आराधना की शादी टूटने की कगार पर है. महज़ पांच साल पहले बसी गृहस्थी अब पचास तरह के झगड़ों से तहस-नहस हो चुकी है. आराधना और आशीष दोनों ही मल्टीनेशनल कंपनी में अच्छी पोस्ट पर कार्यरत हैं. हाइली एडुकेटेड हैं. बड़ी तनख्वाह पाते हैं. पॉश कॉलोनी में फ्लैट लिया है. सब कुछ बढ़िया है सिवाय उन दोनों के बीच सम्बन्ध के. दो साल चले प्रेम प्रसंग के बाद आराधना और आशीष ने शादी का फैसला किया था. शादी से पहले तक दोनों दो जिस्म एक जान थे. साथ-साथ खूब घूमे-फिरे, फ़िल्में देखीं, शॉपिंग की, हिल स्टेशन साथ गए, एक दूसरे को ढेरों गिफ्ट दिए. एक दूसरे की कंपनी खूब इंजॉय की. लगा कि इससे अच्छा मैच तो मिल ही नहीं सकता. इतना अच्छा और प्यारा जीवनसाथी हो तो जीवन स्वर्ग हो जाए, लेकिन शादी के दो साल के अंदर ही सबकुछ बदल गया. शादी के बाद धीरे-धीरे दोनों का जो रूप एक दूसरे के सामने आया तो लगा इस व्यक्तित्व से तो वे कभी परिचित ही नहीं हुए. एक दूसरे से बेइंतहां प्यार करने वाले आराधना और आशीष अब पूरे वक़्त एक दूसरे पर दोषारोपण करते रहते हैं. छोटी-छोटी सी बात पर गाली-गलौच, मारपीट तक हो जाती है. फिर या तो आराधना अपने कपड़े बैग में भर कर अपनी दोस्त के वहां रहने चली जाती है या आशीष रात भर के लिए गायब हो जाता है.

दरअसल शादी से पहले दोनों का अच्छा पक्ष ही एक दूसरे के सामने आया. मगर शादी के बाद उनकी वो आदतें और व्यवहार एक दूसरे पर खुले जो घर के अंदर हमेशा से उनके जीवन का हिस्सा थे. शादी के बाद आशीष की बहुत सी आदतें आराधना को नागवार गुज़रती थी, खासतौर पर उसका गंदे पैर ले कर बिस्तर पर चढ़ जाना. आशीष को घर में नंगे पैर रहने की आदत है. दिन भर जूते में उसके पैर कसे रहते हैं, लिहाज़ा घर आते ही वो जूते उतार कर नंगे पैर ही रहता है. आराधना उसकी इस आदत को कभी स्वीकार नहीं कर पायी. आराधना सफाई के मामले में सनकी है. कोई गंदे पैर ले कर उसके बिस्तर पर कैसे आ सकता है ? शादी के पहले ही साल उसने बैडरूम में लगे डबल बेड को दो सिंगल बेड में बाँट दिया. अपने बिस्तर पर वह आशीष को हरगिज़ चढ़ने नहीं देती है. कभी आशीष का मूड रोमांटिक हुआ और उसने उसके बिस्तर में घुसने की कोशिश की तो वो उसके गंदे पैरों को ले कर चिढ़ी दिखती है और सारे मूड का सत्यानाश कर देती है. उनके रिश्ते में दरार बढ़ने की शुरुआत भी दरअसल यहीं से हुई.

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एक दूसरे की नज़दीकियां ना मिलने से दूरियां तो बढ़नी ही थीं. और भी कई आदतें आशीष की थीं जो आराधना को बर्दाश्त नहीं थीं. नहाने के बाद भीगा तौलिया बाथरूम में ही छोड़ देना,  धुलने वाले कपड़े वाशिंग मशीन में डालने की जगह इधर उधर रख देना, बिस्तर छोड़ने के बाद उसको टाइडी ना करना, खाने में हरी सब्ज़ियों से परहेज़, हर दूसरे-तीसरे दिन नॉनवेज खाने की फरमाइश, ना मिलने पर बाहर से मंगवा लेना, यह तमाम बातें आराधना को परेशान करती हैं. आराधना की भी आदतें आशीष को खटकती हैं. उसका ज़रूरत से ज़्यादा सफाई पसंद होना, पूरी शाम फ़ोन पर सहेलियों या अपने घर वालों से बातें करना, उसका डाइटिंग वाला खाना जो कभी भी आशीष के गले नहीं उतर सकता, अपने रूप रंग को बरकरार रखने के लिए ब्यूटी पार्लर में पानी की तरह पैसे बहाना, हर वीकेंड पर शॉपिंग करना, फ़ालतू की मंहगी चीज़े खरीद लाना और फिर गिफ्ट के तौर पर किसी सहेली को पकड़ा देना, कोई फ्यूचर प्लानिंग ना करना, ऐसी बहुतेरी बातें आशीष को भी खटकती हैं. इन्ही पर दोनों के बीच झगडे होते हैं.

