Career In Agriculture : अधिकतर युवा कृषि को अपना कैरियर इसलिए नहीं बनाना चाहते क्योंकि वे इसे पिछड़ेपने से जोड़ते हैं. मगर सफलता आंकी जाती है जीवन स्तर से, और कृषि में यदि सही कैरियर चुनाव किया जाए तो सफलता जरूर मिलती है.
रामचरण दास के दोनों बेटे इंटरमीडिएट की पढ़ाई के लिए शहर क्या गए, कि शहर के ही हो कर रह गए. बड़े बेटे संतोष ने एक दोस्त के साथ छोटा सा कमरा किराए पर लिया और इंटरमीडिएट के बाद ग्रेजुएशन की तैयारी करने लगा. आर्ट सब्जेक्ट ले कर 3 साल बाद ग्रेजुएट हो कर वह पहले तो एक बीमा एजेंट बना और जब उस के कोई ठीकठाक ग्राहक नहीं बने तो उस ने एक ठेकेदार के यहां एकाउंट्स वगैरा देखने का काम शुरू कर दिया. ठेकेदार उस को 10 हजार रुपए महीना देने लगा, जो संतोष को काफी संतोष देने वाला था. उस ने छोटे भाई कैलाश को भी शहर बुला लिया और उस का एक कालेज में एडमिशन करवा दिया.
पिछले 6 सालों से दोनों भाई शहर में हैं, प्राइवेट नौकरी कर रहे हैं और उन के मातापिता गांव में अपनी खेती-किसानी देख रहे हैं. संतोष के पिता के पास 20 बीघा जमीन है. मगर काम करने वाले हाथ कम हैं, लिहाजा आधी से ज्यादा जमीन फसल के अभाव में बंजर हुई जा रही है.
संतोष और कैलाश की शादी की उम्र हो गई है मगर वे किसी गांव की लड़की से शादी नहीं करना चाहते हैं. वे शहर में रहना चाहते हैं और किसी शहरी लड़की से शादी करना चाहते हैं. गांव में उन को अपना भविष्य नजर नहीं आता जबकि उन दोनों के पास इतनी अचल संपत्ति है कि वे उस का उपयोग करें तो जितना शहर में कमा रहे हैं उस का दोगुना वह घर बैठे कमा सकते हैं बल्कि बहुत से हाथों को काम दे कर उन का भी भविष्य निखार सकते हैं.
समस्या यह है कि उन्होंने कृषि विज्ञान की शिक्षा नहीं पाई और न ही मातापिता से खेती-किसानी के गुण और अनुभव प्राप्त कर सके.
हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पंजाब जैसे राज्य जो खेती के लिए जाने जाते थे आज अधिकांश किसानों की खेती की जमीनें सरकार या प्राइवेट सेक्टर्स के पास आ गई हैं. वजह यह है कि वर्तमान युवा पीढ़ी जिन के बाप दादाओं के पास एकड़ों जमीन है उन को कृषि का न तो शौक है, न वे उस में अपना कोई भविष्य देखते हैं, लिहाजा जमीनें लगातार बिक रही हैं और उन पैसों से युवा शहरों में छोटेछोटे कबूतरनुमा मकान ले कर छोटीछोटी नौकरियों में अपना भविष्य तलाश रहे हैं.
अनेक किसानों के बेटे आज लंदन, कनाडा जैसे देशों में शेफ या मकैनिक की नौकरी कर रहे हैं. क्योंकि कृषि को आधुनिक और व्यवसायिक कैसे बनाया जाए और कैसे उस से मुनाफ़ा कमाया जाए इस का ज्ञान उन्होंने नहीं अर्जित किया.
गौरतलब है कि भारत की 70 प्रतिशत जनसंख्या गांवों में निवास करती है और जीविका के लिए खेती पर निर्भर है. वर्तमान समय में शहरों की तरक्की के साथ गांवों का भी काफी विकास हो रहा है. अपनी जमीन से प्यार करने वाले पढ़ेलिखे किसान अब अपने खेतों में आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर के अच्छी फसलें उगा रहे हैं. वे अपनी जमीनों पर अनाज ही नहीं उगा रहे हैं, बल्कि नई तकनीक और ज्ञान के साथ ऐसी फसलें भी उगा रहे हैं जो तुरंत मुनाफा देती हैं, जैसे – मसालों की खेती, मशरूम की खेती, फूलों की खेती, आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों की खेती आदि.
हरिद्वार के आसपास के गांवों में जा कर देखें तो बहुतेरे किसान अपने खेतों में सिर्फ एलोवेरा, तुलसी, पपीता, गुलाब जैसे औषधीय प्रयोगों में आने वाली पौध तैयार करते हैं जो उन्हें तुरंत मुनाफ़ा देती हैं. बड़ीबड़ी कंपनियां जो कौस्मेटिक उद्योग चलाती हैं, इन से सीधे सौदा करती हैं. इन किसानों को अपनी फसलें काट कर कहीं मंडी में बेचने के लिए नहीं बैठना पड़ता है.
