न्यूईयर ईव का मतलब फुल नाइट मौजमस्ती, खानापीना, डीजे पर थिरकना और 12 बजते ही एकदूसरे को शुभकामनाएं देने व मैसेज भेजने का सिलसिला शुरू हो जाता है. यहां तक कि हम न्यू ईयर के जश्न के लिए कई दिन पहले से तैयारियां शुरू कर देते हैं ताकि सैलिबे्रशन में कहीं कोई कमी न रहने पाए. हर जगह और हर स्तर पर अपनेअपने तरीके से न्यू ईयर मनाया जाता है, क्योंकि यह इंटरनैशनल फैस्टिवल जो है. कोई भी देश न्यू ईयर मनाने में कोई कोरकसर नहीं छोड़ना चाहता.
आखिर हम नए साल का जश्न मनाते ही इसीलिए हैं ताकि जिस जश्न के साथ हम ने नए साल का स्वागत किया है वही उल्लास और उत्साह पूरे साल हमारे जीवन में बना रहे. न कोई दुख हमारे जिंदगी को छुए और हम हर दम यों ही चहकते रहें, लेकिन युवाओं को इस बात को समझना होगा कि न्यू ईयर का जश्न एक दिन मना कर फीका न पड़े साथ ही यह भी समझें कि आखिर नया साल है क्या? नए साल का मतलब नई शुरुआत, नई सोच, विचारों को नई दिशा देना है. खुद को बदल कर समाज व देश में नई क्रांति लाना है. जब हम इस बात को समझ जाएंगे तो हमें सिर्फ पहली जनवरी या फिर 31 दिसंबर की ईव पर ही जश्न मनाने की जरूरत नहीं पड़ेगी बल्कि हमारे लिए हर दिन जश्न का दिन होगा. तो फिर इस बार न्यू ईयर पर जश्न के साथसाथ अपनी सोच को भी नई दिशा दें.
जश्न में न रहने पाए कमी
सब नए साल का स्वागत अपनेअपने तरीके से करते हैं. कोई इस दिन को दोस्तों संग मनाना पसंद करता है तो कोई फैमिली के साथ. आप चाहे इस दिन को किसी के साथ भी मनाएं लेकिन फन में कमी नहीं रहनी चाहिए. साथ ही आप का मूड भी पार्टी के लिए तैयार होना चाहिए. जिस तरह ‘ये दिन न मिलेंगे दोबारा’ ठीक उसी तरह न तो 31 दिसंबर, 2015 की ईव दोबारा आएगी और न ही 1 जनवरी, 2016 की सुबह इसलिए फन में कमी न आने दें. इस के लिए पहले से ही तैयारी करनी चाहिए वरना लास्ट मूवमैंट पर तैयारी करने का मतलब है अपना मूड खराब करना.
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