मानव स्वभाव भी बङा अजीब होता है. सुख के समय उसे सहीगलत का आभास नहीं होता. वह खुद पर इतराता है, महाभारत का पात्र दुर्योधन की तरह अहंकार करता है, अपनों की पहचान खत्म कर लेता है पर दुख के समय उसे न सिर्फ अपनी गलतियों का एहसास होता है, वह खुद पर पश्चाताप भी करता है. पतिपत्नी का रिश्ता भी इस से अछूता नहीं.
पूरी दुनिया में जहां कोरोना वायरस की वजह से भय का माहौल है, लाखों लोग मारे जा चुके हैं, कइयों के घर उजङ चुके हैं, वहीं इस दौरान कुछ अच्छी खबरों से मन को बेहद सुकून मिलता है.
प्यार की जगह तकरार
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में एक ऐसी ही घटना घटी जिस ने कोरोना वायरस के बीच लोगों के चेहरों पर मुसकान बिखेर दी.
कहते हैं, पतिपत्नी में प्यार और तकरार दांपत्य जीवन का हिस्सा होते हैं मगर जब रिश्ते में प्यार की जगह सिर्फ तकरार ही हावी हो जाए तो बात तलाक तक पहुंच जाती है.
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मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में 2012 में हुई शादी के बाद पतिपत्नी में यही तकरार तलाक की वजह बना और सिर्फ 7 साल ही में शादी खत्म हो गई. साल 2017 में दोनों के बीच तलाक हुआ तो तभी इस जोङे के साथ 7 साल की एक बेटी भी थी.मगर कहानी यहीं खत्म नहीं हुई.सास नहीं है खलनायिका
आमतौर पर टीवी धारावाहिकों में सास को एक खलनायिका ही पेश किया जाता है. इन धारावाहिकों में सास काफी खङूस होती हैं और जो बातबेबात बहू को नीचा दिखाने की कोशिश में लगी रहती हैं.
मगर तलाक ले चुके पतिपत्नी के बीच सास ने ही मध्यस्थता की और कोरोना महामारी के बीच दोनों में सुलह कराने की कोशिशों में लग गई. साथ दिया दोनों से जन्मीं बेटी ने जो मांबाप के बीच पिस कर रह गई थी मगर वह न तो मां को छोङने को तैयार थी न पिता को.
सुलह का बीङा सास ने उठाया
बहू को समझाने का बीङा उठाया सास ने. तलाक को 3 साल हो चुके थे मगर गनीमत थी कि बेटी के प्यार की खातिर न तो मां ने दूसरी शादी की न पिता ने.
सास चाहती थी कि दोनों फिर से एक हो जाएं और दोबारा शादी कर गृहस्थी संभालें.
बहू को मनाने का दौर आरंभ हुआ तो सास बहू के मायके में धरने तक पर बैठ गई. उस ने हर बात के लिए माफी मांगी, मासूम बेटी की जिंदगी का वास्ता दिया.
सास ने जब बहू से कहा कि तुम अब भी मेरे बेटे को चाहती हो तो बहू टूट गई और बुरी तरह रो पङी.
टूट गईं अहंकार की दीवारें
तलाक के बाद बहू की जिंदगी भी कहां आराम से कट रही थी. जब तक दोनों साथ थे दोनों के बीच दंभ और अहंकार की दीवारें खड़ी थीं. लेकिन जब दोनों अलग हुए तो अकेले में अपनीअपनी कमियों को जान कर पश्चाताप भी करने लगे.
गनीमत यह कि 7 साल की बेटी दोनों के बीच की कङियां बनी हुई थी.
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तब सास ने उसी फैमिली कोर्ट की काउंसलर से बात की जिस की काउंसिलिंग के बाद भी दोनों साथ रहने को तैयार नहीं थे.
कोरोना ने मिलाया!
उस के बाद सास बहू से मिली और कहा कि कोरोना वायरस के चलते न जाने कब क्या हो जाए, इसलिए अपना घर संभालो.
सास ने बहू के मातापिता को भी मनाने की पूरी कोशिश की, उन्हें अपनी बेटी का वास्ता दिया तो वे दोबारा शादी करने को तैयार हो गए.
उधर बहू भी दोबारा घर बसाने को तैयार हो गई.दोनों की शादी हो गई और सादगी से बहू और पोती का गृहप्रवेश हुआ.
कोरोना वायरस की वजह से लागू लौकडाउन ने दोनों परिवारों को फिर से आपस में मिला दिया.
लोगों ने जाना तो सब ने इस कदम की सराहना की और दोनों को शुभकामनाएं दीं.
बेटी को फिर से मिला मातापिता का साथ
लेकिन इस शादी से सब से अधिक खुश थी वह मासूम बेटी जो किसी भी हाल में न तो मां से अलग रहने को तैयार थी न पिता से.
एक बेटी को फिर से मातापिता का साथ मिल गया. अब उस के मन में कोरोना को ले कर डर नहीं होगा, क्योंकि इसी कोरोना की वजह से लौकडाउन में उसे अपने मम्मीपापा जो मिल गए थे.