राजस्थान में अभी भी लड़कियों की कमी के चलते कई लोग कुंआरे हैं. वहां पहले से ही जातबिरादरी में रिश्तेदारी के जरीए शादियां होती रही हैं. आज भी ज्यादातर लोग परंपरा के मुताबिक अपने समाज में ही शादी करते हैं.
लेकिन आजकल ऐसा भी देखने को मिल रहा है कि एक समाज का लड़का दूसरे समाज की लड़की से प्यार कर के कोर्टमैरिज कर लेता है और अपनी नई दुनिया बसा कर मजे से रहता है.
समाज के ज्यादातर लोग उस प्रेमी जोड़े को कभी स्वीकार नहीं करते. कई बार तो वे उन्हें जान से मार डालते हैं. समाज का कोई आदमी उन से ताल्लुक नहीं रखता, जिस ने दूसरे समाज में जा कर शादी रचाई होती है.
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अगर कोई आदमी पंचों की बात नहीं मान कर शादी करने वालों के घर आताजाता है तो पंचायत उसे भी समाज से निकाल देती है. मगर कभीकभार पंचों के गलत फैसले भी उन के लिए मुसीबत बन जाते हैं और वे जेल का सफर भी कर लेते हैं.
ऐसे पंचों की वजह से न जाने कितने घर टूटे हैं और बदहाल जिंदगी जीने को मजबूर हैं. राजस्थान के हर समाज में कुंआरे लड़कों की फौज मिलेगी. जब इन की शादी की उम्र निकल जाती है तो अपने समाज के बजाय ये मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा वगैरह राज्यों से पैसे दे कर दलाल के जरीए अपनी ही जाति की लड़की ढूंढ़ कर शादी करते हैं.
गरीब घरों की ऐसी लड़कियां जब राजस्थान आ कर खुशहाल होती हैं तो उन का मायके जाने का मन नहीं होता. दूसरे प्रदेश से खरीद कर लाई गई लड़कियां थोड़े समय में ही यहां के माहौल के हिसाब से उठनेबैठने लगती हैं.
यह देख कर कई दलालों ने ऐसी फरेबी दुलहनें भी तैयार कर ली हैं जो पैसे ले कर शादी कर के ससुराल जाती हैं और मौका मिलते ही गहनेरुपए ले कर फरार हो जाती हैं.
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ऐसी फरेबी दुलहनों का नाम, पता व मातापिता सब फर्जी होते हैं. ऐसे ठग गिरोहों ने ऐसी फरेबी दुलहनों के अलगअलग नाम से आधारकार्ड बना रखे हैं. राजस्थान का ऐसा कोई जिला नहीं बचा जहां ऐसी फरेबी दुलहनों ने ठगी नहीं की हो.
दलाल लोग पैसे ले कर फरेबी दुलहन से ब्याह करा देते हैं. फरेबी दुलहन फिर बनती है लुटेरी दुलहन और वह सबकुछ समेट कर भाग खड़ी होती है और दोबारा कभी नहीं लौटती है.
लुटेरी दुलहनें इतनी शातिर होती हैं कि कई तो पति से सैक्स संबंध तक नहीं बनाती हैं. वे कह देती हैं कि पीरियड्स चालू हैं. इस के बाद 1-2 दिन में ही वे रुपएगहने ले कर फरार हो जाती हैं.
जैसलमेर शहर में एक सेठ के बेटे की शादी मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में एक दलाल की मारफत हुई थी. दिसंबर, 2017 में शादी करने के एवज में लड़की वालों को 8 लाख रुपए दिए. लड़की गोरीचिट्टी और खूबसूरत थी. मगर जैसलमेर आ कर 3 दिन तक सेठजी के बेटे को पास तक फटकने नहीं दिया.
उस ने अपने पति से कहा, ‘‘मैं 4-5 दिन आप के काम की नहीं हूं. आप मुझ से दूर रहें. जब सब ठीक होगा तब प्यार में डूब जाना.’’
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सेठ का बेटा दिन गिनने लगा तभी शादी के 5वें दिन सुबहसवेरे ही दुलहन गायब हो गई. वह घर के गहने व 2 लाख रुपए नकद ले कर भाग गई. गहने 5 लाख रुपए के थे. इस हिसाब से सेठ को 15 लाख का चूना लग गया और दुलहन भी नहीं मिली. कई फरेबी दुलहनों ने पतियों के सीने में रख रातें भी गुजारीं. पति समझते थे कि प्यार करने वाली बीवी मिली है. मगर जैसे ही दुलहन को मौका मिला, वह सबकुछ समेट कर भाग गई.
बीवी की आस में लाखों रुपए खर्च कर चुके कुंआरों के साथ जब ऐसी वारदातें होती हैं तो दूसरे लोग भी मजाक करने से बाज नहीं आते. बेचारा कुंआरा जिंदगीभर की कमाई से तो हाथ धो बैठता ही है, लोगों के मजाक की वजह भी बन जाता है.