कुछ समाचार पत्रों में प्रकाशित जरा इन विज्ञापनों पर नजर डालिए-

  • नौकरी की 100 प्रतिशत गारंटी. नीचे दिए गए नंबर पर संपर्क करें और नौकरी से जुड़ी सभी जानकारी पाइए.
  • सस्ते पैकेज के साथ यह कोर्स कीजिए और बड़ी कंपनियों में प्लेसमेंट पाइए.
  • घरेलू नौकर आपके काम और इच्छा के अनुसार. नीचे दिए गए नंबर पर संपर्क करें. यह कुछ ऐसी लाइने हैं जिसे समाचार पत्रों में हम अक्सर देखते हैं. यह प्रचार प्लेसमेंट एजेंसियों की होती हैं.

पढ़ाई पूरी करने के बाद जहां स्टूडेंट्स के मन में पहला सवाल प्लेसमेंट और जौब को लेकर आता है. ऐसे में वो मदद लेते हैं प्लेसमेंट एजेंसी की जो प्लेसमेंट दिलवाने का दावा करते हैं. लेकिन कुछ ऐसी एजेंसी भी हैं जो सिर्फ और सिर्फ धोकाधड़ी का काम करती हैं. जो स्टूडेंट्स से प्लेसमेंट का दावा करती है और बदले में अच्छा खासा रकम वसूलती हैं और मौका पाते ही ये नौ दो ग्यारह भी हो जाती हैं. प्लेसमेंट एजेंसी की धोकाधड़ी आए दिन सुनने को मिलती है. लेकिन फिर भी लोग इसके काले जाल में फंसते चले जाते हैं.

ऐसे बहुत से केस है जो फर्जी प्लेसमेंट एजेंसी से जुड़े हैं.

दिल्ली यूनिवर्सिटी की छात्रा हिमानी ने बताया कि उनके साथ भी ऐसा फरेब हो चुका है. हिमानी को पढ़ाई के अलावा थिएटर में भी रुचि थी. हिमानी कौलेज के प्रथम वर्ष में थी जब बाहर से किसी एक्टिंग इंस्टीट्यूट के 2 लोग उनके कौलेज में आए थे. उन्होनें बताया कि उनका इंस्टीट्यूट 6 महीने का एक्टिंग कोर्स करवाता हैं. जिस में से एक महिना वो लोग मुंबई भेजते हैं फिल्म इंडस्ट्री के लोगों के साथ काम सीखने. उसके बाद यह लोग इंडस्ट्री में काम भी दिलवाते हैं. यह सुनकर हिमानी और उसके क्लास के अधिकतर बच्चों कि रुचि बढ़ गई. इस एक्टिंग क्लास में दाखिला लेने के लिए स्टूडेंट्स को 1100 का रजिस्ट्रेशन फी देना था. बहुत से स्टूडेंट्स ने रजिस्ट्रेशन फी दिया जिसके साथ उन्हें एक स्लिप दी गई जिसमें फोन नंबर और पता दिया गया था. और उन्हें 2 दिन बाद इंस्टीट्यूट आने को कहां गया. हिमानी बताती है.,“जब मैं और मेरे दोस्त उस पते पर पहुंचे तो वहां कोई इंस्टीट्यूट नहीं था. जब हमने उन लोगों को कॉल किया तो उनका नंबर भी नहीं लगा. हम लोगों ने करीब 1 महीने तक ट्राई किया लेकिन नंबर गलत बताया जा रहा था.

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कौलेज में अक्सर ऐसे ग्रुप, इंस्टीट्यूट और प्लेसमेंट एजेंसी आती हैं. जिस में से कई फर्जी निकलते हैं. इनका टार्गेट होता है स्टूडेंट्स को अपनी तरफ आकर्षित करना. कई बार यह लोग स्टूडेंट्स की डिटेल्स ले लेते हैं. उसके बाद यह लोग मेल और फोन के द्वारा इन्हें फंसाते हैं.

प्लेसमेंट एजेंसी द्वारा आप नौकरी पा सकते हैं, अलग-अलग कोर्स कर सकते हैं और अगर आपको किसी नौकरनी की जरूरत है तो वो भी आपको प्लेसमेंट एजेंसी द्वारा मिल सकती हैं.

लेकिन आज के समय में फर्जी एजेंसी इतनी ज्यादा है की लोग भरोसा नहीं कर पाते. हाल में ही दिल्ली पुलिस ने ऐसी फर्जी एजेंसी का पर्दाफाश किया है.इसमें काम करने वाले आरोपी नौकरी दिलाने के नाम पर लोगों से मोटी रकम वसूलते थे. आरोपियों ने दिल्ली के कई लोगों के साथ ठगी की है.

