धर्म, जाति का प्यार मुहब्बत को देखने का अपना नजरिया है जो बेहद संकीर्ण है. अलग अलग धर्म, जाति के युवा लड़के लड़कियों का प्यार धर्म, जाति को सुहाता नहीं है. जो लड़का लड़की उम्र, शिक्षा, व्यवसाय में भले ही बराबरी वाले हों और एकदूसरे से प्यार करने लगते हैं तो यह रिश्ता धर्म के दायरे से बाहर होता है. धर्म इस रिश्ते को मान्यता नहीं देता.
राजधानी दिल्ली के जहांगीर पुरी इलाके में 31 साल के अंकित की हत्या में एक बार फिर प्रेम में धर्म की नफरत का खूनी रूप सामने आया है. शुरुआती जांच से सामने आया है कि अंकित एक प्राइवेट टीचर था. वह अपने भाई के ट्यूशन सेंटर में पढने वाली मुस्लिम लड़की से प्यार करता था. दोनों दिसंबर में शादी करना चाहते थे. अंकित के परिवार वाले तो इस रिश्ते से खुश थे पर लड़की का भाई इस से नाराज था. उसे दोनों की शादी मंजूर नहीं थी.
आरोप है कि लड़की के भाई ने अंकित की हत्या करवा दी. उस की ट्यूशन सेंटर के बाहर नकाबपोश ने उसे गोली मार दी.
राजधानी दिल्ली में ही नहीं, देश के अन्य हिस्सों में भी धर्म, जाति के नाम पर प्रेम में हत्याओं की घटनाएं आम बात हैं. पिछले दिनों दिल्ली के ही ख्याला इलाके में अंकित सक्सेना नाम के युवक की लड़की के घरवालों ने चाकू मार कर हत्या कर दी थी. अंकित सक्सेना भी एक मुस्लिम युवती सलीमा से प्यार करता था और दोनों शादी करना चाहते थे.
फरवरी माह में अंकित अपनी कार से घर जा रहा था. रास्ते में उसे लड़की के परिवार जनों ने रोक लिया और मारनेपीटने लगे. इस बीच लड़के की मां को यह बात पता चली तो वह बीचबचाव करने आईं. वहां मौजूद लड़की की मां, बाप, भाई, मामा ने उन की भी पिटाई की. जब अंकित ने मां को बचाने की कोशिश की तो उस की चाकू घोंप कर हत्या कर दी गई.
यह सिलसिला थमेगा नहीं. हमारे देश में कौन किस से प्यार करेगा, किस से शादी करेगा, यह अधिकार लड़के लड़की को नहीं, उन के परिवारों को नहीं, यह धर्म तय करता है. यह धर्मों में बंटे हमारे समाज की सचाई है इसलिए धर्म और जाति से प्रेमी हमेशा डरे रहते हैं.
न जाने कितने ऐसे युवा हैं जो प्रेम की राह पर आगे बढ़ने से पहले हजार बार साथी का धर्म, जाति जानने की कोशिश करते हैं. प्रेम में परिवार बाद में खलनायक बनता है, धर्म, जाति का सवाल सब से पहले बीच में खड़ा होता है.
प्रेम के बीच में धर्म, जाति की सोच खतरनाक समाज का निर्माण करती है. ऐसे समाज में प्रेम, शांति कम, नफरत की हवाएं अधिक चलती हैं. प्रेमियों को प्रेम कम, नफरत का सामना ज्यादा करना पड़ता है. हर धर्म प्रेम सिखाता है, यह बात बारबार कही जाती है पर हकीकत में यह बात सही नहीं है.