Kissing History: किसी के प्रति प्यार, खुशी, स्नेह और परवाह को व्यक्त करने के लिए चुंबन या किस करना इंसानों के व्यवहार में स्वाभाविक तौर पर शामिल है. अक्सर लोग खुशी और प्यार का इजहार किस से करते हैं. यह मनुष्य की भावनाओं की अभिव्यक्ति का एक खूबसूरत तरीका है. मांबाप अपने बच्चोँ का चुंबन करते हैं तो दो घनिष्ठ दोस्तों के बीच भी चुंबन का आदानप्रदान होता है लेकिन अपनेपन और स्नेह के इस चुंबन से अलग दो प्रेम करने वालों का आपसी चुंबन बेहद अलग होता है. दो प्रेमियों के इस चुंबन में होंठ, जीभ और मुंह के अंदर का तरल पदार्थ शेयर होता है. ऐसे में एक अहम सवाल उठता है कि आखिर अपनी भावनाओं को किस या चुंबन के जरिए व्यक्त करना इंसानों ने कैसे और कब सीखा?
आइए सब से पहले जानते हैं की मनुष्यों ने कैसे किसी को किस करना सीखा. आज से 50 हजार पहले मनुष्य चुंबन लेना नहीं जानते थे. अपने प्यार और स्नेह को व्यक्त करने के लिए उन्हें यह तरीका मालूम नहीं था.
डेली मेल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि 50,000 साल पहले प्राचीन मानवों ने अपने निकटम संबंधी निएंडरथल मानवों से किस करना सीखा था. अध्ययन से पता चलता है कि निएंडरथल मानवों ने जब मनुष्यों को चूमा, तो होमोसेपियेंस भी उन्हें कौपी करते हुए ऐसा करने लगे और यहीं से चूमने की आदत इंसानों में विकसित हुई.
औक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और फ्लोरिडा इंस्टीट्यूट औफ टेक्नोलौजी के शोधकर्ताओं ने इस बात के प्रमाण इकट्ठा किए हैं कि प्राचीन मानव लगभग 50,000 वर्ष पहले चुंबन करना सीख गए थे. निएंडरथल मानव हमारे सब से निकटम पूर्वज थे, जो लगभग 4 लाख साल से 40 हजार साल पहले तक यूरोप और पश्चिमी एशिया में रहते थे. हमारी प्रजाति, होमो सेपिंस, ने निएंडरथल के साथ संबंध बनाए थे. क्योंकि निएंडरथल डीएनए आज भी लोगों में मौजूद हैं.
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