रिमझिम बारिश और सुहावने मौसम के लालच में आकर सत्यम ने अपने सभी दोस्तों को फोन घुमाया और बाहर चलने का प्लान बनाया. सभी दोस्त सत्यम की बात से से घूमने के लिए तैयार हो गए. 10 दोस्तों की टोली गाड़ी में सवार कानपुर स्थित गंगा बैराज पहुंची. सभी दोस्तों ने तय किया कि एकएक डुबकी लगाने के बाद घर वापस लौट जाएंगे. तय कार्यक्रम के मुताबिक सभी ने एकएक डुबकी लगाई, लेकिन बाद में सभी गाड़ी पर वापस लौटने की जगह सीढि़यों पर नदी में पैर लटका कर लेट गए और अपने मोबाइल फोन से सैल्फी खींचने लगे. कुछ देर बाद ही सत्यम के एक दोस्त ने कहा की कोई मेरा पैर खींच रहा है. सभी दोस्तों ने सत्यम की बात को हवा में लेते हुए उस का मजाक बनाना शुरू कर दिया, लेकिन देखते ही देखते सत्यम एक दोस्त डूबने लगा. उस की चीख ने सभी दोस्तों का ध्यान सैल्फी से उस की ओर खींचा.
कुछ दोस्त उसे बचाने के लिए पानी में कूदे लेकिन वे भी डूबने लगे. दोस्तों को डूबता देख सत्यम और उस के अन्य दोस्त भी नदी में कूद गए. लेकिन सभी एक भवर में फंसते चले गए. दूर से यह सब देख रहा आदमी भी नदी में सभी को बचाने के लिए कूद पड़ा. सत्यम के 4 दोस्तों को बचाने के बाद वह और 6 लड़के नदी के साथ ही बह गए. चंद मिनटों में सुहावना मौसम खौफनाक हो गया. खुशियां मातम में बदल गईं और सैल्फी जीवन की आखिरी तसवीर बन कर रह गई. 10 में से बचे हुए 4 दोस्त यही सोच रहे थे कि काश आज सत्यम ने यह प्लान न बनाया होता, काश एकएक डुबकी लगाने के बाद हम सब वापस हो लिए होते, तो शायद जिंदगी दोस्तों को यूं अलविदा न कहती.
22 जून 2016 को हुआ यह हादसा खौफनाक होने के साथ ही चेतावनी देने वाला भी है. युवाओं में बढ़ते सैल्फी के क्रेज ने सैल्फी डैथ के ट्रैंड को बढ़ावा दिया है. वैसे यह कोई पहला हादसा नहीं है. इस वर्ष ऐसे तकरीबन 10 हादसे संज्ञान में आ चुके हैं और न जाने कितनों की रिपोर्ट ही दर्ज नहीं कराई गई है. चौकाने वाले आंकड़े तो यह भी कहते हैं कि दुनिया में भारत एक ऐसा देश है जहां सबसे अधिक सैल्फी डैथ होती हैं. वौशिंगटन पोस्ट वैबसाइट के मुताबिक वर्ष 2015 में दुनिया भर में सैल्फी लेते वक्त 27 लोगों की मौत हुई थी जिनमें से 15 मौतें भारत में ही हुई थी.
इसे विडंबना ही कहा जाएगा की महज सैल्फी लेने के क्रेज में युवा पीढ़ी अपने जीवन गवाने तक को तैयार है. आड़े तिरछे मुंह बना कर और विपरीत परिस्थितियों में भी सैल्फी लेने की लोकप्रियता ने युवाओं को पागल बना दिया है. यह पागलपन ही उन्हें मौत के करीब ले जा रहा है. हैरानी की बात तो यह है, कि सैल्फी का क्रेज सिर्फ कुछ युवाओं को नहीं बल्कि देश के सभी युवाओं, बच्चों और बूढ़ों में देखा जा रहा है. खासतौर पर 15 से 30 वर्ष के लोगों में सैल्फी की लोकप्रियता कुछ अधिक ही दिख रही है. इस की वजह है खुदी की पब्लिसिटी और लोगों के चंद कमैंट्स का लालच.
खतरनाक सैल्फी के दीवाने युवा
वैसे देखा जाए तो सेल्फी लेना गुनाह नहीं है लेकिन हां, इसे बुरी लत जरूर कहा जा सकता है और यह लत आज देश के हर युवा को लग चुकी है. इस से भी बुरी बात यह है कि युवा साधारण तसवीर खींचने की जगह असाधारण तसवीर खींचने में ज्यादा यकीन रखने लगे हैं. एक अध्ययन के मुताबिक युवाओं को खतरनाक परिस्थितियों में तसवीर खींचने में जो सफलता मिलती है वह उन्हें इस बात पर भरोसा दिलाती है कि वह भी रचनात्मक और रोचक हैं.
