दुस्साहस देखिए कि पहले युवती को उसके घर से दिनदहाड़े अपहरण करके उठाकर के ले आया जाता है फिर उसके बाल काटे जाते हैं उसके साथ  दुर्व्यवहार किया जाता है गंदी गंदी गालियां दी जाती है. उसके साथ ऐसा व्यवहार किया जाता है जिसे सुनकर आप के रोंगटे खड़े हो जाएंगे कि आज भी क्या ऐसा दुस्साहस किया जा सकता है.

इस घटना की गूंज आज सारे देश में सुनाई दे रही है. बुधवार 26 जनवरी के दिन दोपहर को घटी इस लोमहर्षक घटना के संदर्भ में जान समझ करके आप भी कांप उठेगें कि आज भी देश में ऐसी घटना हो सकती है वह भी देश की राजधानी दिल्ली में.

विवेक विहार थाना क्षेत्र के कस्तूरबा नगर इलाके में बुधवार दोपहर को एक महिला का अपहरण कर लिया गया फिर उससे सामूहिक बलात्कार किया गया. यही नहीं आरोपियों ने पीड़िता के बाल काटे, जूते-चप्पल की माला पहनाई और मोहल्ले की सड़कों पर उन्हें घुमाया. ‌यह दृश्य पढ़कर आपको यह महसूस होगा कि किसी फिल्म का स्क्रिप्ट तो नहीं है मगर यह सच्ची घटना दिनदहाड़े देश की राजधानी दिल्ली के कस्तूरबा नगर में घटित हुई है और जिस पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के मंत्री अमित शाह ने भी अफसोस जताया है.

सबसे ज्यादा चकित करने वाली और चिंतन करने की बात यह है कि यह घटना खुलेआम होती रही और किसी ने इसका विरोध भी नहीं किया यही नहीं लोग तमाशबीन बनकर के घटना का वीडियो बनाते रहे.

शाहदरा जिला पुलिस उपायुक्त आर सत्यसुंदरम ने 27 जनवरी को  यह बताया कि महिला  अपने सुसराल में थीं, तभी कुछ आरोपी उनके घर जा धमके और जबरन पीड़िता का अपहरण कर लिया।श. आरोपी पीड़िता को कस्तूरबा नगर स्थित उनके मायके के पास से अपने घर ले आया गया. प्रारंभिक जांच में सामने आया कि लड़का दोस्त था. लड़के ने पिछले साल नवंबर में आत्महत्या कर ली थी और उनका परिवार अब युवती को इस बात का जिम्मेदार ठहरा रहा है.

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नारी अत्याचार की यह घटना इस बात को इंगित करती है कि आज भी महिलाओं के साथ कभी भी कोई भी असामान्य घटना घटित हो सकती है और लोग पहले से भी ज्यादा अमानवीय होते चले जा रहे हैं जो कि हमारी चिंता का विषय है.

महिलाएं भी शामिल !

राजधानी दिल्ली में घटित घटना दूसरों के साथ महिलाओं के नाम भी सामने आए हैं जो सबसे ज्यादा चिंता का सबब है.

एक महिला का अपहरण, सामूहिक बलात्कार, बाल काट कर, मुंह पर कालिख पोत कर और जूतों की माला पहना कर सड़कों पर घुमाया जाता है और इस धड़कन में महिलाएं भी शामिल है यह घटनाक्रम बताता है कि मानवीय संवेदनाओं का कैसा  क्षरण हुआ है.

लेखक, पत्रकार अरविंद शेष के मुताबिक -एक इंसान होने के नाते इस घटना को सामने घटते और एक स्त्री के रूप में अपने साथ घटते हुए महसूस कीजिए!

सबसे सुरक्षित मानी जाने वाली दिल्ली में यह ‘सामूहिक आयोजन’, जिसकी मुख्य सूत्रधार महिलाएं रहीं और बलात्कार करने वाले पुरुष. महिलाएं सब कुछ कर रही थीं.बलात्कार करते पुरुषों को और ज्यादा बर्बर तरीके से बलात्कार करने के लिए उकसा रही थीं, बाल काट कर मुंह पर कालिख पोत रही थीं, जूतों की माला पहना रही थीं और सड़कों पर घुमा रही थीं- युवती को थप्पड़ मारने, तालियां बजाने और बर्बरता से हंसने वाली भीड़ के मुख्य हिस्से के तौर पर शामिल थी.

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अरविंद शेष के मुताबिक- आपको क्या लगता है कि जॉम्बी की शक्लो-सूरत फिल्मों दिखाए गए जॉम्बियों की तरह होगी..? आप मासूम हैं! अलग-अलग वजहों से लोगों के भीतर जिस तरह के बर्ताव और जैसी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं, वही प्रतीक रूप से जॉम्बी हैं और आने वाले वक्त में अगर फिल्मी जॉम्बी भी जमीन पर गले में गुलामी का पट्टा कसे दिखें तो हैरानी नहीं होगी!

हाईकोर्ट के अधिवक्ता बीके शुक्ला के मुताबिक दिल्ली में घटी दिया घटना महिला अत्याचार की जिसमें स्वयं महिलाएं शामिल है यह बताती है कि आज की शिक्षा और माहौल कितना दूषित हो चुका है जिसमें सबसे बड़ी भागीदारी टेलीविजन पर चल रहे धारावाहिक और फिल्में हैं.

वरिष्ठ चिकित्सक जी आर पंजवानी के मुताबिक यह घटना इस बात का साक्ष्य है कि लोग कितने अमानवीय और क्रूरतम होते चले जा रहे हैं देश समाज के लिए यह घटना बेहद चिंता जनक है.

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