Writer- डा. सुरेंद्र शर्मा अज्ञात

ज्योतिष का प्रचार आज के विज्ञान युग में भी जम कर हो रहा है. ज्योतिषी ही नहीं, सभी संचार संसाधन इस में कूद पड़े हैं, जो चलते तो हैं विज्ञान आधारित टैक्नोलौजी पर लेकिन ज्योतिषियों का व्यापार बेचने के लिए माफिया का हिस्सा बन चुके हैं. टीवी 9 में उदाहरण के तौर पर 8 फरवरी को एक रिपोर्ट का शीर्षक था, ‘ज्योतिष से जानें किसी व्यक्ति पर किस ग्रह का क्या पड़ता है प्रभाव.’

इस में ग्रहों के आम आदमी पर पड़ने वाले प्रभाव और कुंडलियों के खानों का वर्णन वैज्ञानिकों की भाषा में कर के भरमाया गया है कि जो लिखा गया है वह स्वयंसिद्ध है, पर इस का किसी रिसर्च में पता नहीं चला है. रिपोर्ट में मान्यता है कि पृथ्वी पर जन्म लेते ही किसी जात का 9 ग्रहों से जुड़ाव हो जाता है, बल्कि आजीवन इन का प्रभाव उस पर पड़ता है. यही कारण है कि व्यक्ति के जीवन में कभी खुशी तो कभी गम आते हैं.

पहले समाचारपत्रों और पत्रिकाओं में ही राशिफल छपते थे, परंतु विज्ञान ने जब से दूरसंचार के अन्य माध्यम उपलब्ध करवा दिए हैं, यथा टीवी के विभिन्न चैनल, मोबाइल फोन आदि माध्यमों पर भी ज्योतिष का जाल ऐसे छाने लगा है जैसे वृक्ष पर अमरबेल हो. ज्योतिष का काम ग्रहों और राशियों के नाम पर किया जाना एक खिलवाड़ ही है.

ज्योतिष कहता है कि व्यक्ति के जन्म के समय सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, गुरु (बृहस्पति), शुक्र, शनि, राहु और केतु ग्रहों की स्थिति के अनुसार उसे जीवन में शुभ या अशुभ फल मिलता है.

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