गरमी के दिनों में सबसे अधिक परेशानी चिड़ियों को होती है.खासतौर पर घरों में रहने वाली गोरैया जैसी चिड़िया परेशान होती है. इनको गरमी में पीने के लिये पानी और खाने के लिये दाना तक नहीं मिलता. यही वजह है कि गोरैया तेजी से खत्म हो रही है. इसको लेकर पूरा देश चिंता में है और गोरैया बचाने के उपाय भी किये जा रहे हैं. उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ सहित अम्बेडकर नगर और कुशीनगर में तीन संस्थायें हमराह फाउडेंशन, उर्मिला द सुमन फाउेशन और ग्रो ग्रीन सेव अर्थ फाउडेंशन प्रमुख है. ग्रो ग्रीन सेव अर्थ फाउडेंशन ने ऐसे पक्षियों के लिये वाटर टू कैंपेनिग हर घर आशियाना अभियान शुरू किया गया.

हर साल 14 अप्रैल से इसकी शुरुआत होती है. इस साल यह अभियान लखनऊ के चिडियाघर से शुरू हुआ. यह अभियान जुलाई माह तक चलता है. जब बरसात होने लगती है तो चिड़ियों को पीने के लिये पानी की जरूरत खत्म हो जाती है. लखनऊ चिड़ियाघर के डायरेक्टर अनुपम गुप्ता और पीयूष श्रीवास्तव ने ग्रो ग्रीन सेव अर्थ फाउडेंशन के विमलेश निगम के साथ मिलकर पेडों में मिट्टी के पौट लगाये. जिसमें पानी रखा जायेगा और चिडिया गरमी से बचने के लिये इस पानी को पी सकेगी.

इस अभियान को और तेज करने के लिये लखनऊ विश्वविद्यालय विधि संकाय के छात्रों ने अपने फेयरवेट पार्टी में रैंप शो किया और मिट्टी के बरतन लेकर लोगों को बताया कि वह अपनी छतों या खाली जगहों पर इसमें पानी भर कर रखें. मौडलों की तरह लड़कियों ने इस अभियान को एक अलग रूप में पेश किया. 

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