भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ (एनआरएआइ) ने पूर्व ओलंपिक चैंपियन अभिनव बिंद्रा की अगुआई में विशेष समिति के गठन का प्रस्ताव रखा है. यह समिति रियो ओलंपिक खेलों में निशानेबाजों के उम्मीद से कमतर प्रदर्शन की विस्तृत समीक्षा करेगी.

रियो ओलंपिक में भारतीय निशानेबाजों का प्रदर्शन काफी खराब रहा और बिंद्रा को छोड़कर 12 सदस्यीय टीम के अन्य सदस्य उम्मीदों पर खरा उतरने में नाकाम रहे.

महासंघ के एक शीर्ष अधिकारी ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर बताया कि एनआरएआइ रियो ओलंपिक में भारतीय निशानेबाजी टीम के प्रदर्शन के आकलन और जवाबदेही तय करने के लिए जल्द ही एक स्वतंत्र समिति के गठन की घोषणा करेगा. पैनल के साथ ही ऐसे कदमों की सिफारिश करने की उम्मीद है जिससे कि भविष्य में ऐसा नहीं दोहराया जाए.

हीना सिद्धू, मानवजीत सिंह संधू, गगन नारंग, जीतू राय और अपूर्वी चंदेला सहित अन्य निशानेबाजों ने लचर प्रदर्शन करके देश को निराश किया. एनआरएआइ अब निशानेबाजी दल के इस खराब प्रदर्शन के कारणों को जानने की कोशिशों में जुटा है.

पिछले तीन ओलंपिक खेलों में पदक जीतने के बाद इस बार भारतीय का अब तक का सबसे बड़ा दल रियो खेलों से खाली हाथ लौटा था. पैनल के कई मुद्दों की जांच करने की उम्मीद है जिसमें निशानेबाजों के निजी कोचों की सेवाएं लेना, फार्म की जगह ख्याति के आधार पर निशानेबाजों का चयन और ओलंपिक गोल्ड क्वेस्ट, लक्ष्य फाउंडेशन, एंगलियन मेडल हंट और गो स्पोर्ट्स जैसी निजी गैर सरकारी संस्थाओं की भूमिका शामिल है.

सूत्रों का कहना है कि एनआरएआइ चाहता है कि पैनल सिफारिश करे कि सभी निशानेबाजी गतिविधियों का महासंघ के नियंत्रण में केंद्रीयकरण हो. बिंद्रा के अलावा समिति में एनआरएआइ सचिव राजीव भाटिया, पूर्व राष्ट्रीय टेनिस चैंपियन मनीषा मल्होत्रा और दो पत्रकारों को शामिल किया जा सकता है.

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