दिल्ली से सटे नोएडा में यूनिवर्सिटी और कालेजों में गांजा और ड्रग्स सप्लाई करनेवाला एक हाई प्रोफाइल रैकेट पकड़ा गया है. सैक्टर-126 थाने की पुलिस ने गिरोह के सरगना सहित 9 लोग पुलिस के हत्थे चढ़े हैं, जिन में नामी एमईटी यूनिवर्सिटी और एशियन ला कालेज के 4 छात्र और एक दिल्ली में रहने वाला अफ्रीकी मूल का निवासी है. पुलिस का कहना है कि ये लोग ताइवान, शिलौंग, उदयपुर जैसी जगहों से गांजा और ड्रग्स मंगा कर छात्रों को बेचते थे.
आरोपियों के कब्जे से अवैध 15 किलो के लगभग शिलौंग और देशी उदयपुर गांजा, 30 ग्राम कोकीन, लगभग 20 ग्राम एमडीएमए (पिल्स), 150 ग्राम चरस, 65 ग्राम विदेशी गांजा बरामद किया है. जिस की अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत लगभग 20-25 लाख रुपए है. पकड़े गए लोगों में अक्षय नाम का आरोपी गिरोह का सरगना है जिस की पत्नी थाईलैंड में रहती है. गैंग का सरगना अक्षय कुमार अपने नैटवर्क के जरिए ताइवान का ओजी गांजा मंगाता है और दिल्ली व उस से सटे शहरों के कालेज में सप्लाई करता है. ओजी एक विदेशी गांजा है, जिस की मादकता भारतीय गांजे से काफी अधिक होती है.इस कारण ये काफी डिमांड में रहता है. ओजी को प्रति ग्राम 10 हजार रुपए में बिकती है.
दूसरा आरोपी नरेंद्र राजस्थान से देसी गांजा ला कर यूनिवर्सिटी व एशियन ला कालेज में पढ़ने वाले छात्रों को सप्लाई करता था.छात्रों को जाल में फंसा कर गैंग के रूप में तैयार कर कालेज, पीजी में रहने वाले छात्रछात्राओं को सप्लाई किया जाता था. पकड़े गए आरोपियों में से सागर एमईटी में एमबीए द्वितीय वर्ष का छात्र है. दूसरा छात्र आदित्य यूनिवर्सिटी में बीए, एलएलबी चतुर्थ वर्ष में पढ़ रहा है.दर्शन यूनिवर्सिटी में बीए एलएलबी तृतीय वर्ष का छात्र है.अपूर्व सक्सेना यहां एमबीए द्वितीय वर्ष का छात्र है.
यह सभी छात्र इस यूनिवर्सिटी के साथ अन्य शैक्षिक संस्थानों में छात्र छात्राओं को मादक पदार्थ सप्लाई करते है. इस के लिए ये लोग स्नैपचैट, टैलीग्राम, वाट्सएप के माध्यम से अलगअलग लोगों को अलगअलग नशीला पदार्थ उपलब्ध कराते है. मादक पदार्थों की डिलीवरी के लिए इन के पास निजी राइडर हैं जो जोमैटो की तर्ज पर और्डर मिलते ही डिलीवरी पहुंचाते हैं.एक अभियुक्त राजन दिल्ली से नोएडा के लिए ओला कैब चलाता है. जिस के माध्यम से दिल्ली में रहने वाले नाइजीरियन से यह कोकीन खरीदता था और एमिटी यूनिवर्सिटी के छात्रों को सप्लाई करता था. इस नाइजीरियन की तलाश पुलिस को है.
नोएडा में पिछले कुछ समय से ड्रग्स का काला कारोबार तेजी से बढ़ा है. ग्रेटर नोएडा एनसीआर में ड्रग्स सप्लाई और नशीले पदार्थों की फैक्ट्री के रूप में तेजी से उभरकर सामने आया है. मई में यहां सैक्टर ओमेगा स्थित जज सोसायटी में विदेशी नागरिकों द्वारा चलाई जा रही ड्रग्स फैक्ट्री का भंडाफोड़ हुआ था. तब पुलिस ने करीब 200 करोड़ रूपए कीमत की 30 किलो ड्रग्स जब्त की थी. इस से 15 दिन पहले ही थाना बीटा-2 पुलिस ने सूरजपुर कोतवाली क्षेत्र में सेक्टर थीटा टू स्थित तीन मंजिला मकान में चल रही ड्रग्स फैक्ट्री पकड़ी थी.इस में 300 करोड़ रुपए की 46 किलोग्राम ड्रग्स बरामद हुई थी और नौ विदेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया गया था. इन से पूछताछ से पता चला कि इनके कुछ साथी शहर की मित्रा एंक्लेव में भी फैक्ट्री चला रहे हैं. पुलिस ने मित्रा सोसायटी में दबिश दी तो मौके पर दो विदेशी नागरिकों सहित मेथाफेटामाइन (एमडीएमए) और कच्चा माल बरामद हुआ. आरोपियों के पास से करीब 200 करोड़ की 30 किलो ड्रग्स मिली.
हैरानी की बात है कि इतनी बड़ी मात्रा में मादक पदार्थों और इन का धंधा करने वाले गिरोहों के पकड़े जाने के बावजूद पुलिस और नारकोटिक्स डिपार्टमेंट इन पर काबू पाने और शहर में इनकी सप्लाई पर रोक लगाने में अक्षम साबित हो रहा है. मादक पदार्थों का कारोबार करने वालों की नज़रें शहर के तमाम बड़े कॉलेजों के छात्रछात्राओं पर है जो इनके बीच नशे के आदि हो चुके बच्चों के जरिए आसानी से माल बेच लेते हैं. 14 से 20 साल के युवा इन नशे के सौदागरों के जाल में फंस कर अपना और देश का भविष्य बर्बाद कर रहे हैं और प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ काशी में दीपोत्सव मना कर अन्धेरा दूर करने का प्रयास कर रहे हैं.