जिन में से रमेश भी है. रमेश ने इन लोगो के खिलाफ किर्ति नगर थाने में शिकायत दर्ज कारवाई. उसने अपनी बूढ़ी मां और बच्चे के लिए एक मेड की तलाश इंटरनेट के द्वारा की थी. उसे कई प्लेसमेंट एजेंसीयों से कौल आएं.उनमें से एक कॉल सुपर मेड एजेंसी नोएडा से आई.

रमेश ने उनसे पैसो की बात की थोड़े मोलभाव के बाद 20,000 रुपये कमीशन और 5,000 रुपये सैलरी की डील हो गई. 2 दिन बाद महिला नौकरनी की वेश में और पुरुष एजेंट्स के तौर पर यह लोग रमेश के घर पहुंचे. एजेंट्स ने 20,000 रुपये लिए और वहाँ से चलते बने. दो दिन बाद काम करने के बाद नौकरानी भी बगैर बताए हुए फरार गो गई. जब रमेश ने प्लेसमेंट एजेंट से संपर्क करने की कोशिश की तो कोई जवाब नहीं मिला.

अंत में पुलिस ने उनके साथ चालाकी की खुद कस्टमर बन कर पुलिस उन तक पहुंच गई और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.

सेलिब्रिटी भी करते हैं संपर्क

लेकिन जरूरी नहीं सभी एजेंसी फर्जी हो. बात अगर हम करीना कपूर खान की करें तो करीना ने अपने बेटे तैमूर आली खान के देखभाल के लिए एक नैनी को रखा हैं. तैमूर की नैनी जिसका नाम सावित्री हैं जिनका रिफरेंस करीना को जुहू में स्थित एक एजेंसी के द्वारा दिया गया था. तैमूर की नैनी सावित्री को रखने से पहले उनका पूरा बैकग्राउंड, मेडिकल टेस्ट, आईडी सब चेक

किया गया था. करीना कपूर खान हो या आम आदमी धौका किसी के साथ भी हो सकता हैं ऐसे में सावधान रहना बहुत जरूरी हैं.

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प्लेसमेंट एजेंसी से जुड़े कानून

  • यदि आप प्लेसमेंट एजेंसी द्वारा किसी को काम पर रखते हैं तो ध्यान रहें हैं उसकी उम्र 18 वर्ष से ज्यादा होनी चाहिए. कानून के अनुसार आप 18 वर्ष से कम उम्र के लड़के- लड़की को काम पर नहीं रख सकते. यह चाइल्ड लेबर के अपराध में गिना जाएगा.
  • जिसे भी नौकरी पर रखा जा रहा है उसे न्यूनतम मजदूरी देना बहुत जरूरी है. ऐसा न होने पर बंधुआ मजदूरी का केस चल सकता हैं.
  • कानून के अनुसार प्लेसमेंट एजेंसी बिना लाइसेंस के प्राइवेट घरेलू नौकर उपलब्ध नहीं करा सकती.

नियमो का उल्लंघन करने पर प्लेसमेंट एजेंसी से खिलाफ कारवाई होती ही है. यहां तक की नौकर रखने वाले और नौकर के खिलाफ भी कारवाई की जा सकती है.

एडवोकेट सुमित शर्मा का कहना हैं., “ऐसे में इन लोगों के खिलाफ जुवेनाइल जस्टिस एक्ट धारा 23 व 26 के तहत केस दर्ज किया जाता हैं. साथ ही चाइल्ड लेबर रेग्युलेशन एक्ट धारा-3 और बंधुआ मजदूरी निरोधक कानून की धारा-16 के तहत मामला दर्ज किया जा सकता है.

सावधानी बरतना हैं जरूरी

अगर आप प्लेसमेंट एजेंसी से सर्विस लेते हैं तो इन बातों का रखे ध्यान…

  • अगर आप प्लेसमेंट एजेंसी से सर्विस ले रहे हैं तो सबसे पहले उनके रजिस्ट्रेशन नंबर की मांग करें. अगर सच में एजेंसी सही होगी तो आप से फैक्ट नहीं छुपाएगी.
  • रजिस्ट्रेशन नंबर को लेबर डिपार्टमेन्ट वेबसाइट पर जांच लें की प्लेसमेंट एजेंसी रजिस्टर्ड हैं या नहीं.
  • फोन पर ही बात कर के भरोसा न करें.
  • एक बार खुद प्लेसमेंट एजेंसी का ऑफिस देख कर आए.
  • पुलिस वेरिफिकेशन के बिना नौकर न रखें.
  • यदि आप किसी नौकर को रख रहे हैं तो उसकी उम्र पता जरूर करें.
  • नौकर के घर वालों से बात करें.
  • यदि आपको नौकरी गारंटी दी जा रहीं हैं और उसके बावजूद आपको नौकरी नहीं मिली तो आप कंज्यूमर कोर्ट से मदद ले सकते हैं.
  • याद रहे इनके द्वारा दी गई रसीद, पता और फोन नंबर संभाल कर रखें. इन के बिना आप एजेंसियों के खिलाफ शिकायत दर्ज नहीं कर सकते.

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