कोरोना से लोगो को बचाने के लिए आइसुलेशन सेंटरों में लोगो को क्वारटाइन किया जा रहा है. बीमारी से बचाने के लिए बने यह सेंटर लोगो के लिए बीमारी बनते जा रहे है.यहाँ कोरोना का भय और अकेलापन लोगो को डरा रहा है.

बाहरी जिलों से अपने घर जाने का मोह कहिये या जरूरत लोग पैदल, साइकिल या किसी भी तरह के साधन से मुसीबतों को उठा कर घर आ रहे तो उनको गांव या शहर में घर से बाहर ही आइसुलेशन सेंटर में 14 दिनों के लिए रखा जा रहा है.यह आईसुलेशन सेंटर में जाने से अब लोग डरने लगे है.

*घर पहुचते हुई मौत*

उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती जिले में क्वारंटाइन किए गए एक युवक की मौत सोमवार को मौत हो गई. वह सोमवार की सुबह मुंबई से पैदल गांव पहुंचा था. गांव पहुंचने के बाद उसे क्वारंटाइन कर दिया गया. क्वारंटाइन के करीब चार घंटे के बाद उसकी तबीयत खराब हो गई और उसने दम तोड़ दिया.

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श्रीवस्ती जिले के मल्हीपुर थाना क्षेत्र के मटखनवा गांव निवासी एक युवक सुबह करीब सात बजे बहराइच होकर पैदल अपने गांव आया. यहां उसे प्राथमिक विद्यालय में क्वारंटाइन कर दिया गया. तकरीबन साढ़े दस बजे उसे पेट दर्द के साथ उल्टी-दस्त शुरू हो गई. गांव के सेक्रेटरी ने युवक की हालत बिगडने की जानकारी भंगहा सीएचसी अधीक्षक डॉ. प्रवीर कुमार को दी. जब तक सीएचसी से एंबुलेंस पहुंचती. तब तक युवक ने दम तोड़ दिया. मृतक युवक का सैंपल कोविड-19 जांच के लिए भेजा गया है. क्वारंटाइन सेंटर में पहुंचने के बाद उसके संपर्क में आए परिवार के आठ लोगों को स्कूल में ही क्वारंटाइन किया गया है.

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