पहली दफा जब नरेंद्र दामोदरदास मोदी प्रधानमंत्री बने थे और अचानक पेट्रोल डीजल आदि के दाम कम होने लगे तो उन्होंने सार्वजनिक रूप से कहा था कि यह उनके प्रधानमंत्री बनने के बाद अपने आप हो रहा है-भावना यह थी कि स्थिति उनके "अच्छे कर्मों" और नेक कदम से, देश में महंगाई कम हो रही है. अन्यथा, कांग्रेस के समय तो देश में मंहगाई को लेकर त्राही त्राही मची हुई थी.

दरअसल, मामला सिर्फ सोच का है. कोई प्रधानमंत्री पद पर बैठा हुआ शख्स ऐसा कैसे कह सकता है कि मेरे पदभार ग्रहण करने के बाद महंगाई कम हो रही है और यह सिर्फ मेरे कारण हो रहा है, खुशहाली आ रही है. आखिर यह मैं मैं क्या है.

और देखिए कि किस तरह आज नरेंद्र दामोदरदास मोदी के प्रधानमंत्री पद पर आसीन रहते आज महंगाई सर चढ़कर बोल रही है.और नरेंद्र मोदी की बोलती बंद है.

वस्तुत: कई ऐसी जींस है जहां कृत्रिम रूप से महंगाई लाई गई है,वह भी हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी के आशीर्वाद से. कैसे?

आइए! नीचे हम आपको विस्तृत रूप से बताने का प्रयास करते हैं.

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आउट ऑफ कंट्रोल महंगाई

देश में महंगाई धीरे-धीरे आउट ऑफ कंट्रोल होती जा रही है. छोटी छोटी और बड़ी चीजें लगातार महंगी होती जा रही है लोगों के हाथों से खिसकती दिखाई दे रही है जिसमें पहली पंक्ति में है- रसोई गैस जो 7 वर्षों में लगभग दोगुने मूल्य पर मिल पा  रहा है.

दरअसल, हमारे यहां सबसे बड़ी बीमारी है जमाखोरी की. आजादी के 75 वर्ष बीत जाने के बाद भी जमाखोरों पर अंकुश लगाने का कोई कारगर सिस्टम हमारे देश में लागू नहीं हो पाया है.

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