19 जून, 2018 को लखनऊ के व्यस्ततम इलाके चारबाग में 2 होटलों में भीषण आग लगने से 5 लोगों की मौत हो गई और कई गंभीर रूप से घायल हो गए.

13 जून को मुंबई के वर्ली में प्रभादेवी इलाके की व्यूमौंट बिल्डिंग में भीषण आग लग गई. आग इतनी भीषण थी कि दमकल की 6 बड़ी गाडि़यों व 5 टैंक मिल कर भी आग को घंटों बाद काबू कर पाए. 33 मंजिला इस टावर में अभिनेत्री दीपिका पादुकोण का भी एक फ्लैट है. आग पर काबू पाने में लगा घंटों का समय बताता है कि अगर सुरक्षा के इंतजाम न होते तो कई जानें जातीं.

बहरहाल, आग लगते ही धुएं से भरे स्थान पर, बस, एक ही पल में हम क्या निर्णय लेते हैं, उसी निर्णय पर, उसी पल पर निर्भर करता है कि हम अपने जीवन की सुरक्षा कर पाएंगे या नहीं. हम में से कोई भी किसी अनिष्ट की कल्पना नहीं करना चाहता, पर आगे के कदम के बारे में प्लान बना कर हम खुद को और अपने प्रियजनों को सुरक्षित कर सकते हैं.

फायर ऐंड सेफ्टी एसोसिएशन के प्रमुख पंकज का कहना है, ‘‘हमारे देश में आग से बचने के तरीकों व सावधानियों पर बहुत कम ध्यान दिया जाता है. ज्यादातर बिल्डर्स इसे गैरजरूरी समझते हैं कि आग लगने पर इस्तेमाल किए जाने वाले आवश्यक साधनों पर खर्च किया जाए. आप जब नई बिल्डिंग्स के विज्ञापन देखते हैं तो आप को उस में स्विमिंग पूल और लैंडस्केप दिखाए जाते हैं, लेकिन कभी यह नहीं बताया जाता कि आग लगने पर सुरक्षा के क्या साधन उपलब्ध हैं.’’

फायर एडवायजर पी देशमुख का इस बारे में कहना है, ‘‘रोकथाम और सुरक्षा पर ध्यान देना चाहिए. हर प्रौपर्टी, रैजीडैंशियल हो या कौमर्शियल, में बाहर निकलने के लिए उपयुक्त सीढि़यां होनी चाहिए. साल में कम से कम 2 बार सेफ्टी औडिट्स होने चाहिए और यह चैक कर लेना चाहिए कि आग बुझाने वाले सभी यंत्र, अलार्म सही हैं और ठीक तरह से काम कर रहे हैं.’’

आग से बचाव के लिए विशेषज्ञों के मुताबिक निम्न बातों की सभी को जानकारी होनी आवश्यक है-

  • सीढि़यों, दरवाजों और गलियारों में सामान न रखें. आग लगने पर लोग इन्हीं रास्तों से बाहर भागते हैं. आग लगते ही बिल्डिंग से बाहर निकल जाना चाहिए.
  • आग लगने पर फायर ब्रिगेड की गाड़ी को पहुंचने में 20 से 30 मिनट लग ही जाते हैं, इसलिए सुरक्षा आप की जागरूकता पर निर्भर करती है. अकसर कई बिल्डिंग्स में आग बुझाने वाले यंत्र ऐसी जगह पर रहते हैं जहां वे दिखते ही नहीं हैं. याद रखिए, ऐसी स्थिति में आप के पास क्षणिक समय होता है, जिस में कुछ आवश्यक कदम उठा कर आप अपना और अपने प्रियजनों का जीवन बचा सकते हैं.
  • लोग इस आशंका पर कम ही ध्यान देते हैं कि उन के घरों में उन की अनुपस्थिति में भी आग लग सकती है. यदि आप के घर में बुजुर्ग मातापिता, छोटे बच्चे हैं तो अपने पड़ोसियों को इन के बारे में जरूर बता कर रखें. आग लगने पर सब से पहले खुद को सुरक्षित करें, फिर परिवार के अन्य सदस्यों की सहायता करें. याद रखें, यदि आप अक्षम हो गए तो किसी की भी सहायता नहीं कर पाएंगे.
  • यदि धुआं है तो अपना सिर नीचे रखें. यदि कोई भी सुरक्षा उपाय नहीं है तो अपना रूमाल पानी में भिगोएं और उसे अपनी नाक पर रख लें. यह कार्बन कणों को कुछ दूर करेगा, आप अच्छी तरह सांस ले सकेंगे.
  • यदि कमरे में आग लग गई है और दरवाजा बंद है तो तुरंत दरवाजा न खोलें. पहले हाथ से दरवाजा छुएं कि कितना गरम है. यदि ज्यादा गरम नहीं है तो घुटनों पर झुक जाएं ताकि जब आप दरवाजा खोलें तो लपटों या धुएं से नुकसान कम से कम हो. धुआं या लपटें दिखें तो फौरन दरवाजा बंद कर दें. आपातकालीन सेवा से संपर्क करें और स्थान खाली कर दें.
  • आग लगने पर तुरंत बाहर चले जाएं. यदि बाहर नहीं जा सकते और कमरा धुएं से भर गया है, तो ताजी हवा के लिए तुरंत खिड़कियां खोल दें. जितना धुआं आप की सांसों में जाएगा, उतनी ही स्थिति प्रतिकूल हो जाएगी. धुएं से अगर कोई बेहोश हो जाए तो यथाशीघ्र उसे हवादार जगह पर शिफ्ट कर दें.
  • हर व्यक्ति को बेसिक लाइफ सपोर्ट की ट्रेनिंग लेनी चाहिए. इस से आप विषम परिस्थितियों में भी लोगों की जान बचा सकते हैं.
  • आग लगने पर लिफ्ट का प्रयोग न करें. सीढि़यों से उतरने में ही सुरक्षा है.
  • यदि कोई व्यक्ति आग से झुलस गया हो तो उसे जमीन पर न लिटाएं. उसे कंबल या किसी भारी कपड़े में लपेटने की कोशिश करें.

विशेषज्ञों द्वारा बताई गई इन बातों की सभी को जानकारी होनी जरूरी है ताकि अनहोनी होने पर सभी अपनी व अपने प्रियजनों की जान बचा सकें.

CLICK HERE                               CLICK HERE                                    CLICK HERE

और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...