दुनिया के हर क्षेत्र की तरह ही क्रिकेट में भी कई हरफनमौला खिलाड़ी हैं जो न केवल शानदार क्रिकेट खेलते हैं बल्कि दुनिया की बाकी शैलियों में भी माहिर हैं. जानिए ऐसे ही कुछ खिलाड़ियों के बारे में जिनकी जिंदगी क्रिकेट खेलने के बाद पूरी तरह बदल गई.
नेथन एस्टल
90 के दशक में नेथन एस्टल को न्यूजीलैंड का सबसे आक्रामक और भरोसेमंद बल्लेबाज माना जाता था. वनडे और टेस्ट क्रिकेट दोनों में ही न्यूजीलैंड को अच्छी शुरूआत देने के लिए मशहूर एस्टल ने सबसे कम गेंदों में दोहरा शतक जड़ने का रिकॉर्ड भी अपने नाम किया है लेकिन गिरती फॉर्म ने उन्हें टीम से बाहर कर दिया.
हालांकि 2012 में क्रिकेट से संन्यास के बाद उन्होंने रेसर बनने का फैसला किया. वे कई कार चैंपियनशिप में भी हिस्सा ले चुके हैं और 2012 में साउथ आइलैंड चैंपियनशिप में तीसरा स्थान हासिल कर चुके हैं.
सलिल अंकोला
सलिल अंकोला ने सचिन तेंदुलकर और वकार यूनिस के साथ ही अपने क्रिकेट करियर की शुरूआत की थी. 1989 में अपने टेस्ट करियर का पर्दापण करने वाले सलिल चोट और खराब गेंदबाजी की वजह से जल्द ही भारतीय टीम से बाहर हो गए थें.
क्रिकेट से निकलने के बाद उन्होंने टीवी और फिल्मों में अपनी किस्मत आजमाने की ठानी. संजय दत्त के साथ कुरूक्षेत्र फिल्म में काम कर चुके सलिल ने 2006 में बिग बॉस में भी हिस्सा लिया था. 2008 में उन्हें शराब और तनाव के चलते नशा मुक्ति केंद्र भेजा गया था. उनकी लत के चलते 2010 में अंकोला की पत्नी ने उन्हें तलाक दे दिया और वे एक बार फिर रिहाब का चक्कर लगाकर आए. 2013 में सलिल ने एक बार फिर शादी कर ली थी.
एडम हौलेयोके
14 साल पहले इंग्लैंड वन डे टीम के कप्तान रहे एडम हौलेयोके ने 2012 में अर्श से फर्श तक का सफर तय किया था. 2012 में एडम कोर्ट के सामने पेश हुए थे. उन पर करोड़ो का कर्ज था क्योंकि उन्होंने प्रॉपर्टी के बिजनेस में गंवा दिया था. पूरी तरह से आर्थिक खात्मे की ओर बढ़ रहे हौलेयोके ने स्ट्रीट फाइटिंग में किस्मत आजमाने का फैसला किया है ताकि जबरदस्त कर्जे में डूबे एडम कुछ पैसा बना सकें.
अजीत अगरकर
भारत के सबसे सफल तेज गेंदबाजों में शुमार अजीत अगरकर ने अपनी विकेट लेने की क्षमता की वजह से जवागल श्रीनाथ और वेकंटेश प्रसाद जैसे गेंदबाजों की मौजूदगी में भारतीय गेंदबाजी को धार देने का काम किया था. 2003 में एडिलेड में हुए ऐतिहासिक मैच में अगरकर ने राहुल द्रविड़ के साथ मिलकर भारत को जीत दिलाई थी.
हालांकि अगरकर हमेशा विवादों से दूर ही रहे और जहीर खान और आशीष नेहरा के आगमन के साथ ही उन्हें धीरे धीरे भुलाया जाने लगा. अगरकर हालांकि एक्सपर्ट के तौर पर टीवी पर गाहे बगाहे दिखाई दे जाते हैं लेकिन अब उन्होंने फुल टाइम गोल्फर बनने का निर्णय कर लिया है.
एंड्रयू फ्लिंटॉफ
इंग्लैंड टीम के महान ऑलराउंडर में शुमार एंड्रयू फ्लिंटॉफ का एक सफल क्रिकेट करियर के बाद भी खेलों के प्रति रुझान कम नहीं हुआ और क्रिकेट के बाद वे बॉक्सिंग में हाथ आजमाने लगें. उन्होंने बॉक्सिंग के क्षेत्र में भी प्रभावशाली प्रदर्शन करते हुए अमेरिका के रिचर्ड डॉसन को मात दी थी.