वास्तव में यह सफलता कुछ देर का सकून जरूर हासिल करा देती है, लेकिन इससे होने वाले नुकसान का गुणाभाग कोई भी युवा नहीं लगाता. बल्कि सैल्फी लेते वक्त युवा खुद पर कम और अपने बैकग्राउंड पर अधिक फोकस करता है. इस से वह दूसरों के आगे यह साबित करना चाहता है कि, देखों मैं कितना बहादुर हूं और इस तरह की यह एकलौती तसवीर है. मगर अपनी बहादुरी का सबूत महज एक सैल्फी से कैसे दिया जा सकता है.
इस बात पर युवाओं को विचार करना चाहिए. यह सिर्फ एक पागलपन है और मजे की बात तो यह हैकि इस पागलपन की दुनिया भर में कोई दवा भी नहीं. अधिकतर युवाओं में जंगली जानवरों, नदी समुद्र, पुल, झरनों, पहाड़ों और ऊंची इमारतों पर चढ़ कर सैल्फी लेने की सनक देखी गई है. कुछ इससे भी अव्वल होते हैं और खतरना वस्तुओं जैसे पिस्तौल या चाकू के साथ भी सैल्फी लेना पसंद करते हैं. इसी वर्ष 1 मई को ऐसी ही एक घटना सामने आई जिस में महज 15 वर्ष के एक बच्चे ने सैल्फी के चक्कर में खुद को ही मार डाला. दरअसल घटना पठानकोट की है. एक बच्चे ने अपने पिता की रिवौल्वर के साथ सेल्फी लेनी चाहिए और उसी दौरान गोली उस के सिर के आरपार हो गई.
माता पिता भी हैं जिम्मेदार
इस तरह की अन्य घटनाएं भी हैं. लेकिन इस तरह के हादसे न हों अगर बच्चों और युवाओं के मातापिता अलर्ट हो जाएं आजकल के टैकसेवी मातापिता बच्चों के आगे ही अपने स्मार्टफोन से चिपके रहते हैं. बच्चे भी मातापिता की इन आदतों को अडौप्ट कर लेते हैं और स्मार्टफोन खरीदने की मातापिता से जिद कर बैठते हैं. मातापिता भी बच्चों की जिद पूर कर देते हैं. यहां से शुरू होती है. सोशल नैटवर्किंग साइट्स से जुड़ने की लत.
औनलाइन सेफ्टी एडवाइजरी वैबसाइट नौथनैट की सोशल एज रिपोर्ट के मुताबिक 8 से 16 वर्ष के बच्चे, जो अभी सोशल नैटवर्किंग साइट्स पर अपना प्रोफाइल बनाने के लिए अंडर ऐज हैं, वे धड़ल्ले से फेसबुक, इंस्टाग्राम और बीबीएम में ऐक्टिव हैं. इस के लिए वे अपने ही मातापिता के प्रोफाइल, फेक अकाउंट और गलत जानकारियों का प्रयोग भी कर रहे हैं.
आंकड़ों के मुताबिक लगभग 40 प्रतिशत बच्चे वाट्सएप, 24 प्रतिशत बीबीएम और 52 प्रतिशत बच्चे फेसबुक से गलत तरह से जुड़े हुए हैं. इन बच्चों में अपने ही दोस्तों में अपनी लोकप्रियता को बढ़ाने का लालच है. जिस के लिए यह तरहतरह की लुभावनी पोस्ट करते रहते हैं. इन में से सब से अधिक पोस्ट में उन की सैल्फी होती हैं. इन तसवीरों पर आई लाइक्स और कमैंट्स का लालच ही उन्हें तरहतरह की खतरनाक तसवीरें लेने के लिए प्रोत्साहित करता है. यह सब कुछ बच्चे के मातापिता की नाक के नीचे ही हो रहा होता है. बल्कि मातापिता खुद भी अपने बच्चों की तसवीरों को फेसबुक और इंस्टाग्राम पर अपलोड करते रहते हैं. यह देख कर बच्चों को और भी अधिक बढ़ावा मिलता है, क्योंकि जो कार्य मातापिता करते हैं बच्चे अकसर उसे दोहराते हैं और हिचकते नहीं हैं क्योंकि बच्चों की मानसिकता होती है कि जो मातापिता कर रहे हैं वह कार्य गलत नहीं हो सकता.
बात फिर वहीं आकर अटक जाती है कि सैल्फी लेना क्राइम नहीं लेकिन गलत जगह और विपरीत परिस्थितियों में सैल्फी लेना खतरनाक जरूर है. इसी वर्ष अप्रैल माह में सहारनपुर के 3 लड़कों ने सैल्फी के लिए रेलवे ट्रैक का चुनाव किया. तीनों दोस्तों में तय हुआ कि जब ट्रेन दूर से ट्रैक पर दिखने लगेगी तब वह तीनों बारीबारी से ट्रेन के साथ सैल्फी लेंगे. लेकिन पटरियों पर सरपट दौड़ती ट्रेन ने उन्हें यह मौका नहीं दिया और तीनों को कुचलते हुए आगे बढ़ गई. पीछे छूट गए तो बस लड़कों के कटे फटे शव.
