उत्तर प्रदेश के चंदौली के रहने वाले सरोज कुमार खासा चिंतित हैं. आगामी 11 जून को उन की बेटी की शादी है. उन्होंने 500 कार्ड छपने दिए थे पर अब नहीं छपवाएंगे.लङके वाले ने शादी को आगे बढ़ाने बोल दिया है तो उन की चिंता बढ़ गई है.लङके के पिता ने भी घोङी वाले को पेशगी दिए थे पर अब जब शादी नहीं हो रही तो अभी यह पैसा भी लौटने से रहा. घोङी वाले ने साफ कह दिया कि जब शादी होगी तब यह रूपए ऐडजस्ट कर दूंगा पर पैसे किसी भी हालत में लौटा नहीं पाऊंगा क्योंकि वे खर्च हो गए और उपर से कर्जा चढ गया.

धंधा अभी मंदा है

जब से कोरोना वायरस का खौफ हुआ है और सरकार ने लौकडाउन लगाया है तब से शादीविवाह का धंधा भी पूरी तरह मंदा है. इस की मार सब से अधिक रोज कमाने खाने वालों पर पङी है.

दिल्ली के बुराङी के रहने वाले न्यू अशोक बैंड की हालत पतली है. शादीविवाह नहीं होने से कारोबार ठप्प है और घोङी तक को खिलाने के पैसे नहीं हैं.

अशोक ने फोन पर बताया,"साहेब, बङी आफत में जान है. शादीविवाह में लोग बग्गी जरूर बुक कराते थे. इस से घर का खर्च निकल जाता था साथ ही घोङी का चारा भी.अब तो घर चलाना मुश्किल है तो घोङी को कहां से खिलाएं."

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पैसा नहीं तो चारा कहां

मनोज घोङी वाले की हालत तो इतनी खराब हो गई है कि है कि फोन पर बोलतेबोलते रो पङे.

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