रमा का अपने पति रामकुमार के साथ झगड़ा चल रहा था. शादी के बाद से ही शुरू हुई अनबन के चलते रिश्ते बिगड़ते ही गए. पिछले 4 वर्षों से दोनों के बीच झगड़ा बढ़ गया. मारपीट और पुलिस व कचहरी तक मामला गया. तलाक के लिए मुकदमा किया. तलाक मिलना सरल नहीं. पतिपत्नी दोनों अलग रहने लगे.

रमा अपने मायके में रहने लगी. रामकुमार की दोस्ती सपना से हो गई. सपना और रामकुमार में एक कौमन बात यह थी कि दोनों का अपनेअपने जीवनसाथी से विवाद चल रहा था. सपना का अपने पति से तलाक हो चुका था. वह अब पति से अलग रह रही थी.

एक दिन रामकुमार सपना के साथ अपने फ्लैट में मिल रहा था. अचानक उस की पत्नी रमा अपनी मां और भाई के साथ उस के फ्लैट पर आ धमकी. वह रामकुमार पर आरोप लगाने लगी कि वह सपना के साथ ऐश कर रहा है, जबकि उन का तलाक नहीं हुआ है. पूरे अपार्टमैंट में हंगामा खड़ा हो गया. लोग झगड़े का वीडियो बनाने लगे. इस बीच अपार्टमैंट का रखरखाव देखने वाली संस्था आरएडब्ल्यू के लोग भी आ गए. पुलिस को फोन किया गया. पुलिस आई, सपना और रामकुमार को पकड़ कर थाने ले गई.

रामकुमार और सपना दोनों बालिग थे. एकसाथ फ्लैट में थे, यह कोई कानूनी अपराध नहीं था. पुलिस को समझ नहीं आ रहा था कि वह किस धारा में बंद करे. रमा और उस के परिवार वाले पुलिस पर दबाव डाल रहे थे. ऐसे में सपना के लिए तो यही सजा से कम नहीं था कि उसे थाने ला कर बेइज्जत किया गया. रामकुमार की पत्नी और ससुराल वालों ने जो मारपीट और बेइज्जती की वह पहले ही किसी सजा से कम नहीं था. पूरे शहर में बात दबी जबान से सब के पास पंहुच गई. पुलिस ने थाने में कुछ देर बैठाने के बाद रामकुमार को शांतिभंग करने के मुकदमे में जेल भेज दिया. पुलिस ने सपना को देररात निजी मुचलके पर छोड़ दिया.

रमा को रामकुमार के साथ रहना भी नहीं है और उसे आजादी से रहने भी नहीं देना चाहती. इस से उस का अपना तो जीवन बरबाद हो ही रहा है, रामकुमार का जीवन भी बरबाद हो रहा है. रमा को इस बात की ही खुशी है कि वह रामकुमार को अपने हिसाब से जीने नहीं दे रही है.

रामकुमार इस बात से बेहद परेशान हो चुका है. वह अब किसी सूरत में पत्नी के साथ रहना नहीं चाहता. दूसरी तरफ कोर्ट उन के तलाक का मुकदमा जल्दी नहीं निबटा रही. इस के चलते रमा, रामकुमार और सपना तीनों की जिंदगी बरबाद हो रही है.

उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में प्रेमिका के साथ घूम रहे पति को पत्नी ने पकड़ कर बीच रोड पर जम कर पीटा. पति की प्रेमिका की भी पटकपटक कर पिटाई की. वहीं पुलिस मूकदर्शक बनी रही. मारपीट में घायल हुई प्रेमिका और पत्नी को अस्पताल में भरती करवाया गया है, जबकि पति को पुलिस थाने ले गई. सौहरवा तालाब का रहने वाला राहुल अपनी गर्लफ्रैंड के साथ शिवांशी रैस्टोरैंट के पास घूम रहा था. तभी राहुल की पत्नी सुमन ने उन दोनों को पकड़ लिया और फिर उस ने सड़क पर ही पति राहुल और उस की प्रेमिका की पिटाई करने लगी.
मारपीट के चक्कर में प्रेमिका और पत्नी घायल हो गई. बाद में दोनों को महिला पुलिस जिला अस्पताल में इलाज के लिए ले गई. अस्पताल पहुंचते ही पत्नी फिर पति पर टूट पड़ी और पिटाई करने लगी. मारपीट में पति ने पत्नी को पटक दिया जिस से उस के सिर पर चोट आ गई.

