मानव को वातावरण और मानवीय रिश्तों से तालमेल बिठाना पड़ता है. जो ऐसा करने में सफल होता है उस के लिए सैल्फ ऐक्चुलाइजेशन बहुत आसान हो जाता है. मशहूर मनोवैज्ञानिक मैस्लो के अनुसार, मनुष्य की 5 आवश्यकताएं होती हैं. पहली आवश्यकता रोटी, कपड़ा और मकान की होती है. दूसरी आवश्यकता है सुरक्षा की. तीसरी आवश्यकता है प्यार पाने की. चौथी आवश्यकता सम्मान मिलने की होती है. पांचवी आवश्यकता सैल्फ ऐक्चुलाइजेशन. इस का अर्थ ऐसी जरूरत से है जो जीवन के मकसद से संबंधित है यानी जो आप बनना चाहते हैं वैसे बन सकें. यह जीवन का मिशन या यों समझिए कि यह ऊंचे स्तर का उद्देश्य होता है जिस के लिए आप पूरे जनून के साथ उसे प्राप्त करने के लिए लग जाते हैं.

सैल्फ ऐक्चुलाइज्ड व्यक्ति के लक्षणों और गुणों को इस तरह बयां किया जा सकता है :

  1. वह जीवन की वास्तविकता का ज्ञान रखता है और सूझबूझ के साथ जीवन की जटिल समस्याओं का हल ढूंढ़ निकालता है. संघर्ष का मुकाबला डट कर करता है.
  2. खुद को और संपर्क में आने वाले लोगों को, वे जैसे हैं, स्वीकार करता है, सहयोग करता है.
  3. अपनी सोच और क्रियाकलापों को संयोजित व नियंत्रित रखता है. उस की सकारात्मक सोच ऐसा करने में उस की मदद करती है.
  4. समस्याओं पर ध्यान केंद्रित कर, उन का समाधान विवेक और व्यावहारिकता के साथ निकालता है.
  5. वह काम से काम रखता है. अपनी निजता में किसी को दखल नहीं देने देता है.
  6. पूर्ण स्वतंत्रता से कार्य करता है, अपने माहौल को अपने अनुकूल बनाने की कला में माहिर होता है.
  7. अपने अनुभव और दूसरों के अनुभव से सीखते हुए लगातार अपनी कार्यशैली में सुधार ला कर अपने काम में निपुणता लाने का प्रयास करता है. इस प्रकार वह अपनी सफलता निश्चित करता है.
  8. वह अपने आत्मसम्मान को ध्यान में रखते हुए हालात से अनावश्यक समझौता नहीं करता. लोगों के साथ अच्छा व्यवहार बनाए रखता है ताकि उन का सहयोग अपने काम के लिए हासिल कर सके.
  9. लोगों के साथ अच्छे संबंध बनाना उसे रुचिकर लगता है.
  10. तानाशाह न हो कर वह लोकतांत्रिक रवैया बनाए रखता है, लोगों के साथ मिलजुल कर आगे बढ़ता है.
  11. ऐसे लोग रचनात्मक होते हैं. रचनात्मक होने के कारण उन का जीवन नएनए अनुभवों से भरा होता है. वे लकीर के फकीर नहीं होते. परंपरा का निर्वाह करते हुए नित नवीन तरीकों से अपने काम की गुणवत्ता बनाए रखते हैं.

सैल्फ ऐक्चुलाइजेशन के जीतेजागते उदाहरण हैं सानिया मिर्जा, साइना नेहवाल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, शाहरुख खान, अमिताभ बच्चन, लता मंगेशकर, आशा भोंसले, सचिन तेंदुलकर आदि. इतिहास में इस बात के प्रमाण मिलते हैं कि जो महान शख्सीयतें जीवन में उपलब्धियों को हासिल कर पाईं उन में ऊपर लिखे हुए लक्षणों और गुणों का बढि़या समन्वय था. उन शख्सीयतों में स्वामी विवेकानंद, जौन एफ कैनेडी, अब्राहम लिंकन, शेक्सपियर, तुलसीदास, को शामिल किया जा सकता है.

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