‘‘अगर आप का पति शराब के नशे की लत का शिकार हो कर आप की पिटाई करना शुरू कर दे तो आप क्या करेंगी?’’ यह सवाल जब भोपाल की उन 5 पत्नियों से पूछा गया जिन के पति शराब छूते भी नहीं हैं, तो उन्होंने ये जवाब दिए.

पहली- ‘‘मैं खामोशी से पिटूंगी नहीं, उलटे खुद उन की धुनाई कर दूंगी.’’

दूसरी- ‘‘चिल्लाऊंगी, शोर मचाऊंगी और पड़ोसियों व मम्मीपापा को फोन कर बुलाऊंगी.’’

तीसरी- ‘‘खामोशी से पिटती रहूंगी यह देखने के लिए वे मुझे कितना मार सकते हैं.’’

चौथी- ‘‘तुरंत पुलिस थाने जा कर रिपोर्ट दर्ज कराऊंगी.’’

5वीं- ‘‘हमेशा के लिए उन्हें छोड़ दूंगी या फिर मैं भी उन के साथ बैठ कर पीने लगूंगी.’’ यही सवाल जब कुछ फेरबदल कर उन 5 पत्नियों से पूछा गया जिन के पति शराब के नशे में उन के साथ मारपीट करते हैं तब यह जान कर हैरत हुई कि इन में से 4 का जवाब ऊपर दिए गए तीसरी पत्नी के जवाब से मेल खाता था कि वे खामोशी से पिटती रहती हैं. और न पिटने के उपाय करती हैं.

न पिटने के लिए क्याक्या उपाय करती हैं यह पूछे जाने पर इन चारों ने बताया -

पहली- ‘‘शांति से उन्हें अंदर आने देती हूं. लड़खड़ाहट रोकने के लिए सहारा देती हूं और फिर पूछती हूं कि वे खाना कब खाएंगे?’’

दूसरी- ‘‘उन्हें सोफे पर बैठा कर जूतेमोजे उतारती हूं. बदलने के लिए कपड़े देती हूं और खाना डाइनिंग टेबल पर लगा देती हूं. जब उन की मरजी होती है तब खा लेते हैं.’’

तीसरी- ‘‘नकली मुसकराहट से उन का स्वागत करती हूं और जैसी वे चाहते हैं वैसी बातें करती हूं.’’
चौथी- ‘‘दरवाजा खोल कर अंदर आने देती हूं पर उन से बात नहीं करती. शराबी के मुंह लगने से क्या फायदा?’’

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