Section 306 IPC : आत्महत्या करना या करने के लिए उकसाना दोनों ही अपराध की श्रेणी में आते हैं. आत्महत्या करने वाला तो चला जाता है पर जातेजाते उकसाने वाले पर गाज गिरा जाता है. इस का मुकदमा धारा 306 के तहत चलता है. आखिर क्यों विवादों में अकसर घिरती है यह धारा. पढ़ें विस्तृत रिपोर्ट.

लड़की ने बोला, ‘तू मर जा.’ मैं क्या करता. ब्लैकमेल करने लगी थी वह. बताओ, मैं क्या करता. उस ने घर पहुंच कर आग लगा ली.

15 जून को 24 वर्षीय अजय कुशवाह ने ग्वालियर के अस्पताल में दम तोड़ने के पहले यानी मृत्युपूर्व कथन में अपनी ट्रेजेडिक लव स्टोरी पुलिस वालों को बताई. उस में नया इतना भर है कि अजय ने अपनी मरजी से नहीं बल्कि प्रेमिका किरण मदने के कहने यानी उकसाने पर आत्महत्या की थी. उस के बयान की बिना पर पुलिस ने किरण के खिलाफ बीएनएस अर्थात भारतीय न्याय संहिता की धारा 108 व 3 (5) के तहत मामला दर्ज कर लिया है. लवली के भाई सागर मदने व पिता दशरथ मदने को भी इन्हीं धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया.

इन तीनों पर मुकदमा चलेगा जिस का फैसला कड़ा आएगा और कैसा आएगा, यह कह पाना मुश्किल है. अजय के बयान के मुताबिक तो तीनों मुजरिम ही लगते हैं. थोड़े से में इस प्रेमप्रसंग को समझें तो आगे की बात अर्थात 306 की उलझनें स्पष्ट होती जाएंगी लेकिन उस के भी पहले यह समझ लें कि आत्महत्या के लिए उकसाने वाली उक्त धारा कानूनों के बदलाव के नाम पर नाम बदलने से पहले आईपीसी की धारा 306 के नाम से प्रचलित थी.

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