दिल्ली में दामिनी कांड के बाद ‘रेप विक्टिम‘ को लेकर तमाम तरह के कानून बन गये हैं. सरकार के साथ साथ स्वंयसेवी संगठन भी ऐसे लोगों की मदद के लिये सामने आ गये. इसके बाद भी उनका जीवन खुशियों का इंतजार ही कर रहा है. सरकार और एनजीओं के सहयोग से जो ‘रेप विक्टिम‘ अपने पैरों पर खड़ी हो गई हैं, इसके बाद भी जीवन मुख्यधारा में शामिल नहीं हो पा रहा है.

लखनऊ की रहने वाली प्रेरणा (बदला हुआ नाम) के साथ घर में ही बलात्कार हुआ. जिसकी शिकायत मुख्यमंत्री अखिलेश यादव तक पहुंची थी. इसके बाद प्रेरणा को न्याय और आर्थिक सहायता भी मिली. जिससे प्रेरणा ने अपना ब्यूटी पार्लर खोला. साल भर हो चुका है. प्रेरणा अब अपने पार्लर से हर माह में 30 से 35 हजार तक कमा लेती है. अब उसे इंतजार है कि कोई हमसफर मिले जिसके साथ जीवन गुजर सके.

प्रेरणा के जीवन में खुशियों का संचार करने वाले ‘आर्शिवाद ट्रस्ट’ की विनीता ग्रेवाल कहती है ‘रेप विक्टिम को लेकर अभी समाज का रुख नहीं बदल रहा है. वह उसके साथ संवेदना तो रखता है पर उसे जीवन की मुख्यधारा में शामिल करने के लिये आगे नहीं आता. प्रेरणा सुंदर समझदार और आत्मनिर्भर लड़की है. इसके बाद भी उसका हाथ थामने कोई आगे नहीं आ रहा है. यही नहीं प्रेरणा के बारे में जब सच पता नहीं था उसे किराये पर ब्यूटी पार्लर की दुकान मिल गई. जब मकान मालिक को यह पता चला कि प्रेरणा रेप विक्टिम है तो वह परेशान हो गये. जब उनको सही तरह से समझाया गया तब दुकान देने को राजी हुये.’

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