जब पुरे दुनिया में कोरोना ने कहाराम मचाया है , विश्व में फैले एक वैश्विक महामारी से सभी अपने घरों में कैद होने हो मजबूर है। इस तनाव के समय आपका हसंना कितना मायने रखता है , यह बात हम में से अधिकतर लोगो को नहीं पत्ता है , तो आज जानते है हसना क्यों जरुरी है । आज के भागदौड़ और तनाव के इस दौर में हंसी वाकई महंगी हो गई है। लोगों के पास सब चीजों के लिए वक्त है, हंसने-हंसाने के लिए नहीं, जबकि हंसी के फायदों की लिस्ट काफी लंबी है. फिर भी लोग हसना नहीं चाहते, मानव जीवन में हंसी के माईने पर प्रकाश डाल रहे है –
* मई का पहला रविवार ‘विश्व वर्ल्ड लाफ्टर डे‘ है :- मई का पहला रविवार विश्व वर्ल्ड लाफ्टर डे है , तो जनाब तैयार हो जाये हंसने के लिए ! बिना किसी कारण, बिना किसी वजह और बिना किसी बात के जोरो से ठहाके लगईये, क्यों कि हंसी की कोई सीमा नहीं, न ही कोई भाषा है और न ही सांस्कृतिक बेड़ियां। तभी तो आज से 20 साल पहले सन 2000 में करीब 10,000 लोगों ने डेनमार्क के कोपनहेगन में साथ में हंसकर गिनीज बुक रिकॉर्ड दर्ज करवाया था। तो आप भी तैयार हो जाईये और आज जम कर हंसिए और हंसाते रहिए। उन पालो को दुबारा दोहरईये जब आप दिल खोलकर कब हंसे थे, हंसते-हंसते लोटपोट हो गए थे, मुंह थक गया था, आंखों से आंसू बाहर आ गया था, पेट में दर्द होने लगा था ।
ये भी पढ़ें-#lockdown: ग्रीन और ऑरेंज जोन में सशर्त होगी शादियां – समारोह
* र्वल्ड वाइड लाफ्टर योगा मूवमेंट :- लाफ्टर डे मई के पहले रविवार को सेलिब्रेट किया जाता है। इसकी शुरुआत 1998 में डॉ. मदन कटारिया ने की थी, जो र्वल्डवाइड लाफ्टर योगा मूवमेंट के फाउंडर हैं. विश्व की शांति और आपसी भाईचारे को हंसी के जरिए बनाए रखने का यह सकारात्मक कदम है. इसकी पॉपुलैरिटी अचानक बढ़ गई, जिसमें लाफ्टर योगा मूवमेंट का बड़ा हाथ रहा है.
* अस्सी प्रतिशत बीमारियों से आप हंसते हंसते निपट सकते हैं :- हंसी को लेकर कई शोध हुए हैं और सभी ने ये साबित किया है कि अस्सी प्रतिशत बीमारियों से आप हंसते हंसते निपट सकते हैं. फिर चाहे वो अस्थमा हो, रक्तचाप हो या फिर अनिद्रा, स्ट्रेस का तो सबसे अच्छा इलाज हंसी ही है. हंसने से ‘इंडोरफिन’ नामक एक हारमोन सक्रिय होता है जिससे मनुष्य शारीरिक और मानसिक रूप से तरोताज़ा महसूस करता है.कई बीमारियों में भी लाफ्टर योगा ने सकारात्मक परिणाम दिखाए हैं. यही वजह है कि विश्व के कई लाफ्टर क्लब में कैंसर पीड़ित भी शामिल हैं. हंसी ने उनके जीवन में नए उद्देश्य और खुशी के पैमाने तय किए हैं.
* शरीर के अंदरूनी हिस्सों को मसाज मिलती है :- अब बात आता है कि जब हम हंसते है, तो उसका प्रभाव हमारे शारीर पर कैसे पड़ता है, यह पूरी प्रक्रिया हंसी के दौरान शरीर के अन्दर होने वाला प्रतिक्रिया है. हमारे शरीर में कुछ स्ट्रेस हॉर्मोन होते हैं. यह हॉर्मोन हमारे क्रियाकल्पो को तय करती है, जैसे जब हम तनाव में होते हैं तो इनका लेवल बढ़ने लगता है , जिससे घबराहट होती है. ज्यादा घबराहट होने पर सिर दर्द, सर्वाइकल, माइग्रेन, कब्ज हो सकती है और शुगर लेवल बढ़ जाता है. हंसने से सुखद आहसास वाले हॉमोर्न बढ़ जाते हैं, जिससे मन उल्लास और उमंग से भर जाता है. इससे दर्द और एंग्जाइटी कम होती है.इम्युन सिस्टम मजबूत होता है और बुढ़ापे की प्रक्रिया धीमी होती है. और हंसने से शरीर के अंदरूनी हिस्सों को मसाज मिलती है. इसे इंटरनल जॉगिंग भी कहा जाता है.
