इस साल अप्रैल में ऐक्ट्रैस सामंथा रुथ प्रभु की फिल्म ‘शकुंतलम’ रिलीज हुई थी. फिल्म में स्वर्ग की अप्सरा मेनका और विश्वामित्र से जन्मी शकुंतला की कहानी को दिखाया गया था. फिल्म की शुरुआत तपस्या कर रहे विश्वामित्र से शुरू हुई. इस तपस्या से डरे इंद्र स्वर्ग की अप्सरा मेनका को विश्वामित्र की तपस्या को भंग करने के लिए धरती पर भेजते हैं. पौराणिक कथाओं में अप्सराएं स्वर्ग की वे सुंदरियां हैं जो हर किसी को सैक्ससुख देती हैं. महाभारत में उर्वशी अर्जुन को उस के साथ इस कारण सैक्स न करने पर श्राप देती है कि, अर्जुन के अनुसार, वह इंद्र, उस के पिता के साथ सोती है. उर्वशी का कहना था कि, वह सभी दादाओं और पोतों को खुश करती रही है, अर्जुन यह कह कर उसका अपमान कर रहा है, वह उसे एक वर्ष तक के लिए किन्नर बन जाने का श्राप देती है.

एक ऋषि विश्वामित्र से संभोग के बाद शकुंतला जन्म लेती है जिसे मेनका धरती पर छोड़ क़र स्वर्ग लौट जाती है. जब महर्षि कण्व की नजर उस पर पड़ती है तो वह उसे अपने साथ आश्रम ले आते हैं. कुछ सालों बाद राजा दुष्यंत उस आश्रम में आते हैं और तब उन की मुलाकात शकुंतला से होती है. वे उस से गंधर्व विवाह कर लेते हैं. और वह गर्भवती हो जाती है. कुछ समय बाद वे अपने सैनिकों के साथ उसे लेने आएंगे, ऐसा वादा कर के वे अपने राज्य लौट जाते हैं. काफी समय तक जब राजा दुष्यंत उसे लेने नहीं आते तो गर्भवती शकुंतला उन के पास खुद चली जाती है. लेकिन राजा दुष्यंत उसे पहचाने से इनकार कर देते हैं.

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