Drugs : युवा पीढ़ी में शराब, गुटखा, स्मोकिंग, अफीम, चरस, हेरोइन, स्मैक तथा कई अन्य नशीले पदार्थों का बढ़ता प्रचलन समाज को एक खतरनाक दिशा की ओर ले जा रहा है. पूरे विश्व में इतने लोग युद्धों में नहीं मरते जितने नशे के कारण मर जाते हैं.

वर्तमान समय में युवा पीढ़ी का नशे में चूर रहना एक फैशन सा बनता जा रहा है. न केवल किशोर और युवक अपितु लड़कियां भी इस की आदी हो रही हैं. कुछ फैशन और आधुनिक दिखने के लिए नशे में डूब रही हैं तो कुछ लत लग जाने के कारण इस की गिरफ्त में हैं. नशे की लत और नशे का कारोबार दूसरे गंभीर अपराधों को भी बढ़ा रहा है. नशे के लिए धन चाहिए. धन की लालसा में नशेड़ी चोरी-छिनैती ही नहीं बल्कि हत्या तक कर देते हैं.

दूसरी तरफ नाश स्टेटस सिंबल भी बनता जा रहा है. कनाट प्लेस, बाराखंभा, मंडी हाउस, कालकाजी जैसी जगहों पर बड़ेबड़े दफ्तरों के बाहर लंच टाइम में अनेक लड़के और लड़कियां सिगरेट का धुआं उड़ाते नज़र आते हैं. ई-सिगरेट जो पतली और लम्बी सी दिखती है, लड़कियों को काफी आकर्षित करती है. वे इसे स्टेटस सिम्बल के रूप में होंठों से चिपकाए रखती हैं. गहरे गहरे काश खींचती हैं और धुंए के छल्ले उड़ाती हैं.

युवा वर्ग नशा करने में अपनी शान समझता है और वह अन्य साथियों को भी इस तरह प्रेरित करता है कि उन्हें भी नशा करना प्रतिष्ठा का विषय लगने लगता है. दफ्तरों की पार्टियों, शादी-मंगनी की पार्टियों में शराब खुलेआम परोसी जाती है. साथी पी रहे हों और आप ना पिएं तो लगता है जैसे आप बहुत बैकवर्ड हैं.

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