संयुक्त राष्ट्र ने प्राकृतिक आपदा से वैश्विक अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर एक रिपोर्ट जारी की है. इसके मुताबिक भारत प्राकृतिक आपदा से आर्थिक नुकसान झेलने वाले शीर्ष दस देशों में चौथे स्थान पर है. 1998 से 2017 के बीच पिछले 20 सालों में भारत को प्राकृतिक आपदा से 79.5 अरब डौलर (तकरीबन 59 खरब रुपये) का नुकसान हुआ है. इस सूची में शीर्ष पर अमेरिका और अंतिम पायदान पर मेक्सिको है जिन्हें क्रमश: 944.8 और 46.5 अरब डौलर का आर्थिक नुकसान हुआ है.
बढ़ता वैश्विक नुकसान
इकौनमिक लौसेस पौवर्टी एंड डिजास्टर 1998-2017 नामक इस रिपोर्ट को यूएन औफिस फौर डिजास्टर रिस्क रिडक्शन ने जारी किया है. 1978 से 1997 के बीच विश्व में प्राकृतिक आपदाओं से हुए 895 बिलियन डौलर के प्रत्यक्ष आर्थिक नुकसान की तुलना में पिछले 20 सालों में 151 फीसद तक बढ़ोत्तरी हुई है.
अमीर देशों पर ज्यादा मार
अमीर देशों को निम्न और मध्यम आय वाले देशों की तुलना में अधिक आर्थिक खामियाजा उठाना पड़ता है. 20 सालों में उच्च आय वाले देशों को 53 फीसद और निम्न आय वाले देशों को सिर्फ 10 फीसद आर्थिक नुकसान हुआ.
बाढ़-तूफान से भयंकर नुकसान
20 सालों में मुख्य वैश्विक घटनाओं में से 91 फीसद प्राकृतिक आपदा थीं जिनमें 43.3% बाढ़, 28.2% तूफान की भागीदारी थी. रिपोर्ट के मुताबिक ये दोनों आपदाएं जन-धन के नुकसान से सबसे ज्यादा प्रभावित करती हैं. वहीं 563 भूकंप और सुनामी की घटनाओं से 7.5 लाख लोगों की मौत हुई जो कुल प्राकृतिक आपदाओं से होने वाली मौतों का 56 फीसद है.
अमीर देशों पर अधिक मार
पिछले 20 सालों में प्राकृतिक आपदा से प्रभावित देशों को तकरीबन 2908 टिलियन डौलर का नुकसान हुआ है जो पिछले दशकों की तुलना में दोगुना है. रिपोर्ट के मुताबिक निम्न और मध्य आय वाले देशों की तुलना में अमीर देशों को इन आपदाओं में अधिक आर्थिक मार झेलनी पड़ती है.
जलवायु परिवर्तन के प्रभाव
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