ये भी पढ़ें-#lockdown: बैंडबाजा और बारात अब कल की बात
* जोरदार हंसी हल्की कसरत के बराबर है:- हंसी कार्डियो एक्सरसाइज है.हंसने पर चेहरे, हाथ, पैर, और पेट की मसल्स व गले, रेस्पिरेटरी सिस्टम की हल्की-फुल्की कसरत हो जाती है. 10 मिनट की जोरदार हंसी इतनी ही देर के हल्की कसरत के बराबर असर करती है इससे ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है और मसल्स रिलैक्स होती हैं. जब हम जोर-जोर से हंसते हैं तो झटके से सांस छोड़ते हैं. इससे फेफड़ों में फंसी हवा बाहर निकल आती है और फेफड़े ज्यादा साफ हो जाते हैं. तभी तो स्वस्थ रहने का मूल मन्त्र है, हंसते रहो हंसते रहो .
* कैंसर पीड़ितों की जिंदगी को बढ़ाता है :- विश्व के आंकड़े बताते हैं कि डिप्रेशन और हार्ट प्रॉब्लम्स के बाद कैंसर लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है और मृत्यु का कारण बन रहा है. साइंटिफिक रिसर्च बता चुके हैं कि हंसी का हमारे इम्यून सिस्टम पर गहरा असर पड़ता है, जो कैंसर पीड़ितों की जिंदगी को बढ़ाता है कई कैंसर अस्पतालों में लाफ्टर योगा का निश्चित सेशन होता है, जो पीड़ितों और उनकी देखभाल करने वालों को दर्द और ट्रॉमा से उबरने की शक्ति देता है. अमेरिका के शिकागो का स्वीडीश कैंसर अस्पताल कीमोथेरेपी सेशन्स के दौरान नियमित तौर पर लाफ्टर योगा कराता है। हंसी का असर हमारे मस्तिष्क पर पड़ता है, यह बात तो अब प्रमाणित हो चुकी है।
* कोई भी बिना कारण के हंस सकता है :- लाफ्टर योगा अनकंडीशनल हंसी है , जिसमें प्राणायाम शामिल है। कोई भी बिना कारण के हंस सकता है, इसके लिए ह्यूमर, जोक या कॉमेडी की जरूरत नहीं। इसे बॉडी एक्सरसाइज के तौर पर लिया जाता है, जिसे आई कांटैक्ट के साथ और बच्चे के खेल के समान ग्रुप में किया जाता है। इसका कांसेप्ट साइंटिफिक फैक्ट पर आधारित है कि शरीर झूठ और सच की हंसी के बीच अंतर नहीं कर सकता. सबको एक समान ही फिजियोलॉजिकल और साइकोलॉजिकल बेनिफिट मिलते हैं. इसका लक्ष्य बेहतर स्वास्थ्य, खुशी और विश्व शांति है.
* हास्य योग से कई रोगों को दूर भाग सकते है : – हास्य और योग को मिलाकर बना है हास्य योग,यानि हँसते-हंसते प्राणायाम के प्रक्रिया को पूरा करना . अगर कुछ बातो का ध्यान रखते हुए हास्य योग करे तो यह सबके लिए फायदेमंद साबित होता है, केवल हार्निया, पाइल्स, छाती में दर्द, आंखों की बीमारियों और हाल में बड़ी सर्जरी कराने वाले लोगों को हास्य योग नहीं करने का सलाह दिया जाता है . वही प्रेग्नेंट महिलाओं, टीबी और ब्रोंकाइटिस के मरीजों को भी इस योग से दूर रखने को कहा जाता है.बाकी सभी के लिए हास्य योग लाभदायक सिद्ध होता है. हास्य योग इस वैज्ञानिक आधार पर काम करता है कि शरीर नकली और असली हंसी के बीच फर्क नहीं कर पाता, इसलिए दोनों से ही एक जैसे फायदे होते हैं.हास्य योग के तहत जोर-जोर से ठहाके मारकर, बिना किसी वजह के बेबाक हंसने की प्रैक्टिस की जाती है. इसमें शरीर के आंतरिक हास्य को बाहर निकालना सिखाया जाता है, जिससे शरीर सेहतमंद होता है.शुरुआत में नकली हंसी के साथ शुरू होनेवाली यह क्रिया धीरे-धीरे हमारे व्यक्तित्व का हिस्सा बन जाती है और हम बिना किसी कोशिश के हंसने लगते हैं. जो लोग हास्य योग सीखना चाहते हैं, वे जगह-जगह पार्कों में लगनेवाले शिविरों से सीख सकते हैं. इसके बाद रोजाना घर पर प्रैक्टिस की जा सकती है.एक सेशन में करीब 15 से 40 मिनट का वक्त लगता है. अगर कुछ सावधानिय बरते तो आप खुद घर के अंदर भी हंसी की प्रैक्टिस कर सकते हैं. वे रोजाना 15 मिनट के लिए शीशे के सामने खड़े हो जाएं और बिना वजह जोर-जोर से हंसें. हंसी का असली फायदा तभी है, जब आप कुछ देर तक लगातार हंसें. इसके अलावा, बच्चों और दोस्तों के साथ वक्त गुजारना भी हंसने का अच्छा बहाना हो सकता है.