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दोनों आर्थिक रूप से सक्षम हैं लिहाज़ा किसी के दबने का सवाल ही नहीं पैदा होता है. झगड़ा होता है तो दोनों कई कई दिन तक एक छत के नीच दो अजनबियों की तरह रहते हैं. दोनों में से कोई सॉरी नहीं बोलता. अब तो दोनों को ही यह लगने लगा है कि वे अलग-अलग ही रहें तो बेहतर है. कम से कम ऑफिस से घर आने पर सुकून तो होगा. बेकार की बातों पर कोई खिचखिच तो नहीं करेगा.  सात जन्मों तक साथ रहने की कसमें खाने वाले आराधना और आशीष पांच सालों में ही एक दूसरे से बुरी तरह ऊब चुके हैं.

कोई भी रिलेशनशिप आसानी से नहीं टूटता है. रिलेशनशिप में छोटी- छोटी बातों का ध्यान रखना होता है. रिश्तों में धीरे-धीरे दूरियां बढ़नी शुरू होती हैं और एक समय ऐसा आता है जब दूरियां इस कदर बढ़ जाती हैं कि रिलेशनशिप टूट जाता है. अक्सर रिलेशनशिप में देखा जाता है कि छोटी-छोटी समस्याएं होती रहती हैं, जिनको अधिकतर हम नजरअंदाज कर देते हैं. परंतु इन समस्याओं को नजरअंदाज करने से आपके रिश्ते में दरार पड़ सकती है. इन समस्याओं को हमें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, हमें इन समस्याओं का समाधान निकालना चाहिए. आइये हम आपको बताएं कि रिलेशनशिप में किन समस्याओं को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए और रिश्ते को बचाए रखने के लिए आपको किन बातों का ध्यान रखना चाहिए.

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स्वभाव में अंतर

अगर आपके और आपके पार्टनर के स्वभाव में काफी अंतर है तो ये अंतर बाद में रिलेशनशिप में समस्याएं पैदा कर सकता है. हर किसी का अपना अलग स्वभाव होता है. हो सकता है आपके पार्टनर को घूमने का शौक हो और आप घर पर रहना ही पसंद करते हों. हो सकता है आपके पार्टनर को बाहर जाकर पार्टी करने का शौक हो और आपको घर पर ही पार्टी करने का शौक रखते हों. अलग- अलग स्वभाव होने की वजह से भी रिलेशनशिप में दूरियां बढ़ने लगती हैं.

स्वभाव में अंतर होना आम बात है, पर इस अंतर को दूर किया जा सकता है. अगर आप चाहते हैं कि आपके रिश्ते में हमेशा प्यार बना रहे तो एक दूसरे के स्वभाव में ढलने का प्रयास करें. रिलेशनशिप को सफल बनाने के लिए पति-पत्नी दोनों को प्रयास करना होता है.

अलग चाहतें

रिलेशनशिप में एक दूसरे को समझना काफी महत्वपूर्ण होता है. अगर आपकी और आपके पार्टनर की प्राथमिकताएं और चाहतें एक दूसरे से हैं तो समय रहते इस बात पर ध्यान देना आपके रिलेशनशिप के लिए बेहतर रहेगा. अगर आप समय रहते इस बात पर ध्यान नहीं देंगे तो आपके रिश्ते में दूरियां बढ़ने लगेंगी. रिलेशनशिप सिर्फ एक व्यक्ति के चाहने भर से नहीं चल सकता. एक अच्छा रिलेशनशिप होने के लिए जरूरी है कि एक दूसरे की प्राथमिकताओं को समझा जाए. जीवन में हर इंसान की कुछ न कुछ प्राथमिकताएं होती हैं. आपकी और आपके पार्टनर की भी कुछ प्राथमिकताएं होंगी. आप एक दूसरे की प्राथमिकताओं को समझने का प्रयास करेंगे तो आपके रिलेशनशिप में कोई भी समस्या नहीं आएगी.

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उनके फैसले को तवज्जो दें

अगर रिश्ते में छोटी-छोटी बातों को लेकर तनाव होने लगे तो आपको समझ जाना चाहिए कि रिलेशनशिप में समस्याएं आ रही हैं. एक दूसरे पर अधिकार जमाने के कारण या पार्टनर द्वारा अपने ही फैसलों को तवज्जो देने का कारण रिश्ते में तनाव बढ़ने लगता है. तनाव बढ़ने के कारण रिश्ता टूट सकता है. अगर आप चाहते हैं कि आपके रिश्ते में कभी भी कोई भी परेशानी न आए तो एक-दूसरे पर अधिकार जमाना छोड़ दें और हर काम में एक-दूसरे का साथ निभाएं. रिलेशनशिप में प्यार से रहने से किसी भी तरह का कोई तनाव नहीं रहता है. पार्टनर के साथ अधिक से अधिक समय बिताने का प्रयास करें.

