जीवन के हर क्षेत्र में धैर्यवान लोग ही आगे बढ़ते हैं. शेयर मार्केट हो या नौकरी का मार्केट, धैर्य के अभाव में कुछ हासिल नहीं होता. एक शेयर हो सकता है कि 3 वर्षों तक हिले ही न. जो धैर्य नहीं रख सकते वे इसे निकाल देंगे. शेयर को निकालते ही वह चढ़ना शुरू हो जाता है. तीनचार साल की तैयारी में प्रतिस्पर्धी मुश्किल से यूपीएससी निकाल पाते हैं. कईकई तो इस से अधिक समय तक साधना करते हैं. जो बीच में धैर्य खो देते हैं वे असफल हो जाते हैं.

विवाह के लिए जीवनसाथी के रूप में अच्छे मैच के लिए भी बहुत धैर्य रखना पड़ता है वरना सालोंसाल मन को जो पसंद नहीं उसी से ताउम्र काम चलाने को एक शख्स मजबूर होता है.

आखिर धैर्य की वह पाठशाला है कहां जहां आमजन इस गुण को तराशें. यह कहीं और नहीं है, हमारे ही आसपास रोजमर्रा की चीजों व घटनाओं में विद्यमान है. कुछ बानगियां हैं.

आप अपने कंप्यूटर को हर बार जब चालू करते हैं तो यह काफी वक्त लेता है. डिस्पले आएगा कि ’डोंट शट डाउन, अपडेटस आर अपलोडिंग’, आप थोड़ा धैर्यवान बन कर थोड़ा और इंतजार करते हैं. यह फिर संदेश देता है कि ’अपडेटस 30 प्रतिशत कंपलीट, डोंट स्विच औफ’.  फिर यह थोड़ी ही देर में बढ़ कर 50, फिर 70 व फिर 98 प्रतिशत कंपलीट दिखाने लगता है. आप सोचते हैं कि अपडेटस का काम खत्म और अब कंप्यूटर शुरू हुआ, लेकिन यह फिर से पुराना राग अलापने लगता है कि ’अपडेटस आर अपलोडिंग, प्लीज वेट’. और फिर ‘बैक टू स्क्वैयर वन’ की तर्ज पर मात्र 30 प्रतिशत कंपलीट  डिस्प्ले होने लगता है. यह एक तरह से आप को धैर्य का पाठ पढा़ना चाह रहा है.

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