* हास्य योग के छह चरण होते हैं :-
आचमन : इस दौरान अच्छे विचार करें. सोचें कि मुझे अच्छा बनना है. मैं अच्छा बन गया हूं. मुझे अच्छे काम करने हैं और खुश रहना है. ठान लें कि हमें पॉजिटिव सोचना है, पॉजिटिव देखना है और पॉजिटिव ही बोलना है.
आचरण : इसमें जो चीज हमने आचमन में की है, उसे अपने आचरण में लाना होता है. मतलब, वे चीजें हमारे बर्ताव में आएं और दूसरे लोगों को नजर आएं.
हास्यासन : इसमें वे क्रियाएं आती हैं, जो हम पार्क में करते हैं. इन क्रियाओं को लगातार करने से हंसमुख रहना हमारी आदत बन जाती है.
संवर्द्धन : योग करने का लाभ करनेवाले को मिलता है, लेकिन हास्य योग का फायदा उसे भी मिलता है, जो इसे देखता है. अगर कोई हंस रहा है तो वहां से गुजरने वाले को भी बरबस हंसी या मुस्कान आ जाती है.
ध्यान : हास्य योग की क्रियाओं को करने से शरीर के अंदर जो ऊर्जा आई है, ध्यान के जरिए उसे कंट्रोल किया जाता है.
मौन : मौन के चरण में हंसी को हम अंदर-ही-अंदर महसूस करते हैं.
* हास्यासन के दौरान आपको कई क्रियाओं से गुजरना पड़ता है –
हास्य कपालभाति : हास्य कपालभाति करने के लिए वज्रासन में बैठ जाएं। सीधा हाथ पेट पर रखें और हल्के से हां बोलें। ऐसा करने से सांस नाक और मुंह दोनों जगहों से बाहर आएगी और पेट अंदर जाएगा। आम कपालभाति में सांस सिर्फ नाक से बाहर जाती है, वहीं हास्य कपालभाति में सांस नाक और मुंह, दोनों जगहों से बाहर जाती है।
मौन हास्य : किसी भी आसन में बैठ जाएं. लंबा गहरा सांस लें। रोकें और फिर हंसते हुए छोड़ें.ध्यान रखें, बिना आवाज किए हंसना है.इसी क्रिया को बार-बार दोहराएं.
बाल मचलन : जैसे बच्चा मचलता है, कमर के बल रोलिंग करता है, उसी तरह इसमें हंसने की कोशिश की जाती है. पूरे मन को उमंग मिलती है.
ताली हास्य : बाएं हाथ की हथेली खोलें. सीधे हाथ की एक उंगली से पांच बार ताली बजाएं. फिर दो उंगली से पांच बार ताली बजाएं. इसी तरह तीन, चार और फिर पांचों उंगलियों से पांच-पांच बार ताली बजाते हुए जोरदार तरीके से हंसें. ताली बजाने से हाथ के एक्युप्रेशर पॉइंट्स पर प्रेशर पड़ता है और वे एक्टिवेट हो जाते हैं.
* बच्चे हंसने में सबसे आगे
हमसे बहुत काम लोग ही जानते होनेगे कि बच्चे हंसने में सबसे आगे है, एक दिन में बच्चे 300 से 400 बार हंसते हैं, जबकि वयस्क केवल 10-15 बार हंसाते है. इतना अंतर इसलिए क्योंकि वयस्क ह्यूमर को समझने के लिए पहले अपने दिमाग का इस्तेमाल करते हैं, फिर हंसते हैं।यानि वयस्क तभी हंसते है, जब उन्हें बातो में मजाकिया शब्द मिलता है अर्थात मनोरंजक होता है, लेकिन बच्चे बिना कुछ सोचे हंसते है.
* हंसी के अनेको फायदे
– हंसी से टेंशन कम होता है
– हंसी से हम डिप्रेशन से बाहर आ जाते है
– जोरदार हंसी कसरत का काम करती है
– हंसी नेचरल पेनकिलर का काम करती है
-हंसी हमें रोगों से लड़ने की क्षमता प्रदान करती है
– यह आत्मविश्वास और पॉजिटिव नजरिए में इजाफा करती है
– हंसी शारीर में रक्त प्रवाह को नियत्रित करती है
– हंसी शरीर में ऑक्सिजन की मात्रा बढ़ाती है
-नित्य हंसते रहने से चेहरा खूबसूरत बनता है
– हंसी से आपके व्यव्हार में काफी फर्क पड़ता है