घटना अयोध्या की है. वहां राममंदिर को ले कर बहुत उल्लास है. बाहर से देखने पर लगता है कि अयोध्या में संपन्नता है, लेकिन वहां के हालात क्या हैं, इस का एक उदाहरण गोपाल कृष्ण वर्मा के रूप में देखने को मिलता है. इस की तमाम वजहें आर्थिक हैं. उत्तर प्रदेश के अयोध्या में चर्चित रंगकर्मी गोपाल कृष्ण वर्मा ने कर्ज से परेशान हो कर अपनी मां की गला दबा कर हत्या कर दी. हत्या की वजह बताते हुए कहा कि ‘मां का कष्ट देखा नहीं जा रहा था.’

अयोध्या की नगर कोतवाली के चौक स्थित कंगी गली निवासी चर्चित रंगकर्मी, सामाजिक कार्यकर्ता व कारोबारी गोपाल कृष्ण वर्मा ने अपनी बुजुर्ग मां की गला दबा कर हत्या कर दी. उस ने 3 पेज का पत्र लिख कर अपना जुर्म कबूला है. यह पत्र अपने परिचितों और शुभचिंतकों को भेजा है. पत्र में कर्ज से परेशानी के चलते अपनी बुजुर्ग मां की हत्या की बात कही है और खुद को कोतवाली पहुंच पुलिस के हवाले कर दिया.

कभी कम्यूनिस्ट पार्टी के वरिष्ठ चिंतकों में शामिल तथा रंगमंच पर एक नामचीन चेहरे की पहचान रखने वाले लगभग 62 वर्षीय गोपाल कृष्ण वर्मा चौक जमुनिया बाग स्थित मार्ग पर जी के कार्ड सैंटर के नाम से दुकान चलाते थे. उस में उन के 2 भाई सहयोगी थे. कुछ माह पूर्व उन्होंने कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ली थी लेकिन सक्रिय नहीं हो पाए.
29 फरवरी की रात उन्होंने 3 पेज का पत्र लिखा और पत्र में हवाला दिया कि अत्यधिक कर्ज के चलते मांबेटे परेशान चल रहे थे. भाइयों ने कर्ज से उबारने की कोशिश की लेकिन बात आगे न बढ़ सकी.

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