वैसे तो सोशल मीडिया का हर प्लेटफौर्म देखने वालों की सेहत से खिलवाड़ कर रहाहै पर ‘इंस्टाग्राम’ सबसे खराब सोशल मीडिया प्लेटफौर्म साबित हो रहा है. खासतौर पर इस पर जिस तरह की रील्स बन रही हैंवे गलत कटैंट दे रही हैं. सोशल मीडिया पर जल्दी सफल होने के लिए गलत तरह के कटैंट दिखाए जा रहे हैं. देखने वाले अच्छे कंटैंट नहीं देखते. इसके लिए लोग गलत कटैंट बनाकर अपलोड कर रहे हैं. ‘इंस्टाग्राम’ ऐसे कटैंट को रोक नहीं रहा. वह इनको ज्यादा प्रमोट करता है. इसलिए लोग तेजी के साथ गलत कटैंट बना रहे हैं.
यही वजह है कि ‘इंस्टाग्राम’ सबसे खराब सोशल मीडिया प्लेटफौर्म के रूप में अपनी पहचान बनाता जा रहा है. यह मानसिक सेहत पर बुरा असर डालता है. खासकर, रील्स का ऐसा नशा होने लगा है कि एक बार आप देखना शुरू करते हैं तो एक के बाद एक देखते जाते हैं.
ऐसे में टाइम कैसे बरबाद होता है, यह पता ही नहीं चलता. छोटेछोटे बच्चों को भी इसका शौकहोने लगा है जबकि जानकार लोग कहते हैं कि छोटे बच्चों को इंटरनैट और मोबाइल नहीं देना चाहिए. इसके चलते शारीरिक सक्रियता कम होने लगती है और मानसिक बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है.
सोशल मीडिया के प्रभावों को लेकर किया गया एक सर्वे कहता है, ‘इंस्टाग्राम’ को मानसिक सेहत के लिए बेहद खराब सोशल मीडिया साइट माना गया है जबकि दूसरे नंबर पर स्नैपचैट है.’
इस सर्वे में लोगों से यूट्यूब,इंस्टाग्राम, स्नैपचैट, फेसबुक और ट्विटर का उनके स्वास्थ्य पर पड़े प्रभाव से जुड़े कई सवाल किए गए थे. सोशल मीडिया का सेहत पर खराब प्रभाव पड़ रहा है. सोशल मीडिया का सबसे अधिक इस्तेमाल युवावर्ग के लोग करते हैं, इसलिए युवाओं पर इसका असर ज्यादा पड़ सकता है. ‘इंस्टाग्राम’ के बारे में जो सबसे बड़ी समस्या बताई गई है वह यह है कि यह महिलाओं के बौडीलुक को लेकर उन्हें इनसिक्योर बना देता है. इस से फोटोशौप्ड फोटो और वीडियो का प्रयोग ज्यादा होने लगा है. अच्छे फोटो डालने के चक्कर में लोग अकेले ही तसवीरें क्लिक करते हैं और फिर उन्हें पोस्ट करने से पहले अच्छी दिखने के लिए अलगअलग तरह के फिल्टर का प्रयोग करते हैं. फिल्टर की और बिना फिल्टर की फोटो की तुलना करने में उनके मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है.
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