यही नहीं मशहूर स्काई टीवी ने भी फ्लिंटॉफ के क्रिकेट से लेकर बॉक्सिंग की इस पूरी यात्रा को एक स्काई टीवी डॉक्यूमेंट्री के तौर पर रिलीज किया है. फ्लिंटॉफ केवल क्रिकेट के मैदान पर ही नहीं बल्कि रियल लाइफ में भी आलराउंडर है और बॉक्सिंग के अलावा वे चार किताबें भी लिख चुके हैं.
कर्टली एंब्रोस
90 के दशक में बल्लेबाजों के लिए आतंक का पर्याय बने वेस्टइंडीज के महान गेंदबाज कर्टली एंब्रोस से उनके प्रशंसकों को उम्मीद थी कि वे संन्यास के बाद वे क्रिकेट से कमेंटरी या एक्सपर्ट के तौर पर जुड़ें रहेंगे लेकिन एंब्रोस ने कुछ हटकर फैसला लेते हुए संगीत की दुनिया में जाने का फैसला किया और अपने म्यूजिक बैंड ‘ड्रेड एंड द बॉलहेड’ की शुरूआत की. वे एंटीगा और बारबुडा में अपने बैंड के साथ अक्सर परफॉर्म करते हैं.
क्रिस लेविस
इंग्लैंड के पूर्व प्रतिभाशाली खिलाड़ी क्रिस लेविस (जिन्हें भविष्य का इयान बॉथम माना जा रहा था) ने 53 वन डे और 32 टेस्ट में इंग्लैंड का प्रतिनिधित्व किया था. लेकिन लेविस की जिंदगी ने जबरदस्त मोड़ लेते हुए उन्हें एक ड्रग स्मग्लर बना दिया. 2009 में उन्हें कोकेन की तस्करी करने पर 13 साल की सजा सुनाई गई. कोकेन का यह पैकेट लेविस अपने फ्रूट जूस के टिन में छुपाकर इसे अपने क्रिकेट बैग में डाले हुए थें.
ब्रायन स्ट्रैंग
ओलोंगा की तरह ही ब्रायन स्ट्रैंग भी जिंबाब्वे के प्रमुख गेंदबाजों में शुमार थे. हालांकि जिंबाब्वे के बिगड़ते हालातों को देखते हुए वे क्रिकेट से कुछ साल दूर चले गए और फिर 2003 में उन्होंने एक बार क्रिकेट में वापसी करने की कोशिश की थी. हालांकि उनका करियर परवान नहीं चढ़ पाया और उन्होंने अपनी जिंदगी को एक योगी बनकर बिताने का फैसला किया. स्ट्रैंग अब भारत समेत कई देशों में घूम घूमकर लोगों को योगा सीखा रहे हैं और स्ट्रैंग अब फुल साइकेडेल्कि ट्रिप में चले गए हैँ.
क्रिस केंयर्स
क्रिस केंयर्सन्यूजीलैंड के महान ऑलराउंडरों में शुमार क्रिस केंयर्स की जिंदगी अपने करियर के ढलान तक आते आते पूरी तरह से बदल चुकी थी. साथी खिलाड़ी ब्रैंडन मैक्कलम, मैच फिक्सिंग में अपनी भूमिका मान चुके लू विसेंट और ललित मोदी यह मान चुके थे कि केंयर्स ने 2008 में मैच फिक्स करने की कोशिश की थी. क्रिस की आर्थिक हालत ज्यादा बेहतर नहीं है और वे अक्सर ट्रक चलाकर अपना पेट पाल रहे हैं.
हेनरी ओलोंगा
90 के दशक में हेनरी ओलोंगा जिंबाब्वे के पहले अश्वेत क्रिकेटर थें और अपनी शानदार गेंदबाजी से वे जल्दी ही टीम के सबसे मुख्य गेंदबाज बन गए थें. सचिन तेंदुलकर को एक बार आउट कर ओलोंगा रातों रात सुर्खियों में आ गए थें. 2003 विश्व कप के दौरान उन्होंने और एंडी फ्लावर ने अपने देश में हो रही लोकतंत्र की हत्या को देखते हुए काला पट्टा बांधकर मैच खेला था. उनके इन बागी तेवरों को देखते हुए उन्हें जान से मारने की धमकियां भी मिलती रही. संन्यास के बाद ओलोंगा इंग्लैंड आ गए और यहां आकर उन्होंने गाना गाने की ट्रेनिंग लेनी शुरू कर दी. उन्होंने अपना पॉप एल्बम भी जारी किया है.