21 साल की स्टार शटलर पी वी सिंधु ने इतिहास रच दिया है. ओलंपिक 1896 से खेले जा रहे हैं. भारत 1924 से ओलंपिक में महिला एथलीट्स भेज रहा है. उस लिहाज से सिंधु 92 साल में सिल्वर जीतने वाली पहली महिला हैं.

वह ओलंपिक मेडल जीतने वाली सबसे कम उम्र की एथलीट भी बन गई हैं. फाइनल में स्पेन की कैरोलिना मारिन ने जैसे ही गोल्ड जीता, सिंधु खेल भावना दिखाते हुए उनके पास गईं और उन्हें गले से लगा लिया.

सिंधु ने पहला सेट 21-19 से जीता, जबकि कैरोलिना ने दूसरा सेट 21-12 से अपने नाम किया. तीसरे सेट में सिंधु को 21-15 से हार का सामना करना पड़ा. 12 साल बाद ओलंपिक में बैडमिंटन का 80 मिनट लंबा मुकाबला देखा गया.

सिंधु के फाइनल हारने के बावजूद पूरा देश उनकी रजत पदक जीतने पर खुशियां मना रहा है. कोच गोपीचंद ने भी मैच खत्म होने पर उनसे कहा कि तुमने मैच नहीं गंवाया बल्कि रजत पदक जीता है. सिंधु के इस पदक के बाद भारत की झोली में रियो में दो पदक आ गे है.

यह हफ्ता मेरे लिये काफी अच्छा रहा: सिंधु

सिंधु ने मैच गंवाने के बाद कहा, ‘‘मैंने रजत पदक जीता. मैं सचमुच खुश हूं. मुझे काफी गर्व है. मैं स्वर्ण पदक नहीं जीत सकी. लेकिन मैंने इसके लिये सचमुच काफी मेहनत की. यह किसी का भी मैच हो सकता था. एक दिन पहले एक लड़की ने कांस्य पदक जीता था, अब मैंने जीता. हम सभी ने काफी बढ़िया खेल दिखाया. जिंदगी की तरह खेल में भी उतार चढ़ाव होंगे. जैसे एक या दो अंक गंवाना. मैं हर किसी को बधाई देना चाहूंगी. यह हफ्ता मेरे लिये काफी अच्छा रहा.’’

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