विज्ञान वरदान और अभिशाप दोनों ही है. विज्ञान के क्षेत्र में नित नए प्रयोग होते जा रहे हैं, नित नईनई तकनीक सामने आ रही हैं. इन दिनों हर जगह ‘एआई’ यानी कि‘आर्टीफिशियल इंटैलीजैंस’ की चर्चा हो रही है. लोग इसे ले कर काफी आशंकित हैं. बौलीवुड में तो बहुत बड़ा डर बैठा हुआ है. कहा जा रहा है कि अब ‘एआई’ का उपयोग धड़ल्ले से होगा और लेखकों व निर्देशकों की छुट्टी तय है. इन्हीं चर्चाओं के बीच फिल्मकार सैम भट्टाचार्जी ने एआई पर फिल्म ‘आइरा’ का निर्माण किया है. रोहित बोस रौय, राजेश शर्मा, करिश्मा कोटक व रक्षित भंडारी की प्रमुख भूमिकाओं वाली यह फिल्म यूरोप में फिल्माई गई है. 5 अप्रैल को सिनेमाघरों में पहुंचने वाली फिल्म ‘आइरा’ के संगीतकार समीर सेन हैं.

फिल्म के निर्देशक सैम भट्टाचार्जी कहते हैं, ‘‘तकनीक का जमाना है. अब लोग बंदूक के बजाय टैक्नोलौजी के साथ लड़ाई करते हैं. आज तकनीक, डेटा सब से अधिक महत्त्वपूर्ण हो गए हैं. आज डेटा को किस तरह इस्तेमाल किया जा रहा है, हमारी फिल्म एआई की इसी क्रांति के बारे में है. सब से पहले रोहित बोस रौय को मैं ने यह आइडिया सुनाया और मुझे खुशी है कि वे इस भूमिका को करने को तैयार हुए. ‘आइरा’ के वीएफएक्स पर 3 साल तक काम हुआ है. हम ने कुल 1,600 वीएफएक्स बनाए.’’

फिल्म ‘आइरा‘ में एआई तकनीक के दुरुपयोग पर रोशनी डाली गई है. फिल्म में हरी का मुख्य किरदार निभाने वाले अभिनेता रोहित बोस रौय कहते हैं, ‘‘यह फिल्म एआई के गलत इस्तेमाल के पहलू पर प्रकाश डालती है. मैं ने इस में हरी सिंह का किरदार निभाया है. अगर आप मेरे नाम को इंग्लिश में लिख कर उसे उलटा करेंगे तो फिल्म का नाम ‘आइरा’ होगा. हरी एआई तकनीक से ‘आइरा’ नामक ऐप क्रिएट करता है, जिस से कुछ भी रीक्रिएट किया जा सकता है. अगर यह ऐप गलत इंसान के हाथ में पड़ जाए तो क्या अंजाम होगा, फिल्म इसी बारे में है.

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