ग्रैंडमास्टर और राष्ट्रमंडल विजेता अभिजीत गुप्ता ने हुगेवीन अंतरराष्ट्रीय शतरंज टूर्नामेंट में इतिहास रच दिया. वह यह खिताब लगातार दो बार जीतने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बन गए हैं.

गत चैंपियन अभिजीत ने अपनी शीर्ष वरीयता के मुताबिक प्रदर्शन करते हुए नौ में से 7.5 अंक जुटाए. जिससे उन्होंने दूसरे स्थान पर काबिज ग्रैंडमास्टर संदीपन चंदा पर एकल बढ़त बनाई. टूर्नामेंट में एक तरह से भारतीय खिलाड़ियों का ही कब्जा रहा. ग्रैंडमास्टर एमआर ललित बाबू ने तीसरा और ग्रैंडमास्टर एम श्याम सुंदर ने चौथा स्थान हासिल किया. युवा भारतीय खिलाडि़यों में राकेश कुमार जेना और दुष्यंत वर्मा ने भी प्रभावशाली प्रदर्शन किया.

अभिजीत ने लगातार चार जीत अपने नाम की थीं और फिर ललित बाबू से ड्रॉ खेला. छठे दौर में अभिजीत ने माइकल डि जोंग पर जीत दर्ज की, जबकि सातवीं बाजी में उन्होंने हमवतन एस नितिन को आसानी से पराजित कर दिया. अभिजीत ने फिर संदीपन से ड्रॉ खेलकर अंतिम दौर से पहले आधे अंक की बढ़त बना ली थी. अंतिम बाजी में उन्होंने लुकास वान फोरीस्ट से ड्रॉ खेला.

जीत दर्ज करने के बाद अभिजीत ने कहा, 'वैसे तो सारे मुकाबले बहुत अच्छे थे लेकिन जान वेर्ले के साथ बाजी यादगार रही. यह काफी कठिन मुकाबला था, जिससे मैंने लय पकड़ी. आमतौर पर सभी बाजियां काफी अच्छी थीं. यह उपलब्धि शानदार है और शायद अंतरराष्ट्रीय ओपन में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ है. इसमें शुरू से ही भारतीय दबदबा रहा. पहले मैंने और ललित ने और अंत में संदीपन ने कुछ बेहतरीन शतरंज खेली.'

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