डौक्टर के सीने में डायलिसिस की गोली: भाग 1

भाग-2

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पुलिस ने पहले तो परिवार के लोगों से जानकारी ली कि उन्हें कभी किसी ने फिरौती के लिए तो फोन नहीं किया था या फिर किसी के साथ उन का झगड़ा तो नहीं हुआ था. इस बारे में परिवार के सदस्यों से कोई जानकारी नहीं मिल पाई.

इस के बाद पुलिस की एक टीम ने अस्पताल के डाक्टरों, नर्सों और कर्मचारियों से पूछताछ की. किसी मरीज ने डाक्टर के साथ झगड़ा किया हो, किसी मरीज की मौत के बाद उस के घर वालों ने झगड़ा किया हो या कोई धमकी दी हो. पर ऐसा कोई वाकया सामने नहीं आया.

इस हत्या के बाद शहर के सभी डाक्टर डरे हुए थे. अभी तक डाक्टर की हत्या के कारणों का खुलासा नहीं हुआ था. पुलिस इस मामले को फिरौती व पुरानी रंजिश से भी जोड़ कर देख रही थी.

पुलिस ने दोबारा डा. राजीव गुप्ता के ड्राइवर साहिल से गहराई से पूछताछ कर जानकारी ली. तीनों आरोपी कैसे दिखते थे?  इस पूछताछ में ड्राइवर ने बताया कि एक आरोपी सेहत में हट्टाकट्टा था और बाकी के 2 आरोपी दुबलेपतले थे.

2 लोगों ने अपने चेहरे ढंके हुए थे और बाइक चालक का चेहरा खुला था, पर वह उन्हें ठीक से देख नहीं पाया था क्योंकि गोली चलते ही वह कार से उतर कर पास वाली झुग्गियों की तरफ भाग गया था.

साहिल के इस बयान के बाद पुलिस ने आसपास के सीसीटीवी कैमरों की फुटेज निकलवाई तो एक के बाद एक तार जुड़ते चले गए. बाइक पर सवार एक व्यक्ति डा. राजीव गुप्ता के ही अस्पताल का पूर्व कर्मचारी था. पुलिस ने उस की कुंडली खंगाली तो पता चला कि वह  डायलिसिस तकनीशियन था और गांव पाढ़ा का रहने वाला था. लेकिन फिलहाल वह आर.के. पुरम में रह रहा था.

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