एनसीआरबी के आंकड़ों के आधार पर देशभर में बच्चों के प्रति होने वाली आपराधिक घटनाओं पर जारी रिपोर्ट बहुत चौंकाने वाली है. इस ताजा रिपोर्ट के मुताबिक़ 2016 से 2022 के बीच बच्चों से दुष्कर्म और उन पर हमले के मामलों में लगातार वृद्धि हुई है. बीते 6 वर्षों में बच्चों से दुष्कर्म के मामले 96 प्रतिशत से अधिक बढ़े हैं. बाल अधिकारों के लिए आवाज उठाने वाली स्वयंसेवी संस्था चाइल्ड राइट्स एंड यू (सीआरवाई) ने भी इस संबंध में एक रिपोर्ट जारी की है, जो डराने वाली है.

राष्ट्रीय अपराध रिकौर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के डाटा विश्लेषण के आधार पर जारी रिपोर्ट में बताया गया है कि 2016 से 2022 के बीच बच्चों से दुष्कर्म और उन पर हमले के मामलों में लगातार वृद्धि हुई है. हालांकि, 2020 में कम मामले देखने को मिले. इस की वजह शायद यह रही कि उस दौरान कोरोना महामारी के कारण ज़्यादातर बच्चे घर में ही रहे. वे स्कूल नहीं गए, खेलने के लिए पार्क या खेलग्राउंड या पड़ोसियों के घर नहीं गए. कोरोना के दौरान रिश्तेदारों के घर आने पर भी पाबंदी रही. भारतीय घरों में बच्चियों के साथ शोषण और बलात्कार में अकसर घर के नौकर या नजदीकी रिश्तेदार शामिल होते हैं. मगर कोरोना के चलते जहां नौकरों के घर में आने पर पाबंदी थी वहीं चाचा, मामा, कजन भाई जैसे लोगों, जो मातापिता की अनुपस्थिति में घर की बच्चियों को अपनी हवस का शिकार बना लेते हैं, का आना भी बंद रहा, लिहाजा 2020 में ऐसी घटनाओं में कमी दर्ज हुई. मगर कोरोनाकाल ख़त्म होते ही घटनाएं तेजी से बढ़ीं. विश्लेषण से पता चलता है कि 2020 को छोड़ कर 2016 के बाद से बच्चों के साथ दुष्कर्म के मामलों में लगातार वृद्धि हुई है.

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