लेखिकानिकिता डोगरे

बलात्कार भारत में महिलाओं के खिलाफ होने वाला सबसे आम अपराध हो गया है. हर 6 घंटे में एक महिला रेप का शिकार बन जाती है, जिसमें से हर चौथी लड़की नाबालिग होती है. ऐसी ही एक घटना 11 जनवरी 2021 को मध्य प्रदेश के उमरिया जिले में हुई, जिसके बारे में सुन कर किसी का भी दिल देहेल जाएगा. 13 साल की एक मासूम जबलपुर में अपने पिता के साथ रहती थी और वहीं से अपनी पढ़ाई कर रही थी. पुलिस के अनुसार लड़की के पिता जबलपुर में सरकारी नौकर थे.

9वीं की ये छात्रा लॉकडॉउन के उपरांत कुछ दिनों के लिए अपनी मां के पास जबलपुर से उमरिया आयी थी. 4 जनवरी 2021 को जब वह अपनी मां के साथ बाज़ार में सब्जी खरीदने गई तभी दो दरिंदों ने उसको बहला फुसलाकर उसका अपहरण कर लिया. अपहरण कर वे उस बच्ची को जंगल में अपने पूर्वनिर्धरित अड्डे पर ले गए और वहां  ले जाकर इस शर्मनाक घटना को अंजाम दिया. वहां से निकलने के बाद दोनों अपराधी उस बच्ची को पास के एक ढाबे पर ले गए जहां उनके अन्य साथी मौजूद थे.

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ढाबे के मालिक समेत पांच लोगों ने उस लड़की का बेरहमी से सामूहिक बलात्कार किया और फिर उसको रस्सियों से बांध दिया. पांच दिन तक नाबालिग के साथ दुष्कर्म होता रहा. वहीं उसकी मां अपनी बेटी के खो जाने पर काफी परेशान हो रही थी. आरोपियों ने पीड़िता को किसी को भी कुछ भी बताने या पुलिस में खबर करने पर जान से मार देने की धमकी देकर रिहा कर दिया. भयभीत बालिका ने किसी से भी इस बात का ज़िक्र नहीं किया.

11 जनवरी 2021 को  पहली वारदात में हुए शामिल एक आरोपी ने पुनः उस बालिका का अपहरण करके उसके साथ दुष्कर्म किया और रास्ते पर छोड़ दिया. सहायता करने के बजाय दो ट्रक चालकों ने भी उस नाबालिक का कथित तौर पर बड़ी बेरहमी रेप किया और उसको विलायत कला बड़वारा के समीप टोल नाके पर छोड़ गए. 15 जनवरी 2021 को जैसे तैसे भयभीत बालिका घर पहुंची और उसने अपनी मां के सामने पूरी घटना वर्णित की तब उन्होंने अमरिया पुलिस स्टेशन जाकर उसकी रिपोर्ट दर्ज करवाई. पीड़िता के बयान के आधार पर पुलिस ने गैंग रेप और पोस्को एक्ट के तहत केस दर्ज किया और आगे की कार्रवाही प्रारंभ की. उमरिया पुलिस ने इस बलात्कार के मामले में 7 आरोपियों को पकड़ लिया है और बाकी दो फरार हुए आरोपियों की खोज दो टीमों द्वारा की जा रही है.

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हैरानी की बात तो ये है के बच्ची ने जिससे भी मदद मांगी, उसने ही इस शर्मनाक हरकत को अंजाम दिया. यह मामला काफी गंभीर है और लोगों के असभ्य और पशुवत भाव को दर्शाता है. ऐसी हर चीज पर कठोर प्रतिबंध लगाना चाहिए जो इन लोगों को बढ़ावा देती हैं क्योंकि इस प्रकार घटना पहली बार तो नहीं बल्कि सालों से होती चली आ रही है. एन.सी.आर.बी. के आंकड़ों के अनुसार भारत में हर एक दिन में बलात्कार के 88 मामले दर्ज किए जाते हैं  जिसका अंजाम देश की बेटियों को भुगतना पढ़ता है. कानून को ऐसे लोगों के प्रति और सख्त होना पढ़ेगा क्यूंकि कहीं ना कहीं बढ़ते बलात्कार के मामलों का कारण उन दरिंदों के मन में कानून के प्रति डर का अभाव है.

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