विभिन्न जाति के पक्षी अलगअलग डिजाइन व आकार के घोंसले बनाते हैं. अधिकतर पक्षी किसी पेड़ की ऊंची, चौड़ी शाखा पर घासफूंस व तिनकों से घोंसला बनाते हैं. कठफोड़वा पक्षी पेड़ के तने में अपनी चोंच से बड़ा सा छेद कर के घोंसला बनाता है लेकिन बया पक्षी कुछ अलग हट कर वृक्ष की डाल से लटकता हुआ इतना खूबसूरत घोंसला बनाता है कि उसे देख कर आश्चर्य होता है. यही नहीं, कई बार तो एक ही वृक्ष पर बया के लटकते हुए बहुत से आकर्षक घोंसले देखे जा सकते हैं. बया के घोंसले लौकी के आकार के होते हैं. ऊपर से पतले और नीचे से गोल. ये घोंसले पेड़ों पर झूलते हुए दिखाई देते हैं, लेकिन ये इतने मजबूत होते हैं कि कभी नीचे नहीं गिरते, भयंकर आंधी आने पर भी झूलते रहते हैं.
दूसरे पक्षियों में नर और मादा मिल कर घोंसले बनाते हैं जबकि नर बया ही अपने नर साथियों के साथ मिल कर घोंसले बनाते हैं. नर बया अधिकतर बबूल के वृक्ष पर अपने घोंसले बनाता है, जबकि दूसरे पक्षी बबूल के वृक्ष से दूर रहते हैं. बबूल के कांटों के कारण शत्रुओं से घोंसले की सुरक्षा होती है. बया के घोंसले ऊपर से पतले व नीचे से गोलाकार होते हैं. ऊपर की ओर से घोंसले में आनेजाने का रास्ता होता है जबकि नीचे की ओर 2 कोष्ठ होते हैं. एक कोष्ठ में मादा बया अंडे देती है. उस कोष्ठ को बंद रखा जाता है. कोष्ठ को बंद रखने से शत्रुओं से अंडों की सुरक्षा होती है.
नर बया बारिश का मौसम शुरू होते ही घोंसले बनाना शुरू करता है. कई नर बया मिल कर घोंसला बनाते हैं. जब पूरा घोंसला बन जाता है तो मादा बया आ कर उस का निरीक्षण करती है. यदि उसे घोंसला पसंद नहीं आता तो नर बया को दूसरा घोंसला बनाना पड़ता है. घोंसला पसंद आने पर नर और मादा उस घोंसले में पतिपत्नी की तरह मिल कर रहते हैं. कुछ दिन बाद मादा वहां अंडे देती है. अंडे देने के बाद उस कोष्ठ को बंद कर दिया जाता है. मादा बया अंडों पर बैठ कर अंडे सेती है. नर बया उसी वृक्ष पर दूसरा घोंसला बनाना शुरू कर देता है. जब दूसरा घोंसला बन कर तैयार हो जाता है तो कोई अन्य मादा बया वहां आ कर रहने लगती है. नर बया भी उस के साथ रहने लगता है. मादा बया उस नर बया की दूसरी पत्नी बन जाती है. उस मादा बया के अंडे देने पर नर बया दूसरा घोंसला बनाना शुरू कर देता है. कुछ ही महीने में उस वृक्ष पर बया के कई घोंसले दिखाई देने लगते हैं. आसपास के वृक्षों पर भी बया के घोंसले होने से यह घोंसलों की बस्ती दिखाई देती है.