दीवाली का आतिशबाजी से गहरा नाता है, लेकिन बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए अब इस पर रोक लगाना बहुत जरूरी है. पटाखे जला कर जहां धन की बरबादी होती है, वहीं वातावरण भी इससे काफी ज्यादा प्रदूषित होता है, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक है. हम सब को पटाखे जलाने से पहले एक बार जरूर यह सोचना चाहिए क्या हम अपने स्वास्थ्य और पर्यावरण के साथ खिलवाड़ नहीं कर रहे हैं.

दीवाली का त्योहार मनाने के लिए हम जितना पैसा पटाखे खरीदने में खर्च करते हैं, अगर वही पैसा हम किसी जरूरतमंद को दें, तो वह भी खुशी से इस त्योहार को मना सकता है.

पटाखों से सब से ज्यादा खतरा बच्चों को रहता है, इसलिए अपने नन्हेमुन्नों को इन से दूर रखना ही बेहतर है. दीवाली पटाखा जला कर प्रदूषण फैलाने का नहीं, बल्कि खुशियां बांटने और घरों को रोशन करने का त्योहार है. सब के साथ मिलजुल कर दीवाली मनाने का अपना अलग ही मजा होता है. अपनों को तोहफे बांट कर पर्व का मजा लिया जा सकता है.

दीवाली की खुशियों में सेहत को न करें नजरअंदाज

दीवाली के अवसर पर कुछ बातों का ध्‍यान रखें, जरा सी लापरवाही आप पर भारी पड़ सकती है.

  • पटाखों की तेज आवाज कानों पर विपरीत असर डाल सकती है, इसलिए पटाखों से दूरी बनाकर रखें.
  • पटाखों का धुआं सांस संबंधी बीमारी और एलर्जी के साथ ही कई परेशानियों का कारण बन सकता है. अस्थमा के मरीजों के लिए यह बहुत नुकसानदेह है. साथ ही इससे आंखों पर भी विपरीत असर पड़ने की आशंका बनी रहती है. पटाखों से दूरी बनाएं रखना आप के लिए ही फायदेमंद है.
  • आप के घर में यदि छोटे बच्चे या गर्भवती महिलाएं हैं, तो आप को तेज आवाज वाले पटाखों से बचना चाहिए. धमाकों की तेज आवाज छोटे बच्‍चों के साथ ही गर्भस्थ शिशु के कान और दिल पर भी असर डाल सकती है.
  • दीवाली पर कई बार अनार, रौकेट और बम आदि लोगों की आंखों में जख्म का कारण बन जाते हैं. यहां तक कि कई लोगों के आंखों की रोशनी भी जा सकती है. इसलिए सावधानी बरतें,
  • अस्थमा, सांस की बीमारी से पी‍ड़ि‍त और दिल के रोगियों को पटाखे जलाने से बचना चाहिए.
  • दीवाली मिठाइयों का त्‍योहार है, लेकिन यदि आप मधुमेह रोगी हैं तो आप के लिए ज्‍यादा मिठाई खाना नुकसानदेह हो सकता है. संभव हो तो आप ड्राई फ्रूट्स का सेवन करें. इस समय मिठाईयों में मिलावट की आशंका रहती है.
  • यदि आपको धुएं से एलर्जी है तो आप धुएं और प्रदूषण से बचने के लिए बाहर कम निकलें. साथ ही आप सांस के साथ प्रदूषण के कण अंदर जाने से रोकने के लिए मुंह पर गीला रूमाल रख सकते हैं।
  • यदि आप अस्थमा के रोगी हैं और घर से बाहर जा रहे हैं तो दवाई और इन्‍हेलर अपने साथ रखें. ताकि किसी भी तरह की परेशानी होने पर इसका इसका इस्‍तेमाल कर सकें.
  • पटाखों को घर के आंगन में न जलाकर खाली प्‍लान या मैदान में जलाना चाहिए. पटाखें जलाने के लिए टिन या खाली बोतल का इस्‍तेमाल भी खतरनाक हो सकता है.
  • पटाखों को जलाते समय आपको अपने आसपास पानी से भरी बाल्टियां तैयार रखनी चाहिए. ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति से आप तुरंत निबट सकें।

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