खेती के साथसाथ जिन किसानों के पास अपने तालाब हैं, वे मछली पालन, सीप और मोती उत्पादन जैसे व्यवसाय भी कृषि के साथ-साथ कर रहे हैं. इस के अलावा कृषक शहद उत्पादन, मवेशी और मुर्गी पालन, रेशम कीट पालन, गौशालाओं के संचालन और दुग्ध उत्पादन से भी जुड़े हुए हैं. इन तमाम क्षेत्रों में ज्यादा से ज्यादा उत्पादन हो और कृषक ज्यादा से ज्यादा लाभान्वित हों, इस के लिए नएनए तकनीकी संसाधन एवं उपकरण तो बाजार में आ ही रहे हैं, अनेकानेक सरकारी योजनाएं और जागरूकता अभियान भी चल रहे हैं. दिल्ली प्रेस की पत्रिका ‘फार्म एंड फ़ूड’ भी किसानों को अनेक जानकारियां उपलब्ध कराती है और विशेषज्ञों के साक्षात्कार के जरिये किसानों को उन्नत फसल प्राप्त करने के तरीके बताती है.
वैज्ञानिक उपकरणों, अच्छे संसाधनों, ऋण की सुविधाओं और कृषि विज्ञान की शिक्षा प्राप्त कर कृषि के क्षेत्र को अपने कैरियर के रूप में चुनने वाले युवा अपने परिश्रम से कृषि क्षेत्र को अपने लिए बहुत बड़ा व्यवसाय बना सकते हैं.
अनेक देशों जैसे संयुक्त राज्य अमेरिका, नीदरलैंड, जर्मनी, आस्ट्रेलिया, कनाडा, इजराइल और चीन में उन्नत तकनीकी संसाधन, मशीनरी, वैज्ञानिक अनुसंधान, और अच्छी कृषि नीतियों के चलते कृषि का क्षेत्र आज एक बहुत बड़े बिजनैस में परिवर्तित हो चुका है. वहां का युवा जो पढ़लिख कर इस क्षेत्र में अपना कैरियर बनाने के उद्देश्य से आ रहा है, वह नई तकनीक, वैज्ञानिक उपकरणों और उन्नत बीज एवं खाद के जरिये न सिर्फ अच्छा अनाज, मसाले और दालें उगा रहा है, बल्कि उस के साथसाथ और्गनिक खेती भी कर रहा है और मुनाफा कमा रहा है.
कृषि विज्ञान में ग्रेजुएशन कर बना सकते हैं कैरियर
– कृषि विज्ञान की पढ़ाई के बाद नई तकनीक, नए वैज्ञानिक उपकरण, सरकारी योजनाएं, मार्केट और संसाधनों की भरपूर जानकारी प्राप्त होने से युवा अपनी कृषि-भूमि पर ज्यादा अच्छी फसलें, मसाले, सब्जियां, फूल, जड़ी-बूटियों आदि की खेती कर सकते हैं.
– कृषि विज्ञान की शिक्षा के अंतर्गत अनेक ऐसे व्यवसायों की जानकारी मिलती है, जिस के द्वारा न सिर्फ अत्यधिक धन की प्राप्ति होती है, बल्कि अपने उत्पादों को ले कर युवा अपना ब्रैंड भी स्थापित कर सकते हैं और एक सफल उद्यमी बन सकते हैं.
– मशरूम उत्पादन, मछली पालन, दुग्ध उत्पादन, मोती उत्पादन, फूलों की खेती, आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों की खेती, ऐलोवेरा उत्पादन, रेशम, मसाला उत्पादन, यह कृषि से जुड़े ऐसे क्षेत्र हैं, जिन से कम समय में अत्यधिक धन अर्जित किया जा सकता है.
– कृषि विज्ञान की पढ़ाई के बाद यह आवश्यक नहीं है कि हर युवा खेती ही करे. यदि आप के पास कृषि योग्य भूमि नहीं है परंतु आप के पास कृषि का ज्ञान और अनुभव है तो आप किसी फार्म हाउस के मैनेजर या सुपरवाइजर भी बन सकते हैं.
– बड़ी संख्या में कृषि विज्ञान की पढ़ाई करने वाले छात्रछात्राएं आज अनेक प्रयोगशालाओं में कार्यरत हैं और कृषि क्षेत्र से जुड़े प्रयोग और अनुसंधान कर रहे हैं. जैसे – उन्नत बीज तैयार करने वाली प्रयोगशालाओं में अथवा मिट्टी के बंजर और उपजाऊपन की जांच-परख करने वाले सोइल साइंटिस्ट के रूप में. कृषि विज्ञान के क्षेत्र में यह बहुत अच्छा कैरियर माना जाता है.
– कृषि विज्ञान होर्टिकल्चर यानि बागवानी के क्षेत्र में भी एक अच्छा कैरियर प्रदान करता है. उद्यान विशेषज्ञ के रूप में आज कृषि स्नातक युवा अच्छे वेतनमानों पर सरकारी और गैर-सरकारी नौकरियों में कार्यरत हैं.
– देश के जूलोजिकल पार्क अर्थात चिड़ियाघरों में, फन पार्क, छोटीबड़ी नर्सरी, मुगल गार्डन से ले कर तमाम शहरों में बने सरकारी बागों और पार्कों के रखरखाव और सुपरविजन के लिए उद्यान विशेषज्ञों की आवश्यकता हमेशा रहती है.
– कृषि विज्ञान के अध्ययन के पश्चात एग्रोनोमिस्ट यानि कृषि वैज्ञानिक, मौसम वैज्ञानिक, एग्रीकल्चर इंजीनियर, पशुपालक विशेषज्ञ जैसे क्षेत्रों में युवा बेहतरीन कैरियर बना सकते हैं. कृषि विज्ञान का अध्ययन आय के अनेक रास्ते खोलता है.
– तकनीकी ज्ञान और ऊर्जा से भरे युवाओं के लिए कृषि एक ऐसा क्षेत्र है, जिस में बहुत जल्दी ग्रोथ मिलती है.