बाजार से सामान ले कर लक्ष्मी जब घर लौटी तो उस की 10 वर्षीय बेटी सोनम घर पर नहीं थी. घर के दरवाजे खुले हुए थे और कमरे में टीवी चल रहा था. यह सब देख कर वह बड़बड़ाई, ‘लापरवाही की भी हद है, सारा घर खुला छोड़ कर न जाने कहां चली गई साहबजादी.’

सामान रसोई में रख कर सब से पहले उस ने कमरे में चल रहा टीवी बंद किया फिर बेटी की तलाश में घर के बाहर निकल गई. उस ने अड़ोसपड़ोस से ले कर पूरे मोहल्ले में सोनम को तलाशा, पर उस का कहीं पता नहीं चला. सोनम को ढूंढतेढूंढते रात हो चली थी. मोहल्ले वालों ने बताया कि उन्होंने उस दिन सोनम को घर से बाहर कहीं नहीं देखा था.

यह सुन कर लक्ष्मी का चिंतित होना लाजमी था. अचानक उसे ध्यान आया कि कहीं सोनम उसे बिना बताए अपने पिता और दादादादी के घर तो नहीं चली गई. ऐसा वह पहले भी कर चुकी थी. यह सोच कर वह सोनम का पता लगाने धक्का बस्ती की ओर चल पड़ी. यह बात 16 जनवरी, 2019 की है.

लक्ष्मी की शादी आज से लगभग 15 साल पहले धक्का बस्ती, करनाल निवासी दिलावर के साथ हुई थी. शादी के बाद उस के 2 बच्चे हुए बेटा सुशील और बेटी सोनम. दोनों की उम्र क्रमश: 13 और 10 साल थी.

शादी के लगभग 5-6 साल बाद पतिपत्नी के बीच छोटीछोटी बातों को ले कर झगड़े होने लगे थे. धीरेधीरे नौबत यहां तक आ गई कि दोनों का साथ रहना संभव नहीं रहा. फलस्वरूप सन 2000 में दोनों अलग हो गए थे.

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