भावनाएं साझा करें

एक-दूसरे से बातचीत के जरिए अपनी भावनाओं को साझा करें और कहां कमियां रह गई है, इस बात पर विचार करें. रिलेशनशिप में आपस में किसी को भी चलताऊ न लें. अगर आपका पार्टनर आपके लिए कुछ कर रहा है तो उसे अहमियत दें. अहमियत देने से रिश्ते और ज्यादा मजबूत होते हैं और आपसी प्यार भी बढ़ता है. अगर आपका पार्टनर आपके प्रति प्यार जता रहा है तो उसकी भावनाओं की कद्र करें.

उनको सम्मान दें

एक-दूसरे को सम्मान देने से ही प्यार बढ़ता है. बिना सम्मान के कोई भी रिश्ता नहीं चलता है. इसलिए हमेशा एक-दूसरे को सम्मान दें. जमकर एक-दूसरे की तारीफ करें. अगर आपसे कोई गलती हुई है तो उसे फौरन स्वीकार कर लें. इससे आपका रिश्ता और ज्यादा मजबूत होगा और दरार नहीं आएगी. अक्सर हम अपनी गलतियों को कभी नहीं मानते और दूसरे की गलती स्वीकार कराने में ही पूरा वक्त लगा देते हैं. इससे रिश्ते कमजोर होते हैं. रिश्ते को मजबूत बनाने के लिए एक-दूसरे को भरपूर वक्त देने के साथ ही अपने शौकों को एक-दूसरे के साथ साझा करें.

कभी तंज ना करें

हमेशा एक-दूसरे पर तंज कसते रहने से रिश्ता कमजोर होने लगता है. गलतियां सबसे होती हैं, परंतु अगर हम उन गलतियों के लिए बार-बार अपने पार्टनर पर तंज कसते रहेंगे तो रिश्ता कमजोर होने लगेगा और रिलेशनशिप में दूरियां बढ़ने लगेंगी.

पुरानी गलतियां याद ना करें

जीवन में हर किसी से गलतियां होती हैं. कुछ ऐसी बातें भी होती हैं जिन्हें आपका पार्टनर याद नहीं करना चाहता होगा. उन बातों को पार्टनर को याद न दिलाएं. अगर आप बार-बार पार्टनर को उन बातों को याद दिलाएंगे तो आपके रिश्ते में दूरियां बढ़ने लगेंगी और रिश्ता कमजोर होने लगेगा.

कम्यूनिकेशन गैप

अक्सर कम्यूनिकेशन गैप होने की वजह से भी रिश्ते में दूरियां बढ़ने लगती हैं. अगर आप चाहते हैं कि आपका रिलेशनशिप मजबूत रहे तो अपने पार्टनर से बातचीत करते रहें. अपनी घर-बाहर की बातें उनसे शेयर करें. अपने पार्टनर से खुल कर बातें करें. रिलेशनशिप को मजबूत बनाने के लिए इस बात का भी विशेष ध्यान रखें कि आपने पार्टनर की बातों को अनसुना नहीं करना है.

एक्स के बारे में बात करने से बचें

एक्स के बारे में बात करने से भी रिलेशनशिप टूटने का खतरा रहता है. बार-बार एक्स के बारे में बात करने से रिश्ते में दूरियां बढ़नी शुरू हो सकती हैं. एक्स के बारे में बात करने से लड़ाई- झगड़े भी अधिक होने की संभावना रहती है. इसलिए पुराने ज़ख्मों को कभी ना कुरेदें.

भरोसा पैदा करें

रिश्ते को मजबूत बनाने के लिए भरोसा बहुत जरूरी होता है. भरोसा किसी भी रिश्ते की नींव होता है. रिलेशनशिप में धोखा देने का मतलब है कि रिश्ते में दूरियां बढ़ना. पार्टनर को धोखा देने से, झूठ बोलने से, बातें छिपाने से रिश्ता मजबूत नहीं होता है. धोखा देने से रिलेशनशिप में कई तरह की समस्याएं आनी शुरू हो जाती हैं. दो लोग एक छत के नीचे ख़ुशी-ख़ुशी तभी रह सकते हैं जब उनके व्यवहार में पारदर्शिता हो. एक दूसरे के लिए प्यार और सम्मान हो. किसी बात का अहंकार ना हो बल्कि आपसी विश्वास मजबूत हो.

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