बचपन में यदि रेल में सफर के दौरान मातापिता अपने बच्चों को यह समझाएं कि चलती ट्रेन उन का क्याक्या बिगाड़ सकती है, तो शायद इस तरह के हादसे थम जाएं. लेकिन ट्रेन के आगे सेल्फी लेने का यह अकेला हादसा नहीं है बल्कि पहले भी कई युवा चलती ट्रेन के दरवाजे पर लटक कर वीडियो बनाते, पीछे से आती ट्रेन के सामने स्टंट करते हुए तसवीर खींचते चपेट में आकर जान गंवा चुके हैं या हाथ पैर कटवा चुके हैं. कानून के मुताबिक ऐसे लोग, जो स्टेशन पर सैल्फी खींचते या ट्रेन के साथ तसवीर लेते पाए जाएंगे उन पर आईपीसी की धारा 307 के तहत अटेम्प्ट टू सुसाइड का मामला चलेगा. इसलिए समझदारी इसी में है कि सैल्फी लें मगर सुरक्षित स्थान पर.
सेल्फी डैथ की अन्य घटनाएं
जनवरी 2016
1. 20 वर्षीय अभिषेक गुप्ता की जम्मू के रेआसी फोर्ट (भीमगढ़ किले) पर ऊंचाई से गिर कर मौत हो गई. गरने से पूर्व अभिषेक ऊंचाई के साथ खुद को कैमरे में कैद करने की कोशिश कर रहा था.
2. मुंबई का चर्चित तरन्नुम सैल्फी डैथ केस भी कुछ ऐसी ही कहानी बयां करता है. 20 वर्ष की तरन्नुम अपने 2 दोस्तों के साथ बांद्रा में समुद्र किनारे एक रौक पर खड़े होकर सैल्फी ले रही थी. समुद्र की एक ऊंची लहर ने तीनों को बहा कर ले गई. 2 लड़कियां वापस आती लहर के साथ किनारे आगईं लेकिन तरन्नुम को लेहर गहरे में ले गई, जहां डूब कर उस की मौत हो गई.
फरवरी 2016
1. नासिक के वालदेवी डैम पर खड़े एक कालेज गोइंग लड़के की सैल्फी लेते वक्त डैम में गिर कर मौत हो गई.
2. मंदया इंस्टिट्यूट औफ मैडिकल साइंस, बेंगलूरू के एक छात्र की नहर के साथ सैल्फी लेते वक्त उस में गिर कर मौत हो गई.
3. चेन्नई में सेल्फी लेने के चक्कर में 16 वर्ष के 11 वीं में पढ़ने वाले एक छात्र की मौत हो गई. वह ट्रेन के आगे खड़े होकर सैल्फी ले रहा था तब ही ट्रेन उस के ऊपर से गुजर गई.
4. गोआ में 5 दोस्त एक रौक पर खड़े हो कर सैल्फी लेने के चक्कर में ऊंचाई से गिर गए और उन्हें गहरी चोटें आई.
अप्रैल 2016
1. 5 अप्रैल को हैदराबाद में 16 साल के एक युवक की सैल्फी लेने के चक्कर में मौत हो गई. युवक रौक फाउंटेन पर खड़ा हो कर सैल्फी लेने की कोशिश कर रहा था.
2. 15 अप्रैल को मिरजापुर, उत्तर प्रदेश में 2 युवाओं की ट्रेन से कटकर मौत हो गई. दोनों ही चलती ट्रेन के साथ सैल्फी ले रहे थे.
3. 26 अप्रैल को तमिल नाडू के गांव में 25 वर्ष के एक युवक की तालाब के किनारे खड़े होकर सैल्फी लेने की ख्वाहिश ने उसे मौत के आगोश में ले लिया.
जून 2016
1. 3 जून को 18 वर्ष के एक युवक की गंगा नदी में अपनी मां के साथ डुबकी लगाते वक्त सैल्फी लेने की कोशिश में जान चली गई. घटना पश्चिम बंगाल की है.
2. 12 जून को 23 वर्ष के एक युवक की गुजरात के एक शहर में बने डैम पर खड़े होकर सैल्फी लेने के चक्कर में नदी में गिर कर मौत हो गई. लड़के को बचाने के लिए नदी में छलांग लगाने वाले उस के दोस्त ने भी अपनी जान गवा दी.
VIDEO : मैटेलिक कलर स्मोकी आईज मेकअप
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