राहुल और सुमन की शादी 6 साल पहले हुई थी. पति राहुल अपनी पत्नी समेत परिवार के साथ लोकनगर चौधरी खजान सिंह महल्ले में किराए के मकान पर रहता था. राहुल हलवाई का काम करता है और पत्नी लोगों के घरों में साफसफाई का काम करती है. पत्नी का आरोप था कि पति राहुल ने चोरीछिपे अपनी प्रेमिका शिल्पी से शादी कर ली है और उस को ले कर वह गांधीनगर स्थित किराए के एक मकान में रहता है.

मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले में अपनी पत्नी के साथ बंद कमरे में एक युवक को देख पति ने हंगामा खड़ा कर दिया. साथ ही, लोगों की भीड़ को मौके पर बुला लिया. महिला और प्रेमी ने कमरे के गेट की कुंडी लगा रखी थी. इस वजह से भीड़ अंदर नहीं घुस सकी. लेकिन इस पूरे मामले का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया. मामला विजयपुर के एक कसबे का है जहां एक महिला अपने पति के साथ किराए के कमरे में रहती है.

रात जब महिला का पति किसी काम से बाहर गया था, तभी रात करीब 9 बजे विजयपुर एसडीएम का रीडर जितेंद्र यादव अपने सरकारी आवास से निकल कर महिला के किराए के कमरे में पहुंच गया. उन्होंने अंदर से गेट की कुंडी भी लगा ली. तभी कुछ देर बाद महिला का पति वहां आ गया. उस ने दरवाजा खटखटाया तो महिला और उस के साथ मौजूद रीडर दंग रह गए. उन्होंने कुछ देर तक दरवाजा नहीं खोला और चुप हो गए. जब खिड़की को धक्का दे कर खोला गया तो उस में रीडर यानी सरकारी बाबू और महिला आपत्तिजनक हालत में दिखाई दिए. यह देख महिला के पति ने हल्ला मचा दिया. यह सुन कर वहां लोगों की भीड़ जमा हो गई.

भीड़ ने डायल 112 कर के पुलिस बुला ली. मौके पर पहुंच कर पुलिस ने गेट खुलवाया. बाहर निकलते ही मारपीट शुरू हो गई. विजयपुर थाने के टीआई पप्पू सिंह यादव ने कहा, रात डायल 100 पर सूचना मिलने के बाद पुलिस पहुंची थी. लेकिन दोनों पक्षों के बीच सुलह हो गई, इसलिए कार्रवाई नहीं हुई.

लखनऊ के एक रैस्टोरैंट में एक आदमी अपनी गर्लफ्रैंड को ले कर डिनर करने पहुंचा था. दोनों खाना खा ही रहे थे कि उस की पत्नी वहां आ धमकी. पति को दूसरी महिला संग देख पत्नी का पारा चढ़ गया. फिर पत्नी ने भाई के साथ मिल कर पति और उस की गर्लफ्रैंड की जम कर पिटाई की. सड़क पर ले जा कर दोनों को पीटा. इस का वीडियो भी वायरल हुआ है. जब पुलिस वहां पहुंची, तब जा कर मामला शांत हुआ.

सीमित हैं पुलिस के अधिकार

इस तरह के मामले समाज में बढ़ते जा रहे हैं. पहले पत्नियां सारे दुख सहन कर लेती थीं. आज की लड़की आत्मनिर्भर हो रही है. उस के मातापिता भी उन की मदद को तैयार रहते हैं. ऐसे में वह पति के साथ दब कर नहीं रहती. कोई दिक्कत होती है तो वह सब से पहले पुलिस बुला लेती थी. पहले पुलिस बुलाने के लिए थाने जाना पड़ता था. सोर्ससिफारिश लगवानी पड़ती थी. अब केवल मोबाइल से 112 नंबर डायल करने की जरूरत होती है. पुलिस पहुंच जाती है. महिला उत्पीड़न की घटना हो तो पुलिस के साथ कई एनजीओ भी तत्पर हो जाते हैं.

