यूरोपियन फुटबॉल संघ (यूएफा) ने रूसी हुड़दंगियों पर कड़ा रुख अपनाते हुए रूस फुटबॉल यूनियन पर निलंबित डिस्क्वालिफिकेशन और डेढ़ लाख यूरो (1,68,300 डॉलर) का जुर्माना लगाया है. रूस को चेतावनी दी गयी है कि यदि उसके प्रशंसकों ने स्टेडियम में फिर से उत्पात किया तो रूस को यूरो कप फुटबॉल टूर्नामेंट से बाहर कर दिया जाएगा.

रूसी फुटबॉल यूनियन के अध्यक्ष और खेल मंत्री विताली मुत्को ने इस सज़ा को स्वीकार किया है और कहा है कि वह फैसले का पालन करेगा. रूस इस फैसले के खिलाफ कोई अपील नहीं करेगा और उसका अगला मुकाबला लिली में स्लोवाकिया से होना है.

मार्सिले के स्टेड वेलोड्रोम में रूस और इंग्लैंड के बीच ग्रुप बी मुकाबले में 1-1 के ड्रॉ के बाद चेहरा ढके रूसी समर्थकों ने इंग्लिश प्रशंसकों पर हमला किया और उन पर लात और घूसों से प्रहार किये. इस घटना में 35 लोगों को चोटें आई हैं और इनमें चार गंभीर हैं. घायलों में अधिकतर इंग्लिश प्रशंसक हैं. मार्सिले में तीन दिनों के अंदर 20 लोगों को गिरफ्तारी हुई है. रूसी प्रशंसकों पर नस्लवादी व्यवहार करने के भी आरोप लगे हैं.

यूएफा ने एक बयान जारी कर कहा कि उसकी नैतिक समिति ने रूस पर निलंबित डिस्क्वालिफिकेशन और जुर्माना लगाया है. बयान में कहा गया है कि यदि रूसी टीम के शेष मैचों में उसके प्रशंसक ऐसा व्यवहार करते हैं तो निलंबन हटा लिया जाएगा और रूसी टीम को यूरो से बाहर कर दिया जाएगा. रूस 2018 के विश्वकप का मेजबान है.

मुत्को ने साथ ही कहा, रूस पर जुर्माना लगाने का फैसला पहले से ही तय था. यह उनकी कार्यकारी समिति का फैसला है और अब उसकी पुष्टि कर दी गयी है. यह सजा काफी ज्यादा है क्योंकि रूसी फुटबॉल यूनियन एक गैर व्यवसायिक संस्था है लेकिन हम इसके खिलाफ अपील नहीं करेंगे. टीम दोषी नहीं है लेकिन उस पर सजा लगाई गयी है.

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