यौन उत्पीड़न की घटनाओं से भारतीय समाज ही नहीं, अमेरिकी समाज भी उद्वेलित है लेकिन विभाजित है. हाल की सुखिर्यों में रहीं कुछ खबरों पर गौर करें तो उन में एक खास बात यह है कि समाज समर्थन और विरोध दो हिस्सों में बंटा हुआ दिखाई दे रहा है.

पहले बात करते हैं अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के जज ब्रेट कानावाह की. ब्रेट पर 3 महिलाओं ने यौन शोषण का आरोप लगाया था. इसे ले कर अमेरिका में कई जगहों पर प्रदर्शन हुए और उन्हें जज नियुक्त नहीं किए जाने की मांग की गई पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यौन आरोपों के बावजूद शुरू से ही ब्रेट का समर्थन किया और अमेरिकी सीनेट में कावानाह के पक्ष में 50 तो विपक्ष में 48 वोट पड़े.

विवाद के बावजूद रिपब्लिकन सांसद ब्रेट के पक्ष में खड़े रहे. आखिर उन्हें शपथ दिला दी गई. ट्रंप के अलावा अमेरिका में कुछ संगठन भी ब्रेट के पक्ष में खड़े थे. करीब 36 साल पहले एक महिला ने ब्रेट पर छेड़छाड़ का आरोप लगाया था.

इधर अब भारत में अचानक बौलीवुड कलाकारों को यौन शोषण की याद आई और एक के बाद एक आरोप सामने आने लगे. 10 साल पहले एक फिल्म में साथ काम करने के दौरान पूर्व मिस इंडिया रही तनुश्री दत्ता ने नाना पाटेकर पर यौन उत्पीड़न किए जाने का आरोप लगाया है.

यह मामला ठंडा भी नहीं पड़ा कि क्वीन फिल्म के लिए सर्वश्रेष्ठ अदाकारा का राष्ट्रीय पुरस्कार जीतने वाली कंगना रनौत ने फिल्म के निर्देशक विकास बहल पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगा दिया. कंगना के कहा है कि विकास बहल ने कई बार उसे असहज महसूस कराया. कंगना का कथित प्रेम संबंध को ले कर अभिनेता रितिक रोशन से भी लंबे समय से विवाद रहा है.

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