कन्हैयालाल रस्तोगी लखनऊ के जानेमाने कारोबारी हैं. सोने के साथ रियल एस्टेट, ईंट भट्ठा और ब्याज पर पैसे लेनदेन का कारोबार है, जिसे वह अपने परिवार के साथ चलाते हैं. कन्हैयालाल रस्तोगी के घर आयकर विभाग की छापेमारी के बाद जिस तरह से कुबेर का खजाना मिला, उस से लखनऊ के लोग हतप्रभ रह गए.

लखनऊ में रस्तोगी बंधु के नाम से कन्हैयालाल रस्तोगी और संजय रस्तोगी का बहुत पुराना कारोबार है. राजा बाजार में इन का अपना निजी आवास है. सुभाष मार्ग पर इन का कार्यालय है. रस्तोगी बंधु अपना कारोबार मिलजुल कर चलाते हैं.

लखनऊ में रस्तोगी बिरादरी का सोने, चांदी और ब्याज पर पैसे देने का पुश्तैनी कारोबार होता है. रस्तोगी बंधु के नाम से मशहूर कन्हैयालाल रस्तोगी और संजय रस्तोगी का लखनऊ के अलावा मुंबई में भी कामकाज था. लखनऊ के सर्राफा कारोबार में इन की अपनी अलग साख थी. कुछ सालों पहले इन लोगों ने प्रौपर्टी के कारोबार में अपनी पूंजी लगा दी थी.

सोना और प्रौपर्टी दोनों ही ब्लैकमनी को खपाने के सब से बड़े ठिकाने बन कर उभर रहे हैं. ऐसे में रस्तोगी बंधु आयकर विभाग के निशाने पर आ गए. आयकर विभाग को पता चला कि रस्तोगी बंधु प्रौपर्टी और सर्राफा कारोबार के साथ हवाला के जरिए पैसों का भी लेनदेन करते हैं. लखनऊ स्थित आयकर विभाग की जांच इकाई ने 17 जुलाई, 2018 की सुबह 8 बजे डिप्टी कमिश्नर रवि मल्होत्रा के नेतृत्व में रस्तोगी बंधु के राजाबाजार और सुभाष मार्ग स्थित ठिकानों पर छापेमारी की.

आयकर विभाग को अपने सूत्रों से जो जानकारी मिली थी, उस से कहीं अधिक नकदी और सोनेचांदी यहां से मिलने शुरू हुए. ऐसे में आयकर विभाग को अपनी छापेमारी का काम 17 जुलाई, 2018 को पूरा होता नहीं दिखा तो 18 जुलाई को आयकर विभाग की दूसरी टीम ने एडीशनल कमिश्नर पूजा पाल की अगुवाई में जांचपड़ताल शुरू की.

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