जान कर आश्चर्य होगा आप को कि जिस देश में स्त्री को देवी का रूप बता कर पूजा जाता है, वह सरेराह, गलीगली में बिकती भी है और खरीदार उस की देह देख कर कीमत भी लगाते हैं. आप को यह जान कर भी आश्चर्य होगा कि देश के उन धार्मिक जगहों पर, जहां देवीदेवताओं को पूजने मीलों चल कर लोग आते हैं, रात के अंधेरे में उसी शहर के किसी बदनाम गली में औरतें खरीदने की चीज बन जाती हैं. यों धर्म में स्त्री को देवी का रूप तो दिया गया पर उसी धर्म के ठेकेदारों ने औरतों का जम कर शोषण किया. ये पत्थर की देवी को पूजते रहे और उधर औरत जगहजगह शोषित होती रही. धार्मिक पोंगापंथी का नजारा देखिए कि देश में उन्हीं जगहों पर औरतों को अधिक वेश्या बनने पर मजबूर भी होना पङा, जहां की भूमि को देवतुल्य माना गया है :

काशी (वाराणसी)

मंदिरों का शहर, तथाकथित धर्म की नगरी काशी में ऐसी बदनाम गलियां भी हैं, जहां खुलेआम वेश्यावृत्ति होती है. यहां रेलवे स्टेशन से कुछ ही दूरी पर शिवदासपुर नाम का एक जगह वेश्यावृत्ति के लिए खासा मशहूर है. दशाश्वमेध घाट से सटा दालमंडी में तो तमाम कानूनी पाबंदियों के बावजूद भी वेश्यावृत्ति होती है. यहां कई पुराने कोठे भी हैं जहां रोज रात को मुजरा गाया जाता है और दिन को शरीफ दिखने वाले लोग रात के अंधेरे में काला कारनामा करते हैं.

प्रयाग (इलाहाबाद)

गंगा, जमुना, सरस्वती नदियों की त्रिवेणी के चलते तीर्थस्थल के रूप में मशहूर इलाहाबाद में जहां कुंभ मेले में लाखों लोग धर्म के ठेकेदारों द्वारा लुटतेपिटते हैं, वहीं यहां के बाजार चौक के मीरगंज इलाके में औरतों की देह की खुल कर बोली लगाई जाती है. यहां कई पुराने व बदनाम कोठे हैं, जहां आज भी रात को घुंघरुओं की आवाजें सुनी जा सकती हैं.

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