पड़ोसी दुख में भले साथ न दे लेकिन वीडियो बनाने के लिए आ जाते हैं. अब सोशल मीडिया पर ऐसे वीडियोज वायरल होने लगे हैं जिन में पति और उस के साथ मिली लड़की को प्रेमिका बता दिया जाता है. लोग सब से पहले पुलिस को बुला लेते हैं. पुलिस के आने के बाद मामला भड़क जाता है. पुलिस के पास घरेलू मामलों में मुकदमा दर्ज करने का अधिकार बहुत सीमित हो गया है. ऐसे में वह लोगों को थाने लाती है, फिर मारपीट या शांतिभंग जैसी धाराओं में चालान कर देती है. औरतों को ले कर पुलिस को सावधानी ज्यादा बरतनी पड़ती है. ऐसे में वह उन को लिखापढ़ी कर के थाने से ही जमानत दे देती है.

कोर्ट नहीं करते जल्दी फैसले

मुसलमानों में तलाक के जरिए जल्दी अलगाव हो जाता है. हिंदुओं में शादी कराने वाला पंडित तलाक कराने नहीं आता. हिंदू धर्म में पतिपत्नी का साथ सात जन्मों का माना जाता है. जबकि वह 7 कदम साथ चलने को तैयार नहीं होते. कानून अलग भी नहीं रहने देता. इस का कारण होता है कि पतिपत्नी हिंसक और अराजक हो जाते हैं. वे मरनेमारने पर उतारू हो जाते हैं. दहेज हत्याएं इस का प्रमाण हैं. इस के साथ ही साथ दूसरी तरह की मारपीट की हिंसक घटनाएं होती हैं. इन के पीछे की वजह सैक्स बड़ा कारण होता है. पतिपत्नी के बीच झगड़े की शुरुआत से होती है. इस बात को कोई खुल कर बोल नहीं सकता. ऐसे में झगड़े के दूसरे कारण सामने आते हैं.

कई बार पतियों के बाहर अफेयर हो जाते हैं. कई बार पत्नियां भी बाहर चक्कर चलाने लगती हैं. इन पर लोग नजर रखने लगते हैं. जैसे ही यह पता चलता है कि दो लोग मिल रहे, तीसरा पहुंच जाता है. हंगामा, मारपीट वीडियो और पुलिस सीन में आ जाते हैं. कम कपड़ों में पिटते पति और उन की प्रेमिका के वीडियोज बनने लगते हैं. पूरा समाज इस को चटपटे अंदाज में देखता है. ऐसे मसलों में पुलिस के आने से समझौते की संभावना खत्म हो जाती है. अब कोर्ट को यह करना चाहिए कि तलाक जल्द से जल्द मिल सके, जिस से दूसरा पक्ष जल्द अपना नया जीवन शुरू कर सके.

इन घटनाओं का सारा प्रभाव औरतों पर पड़ता है. धर्म के बताए रास्ते पर चल कर वह या तो पति की प्रताड़ना झेलती रहे. करवाचौथ में उस की आरती उतारे. अपमान और मारपीट सहन कर के भी सात जन्मों वाला रिश्ता निभाए. अगर वह इस के विरोध में खड़ी होगी तो समाज उस को कुलटा बदचलन कहेगा. कोर्ट भी तलाक देने की जगह पर समझौता करने के लिए कहेगा. पुलिस तक मामला गया तो बात बनने की जगह बिगड़ जाएगी.

ऐसे में चाहे पत्नी के रूप में, चाहे प्रेमिका के रूप में बदनामी औरत की होती है. पुरुषवादी समाज में उस पर उंगली नहीं उठती है. ऐसे में जरूरत इस बात की है कि महिला की चाह पर कोर्ट उस का फैसला जल्द से जल्द करे. घर, परिवार और समाज को यह समझना चाहिए कि एक बार मामला पुलिस और कोर्ट तक गया तो इस का हल केवल तलाक ही है. समझौते की कोई गुजांइश नहीं रहती है. कोर्ट को समझौते की प्रक्रिया के बहाने मसले को लटकाने के बजाय जल्द तलाक देना चाहिए, जिस से दोनों आजाद हो कर अपना नया जीवन शुरू कर सकें.

(लेख में कानूनी सलाह के चलते पीड़ितों के नाम बदले गए हैं.)

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