सोना और चांदी दोनों को निवेश के साथ-साथ गहनों के रूप में भी प्रयोग किया जाता है. शादी में महिलाओं को जो जेवर मिलते हैं उन को स्त्रीधन कहा जाता है. गहने इसलिए भी महिलाएं साथ रखती हैं कि आर्थिक जरूरत में उस का प्रयोग कर सकें. अब बदलते दौर में चांदी का भाव सोने के मुकाबले अनुपातिक रूप से बढ़ रहा है. इस की कई वजहें हैं.
पिछले 6 माह में चांदी के दामों में तेज उछाल आया है. 14 फरवरी को चांदी का भाव ठीक 74,000 रुपए प्रति किलो था. जुलाई के दूसरे सप्ताह मे लखनऊ सर्राफा एसोसिएशन के विनोद महेश्वरी के अनुसार 15 जुलाई को इस का भाव 94,500 रूपए प्रतिकिलो हो गया है. मंहगाई की इतनी लंबी उछाल सोने ने भी नहीं लगाई है. चांदी के दाम लगातार तेजी से बढ़ रहे हैं. यह नए उच्चतम स्तर पर पहुंच रही है. चांदी का प्रयोग गहनों के साथ बड़े पैमाने पर इंडस्ट्री पर हो रहा है. सभी तरह के कंप्यूटर, फोन, औटोमोबाइल और इक्विपमैंट में चांदी का प्रयोग हो रहा है.

पिछले कुछ समय से चांदी के दाम लगातार तेजी से बढ़ रहे हैं. यह नए उच्चतम स्तर 94,500 रुपए किलो पर पहुंच गई है. तेजी का यह मौजूदा दौर करीब 6 महीने पहले शुरू हुआ. 14 फरवरी को चांदी का भाव ठीक 74,000 रुपए प्रति किलो था. भारत में सोने और चांदी का प्रयोग सब से अधिक गहनों में होता था. महिलाएं गहनों का प्रयोग अधिक करती थी.
अब चांदी के गहनों पर सोने का कलर चढ़ा कर गहने भी तैयार होने लगे हैं. यह सोने जैसे दिखते हैं पर इन की कीमत सोने से कम होती है. चांदी में तेजी का एक कारण यह भी है. सोने का भाव बढ़ने से गहनों के शौकीनों ने चांदी का रुख किया है. इस में बड़ी संख्या नौजवानों की है. इस से चांदी की डिमांड बढ़ रही है और उस का असर कीमतों पर भी दिख रहा है. शादियों में भी इस की मांग बढ़ गई है. युवाओं के बीच चांदी से बने गहनों की डिमांड बढ़ी है. हाथ, गले और पैरों में पहने जाने वाली ज्वैलरी में चांदी का प्रयोग होने लगा है.
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