोप में धोनी के ऊपर चल रहे केस को रद्द कर दिया है.

मामला एक मैग्जीन में धोनी को भगवान विष्णु की तरह दिखाए जाने से जुड़ा है. बिजनेस टुडे मैगजीन के कवर पेज पर छपी इस तस्वीर में विष्णु बने धोनी के आठ हाथों में कई तरह के उत्पाद दिखाए गए थे. इनमें एक जूता भी शामिल था.

दरअसल, पत्रिका ने विज्ञापनों में धोनी की लोकप्रियता के बारे में खबर लिखी थी. इसमें ये बताया गया था कि धोनी विज्ञापन देने वालों की पहली पसंद हैं. खबर का शीर्षक था, ‘गॉड ऑफ बिग डील्स’. इस कवर फोटो में धोनी के हाथ में कई ब्रांड्स की चीजें नजर आ रही थीं, जिसमें रिबॉक का जूता भी शामिल था.

इस तस्वीर को लेकर धोनी के खिलाफ धार्मिक भावनाएं आहत करने का आरोप लगा. एक वकील ने बेंगलुरु के मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की कोर्ट में आईपीसी की धारा 295 के तहत मुकदमा दर्ज कराया. इसके बाद, मजिस्ट्रेट ने इस मामले में धोनी को व्यक्तिगत रूप से पेश होने का समन जारी कर दिया.

इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे धोनी ने दलील दी कि इस मामले में उनकी कोई भूमिका नहीं है. मैगजीन ने अपनी मर्जी से उनकी तस्वीर का इस्तेमाल किया.

धोनी की तरफ से कोर्ट में बताया गया कि उनकी तस्वीर को भगवान की तरह पेश करने का फैसला मैगजीन के संपादकों था. उन्होंने अपनी फोटो के लिए मैगजीन से कोई पैसा नहीं लिया. ऐसे में उन्हें इस मामले में पक्ष बनाना बिलकुल गलत है.

अब सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि मजिस्ट्रेट ने समन जारी करते वक्त सही कानूनी प्रक्रिया का पालन नहीं किया.

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