सुप्रीम कोर्ट ने पांच साल पहले सीबीआई को पिंजरे में बंद तोता बताया था. अब इसी तोते की आपसी लड़ाई से मोदी सरकार मुश्किल में है. जांच एजेंसी के ताजा हालात के कारण भ्रष्टाचार के कई केस पर असर पड़ना तय है. अगर एजेंसी में कामों के बंटवारे को देखें तो राजनीतिक रूप से संवेदनशील लगभग सभी मामलों की जांच का जिम्मा राकेश अस्थाना के नेतृत्व वाली टीम के पास था. इनमें से कई केस वे हैं, जिन्हें बीजेपी ने 2014 के लोकसभा चुनाव में बड़ा मुद्दा बनाया था. अब इन केस पर असर पड़ना तय है.

सूत्रों के अनुसार, अगर राकेश अस्थाना के बाद दूसरी टीम बनाई जाती है तो कुछ देर लगना लाजिमी है. दूसरी ओर विपक्ष को भी सरकार पर हमले का मौका मिल गया है. बिहार में तेजस्वी यादव ने तो लालू प्रसाद यादव की जेल को राजनीतिक साजिश तक बता दिया है. अस्थाना ने ही लालू से जुड़े केस की जांच की थी.

राकेश अस्थाना को ईमानदार बताने वाला विडियो वायरल

इस बीच सोशल मीडिया पर राकेश अस्थाना से जुड़ा एक विडियो वायरल हुआ, जिसमें गुजरात कॉडर के इस आईपीएस अधिकारी को सरदार पटेल, स्वामी विवेकानंद और नेताजी सुभाष चंद्र बोस से प्रभावित ईमानदार पुलिस अधिकारी के रूप में दिखाया गया है.

ईडी पर सचेत सरकार

केंद्र सरकार दूसरी जांच एजेंसी ईडी के अंदर चल रही खींचतान को जल्द से जल्द समाप्त करने में जुट गई है. सूत्रों के अनुसार, सरकार ईडी में नए डायरेक्टर की नियुक्ति भी जल्द कर सकती है.

CBI में मचे संग्राम के ये हैं मुख्य किरदार

आलोक वर्मा

UT काडर के 1979 बैच के IPS अफसर हैं. वह 1 फरवरी 2017 से सीबीआई के चीफ हैं. उन्होंने सेंट स्टीफेंस कॉलेज से पढ़ाई की है.

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