भारतीय क्रिकेट के दिग्गज खिलाड़ी और ‘कैप्टन कूल’ के नाम से मशहूर महेंद्र सिंह धोनी मैदान पर चौके-छक्के लगाने के बाद अब चौक-छक्के लगाने वाले और गोल्ड मैडल जीतने वाले खिलाड़ियों को तैयार करेंगे. धोनी ने अपने कई साल पुराने सपने को जमीन पर उतारने के लिए कमर कस ली है. वह झारखंड की राजधनी रांची में इंटरनेशनल लेवल की स्पोटर्स यूनिवर्सिटी खोलने की तैयारियों में लग गए हैं. इस संबंध में उन्होंने एक विस्तृत प्रस्ताव तैयार कर झारखंड सरकार को सौंप दिया है. खास बात यह है कि राज्य सरकार में इसमें बढ़-चढ़ कर दिलचस्पी दिखने लगी है.
अपने खत्म होते क्रिकेट कैरियर को देखते हुए धोनी ने स्पोटर्स यूनिवर्सिटी खोलने के साथ-साथ स्पोटर्स शू बनाने की फैक्ट्री लगाने की भी कवायद में लग गए हैं. टवेंटी-टवेंटी, वन डे और टेस्ट क्रिकेट की कप्तानी छोड़ने के बाद ‘हेलीकौप्टर शाट’ लगाने के लिए मशहूर धोनी ने अब कारोबार में बड़ा शाट लगाने की कोशिशों में लगे हुए हैं. क्रिकेटर से कारोबारी बनने के धोनी की राह को झारखंड सरकार आसान बनाने में लग गई है. पिछले 20 मार्च को रांची के हरमू इलाके में धोनी के घर पर उद्योग और खेल विभाग के अफसरों को जुटान हुआ था. सभी ने धोनी के प्रस्ताव पर चरचा की और हर मुमकिन मदद करने का भरोसा दिलाया. राज्य के मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव ने इस प्रस्ताव को पहले ही हरी झंडी दे दी है.
स्पोटर्स यूनिवर्सिटी बना कर धोनी खिलाड़ियों को इंटरनेशनल लेवल की ट्रेनिंग देना चाहते हैं. वहां हर खेल के खिलाड़ियों को तराशने का काम होगा. धोनी का सपना है कि उनके यूनिवर्सिटी में खिलाड़ियों को इस तरह से तराशा जाए जो हर ओलंपिक में कम से कम 10 गोल्ड मेडेल जीत सके. क्रिकेट के साथ हौकी, बैडमिंटन, फुटबौल, लौन टेनिस, टेबल टेनिस, कुश्ती, तैराकी, जिमनास्टिक से लेकर कबड्डी जैसे खेलों की भी ट्रेनिंग दी जाएगी. धोनी कई बार यह कहते रहे हैं कि इंटरनेशनल लेवल की ट्रेनिंग नहीं मिल पाने की वजह से ओलंपिंक और कई इंटरनेशनल लेवल की खेल प्रतियोगिताओं में भारत के खिलाड़ी बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पाते हैं.