कैथलिक चर्चों के मुख्यालय वैटिकन सिटी ने मदर टेरेसा के तथाकथित चमत्कार को मान्यता दे दी है. पिछले दिनों क्रिसमस से पहले वैटिकन सिटी की ओर से इसके प्रवक्ता फ्रायर ब्रायन ने पोप फ्रांसिस का एक बयान जारी करते हुए कहा था कि मदर टेरेसा ‘संतहुड’ की तमाम शर्तों पर खरी उतर चुकी है. मदर टेरेसा को संत होने की मान्यता दिए जाने की तैयारी कोई 10-12 साल पहले शुरू हो गयी थी और अब इस पर मुहर लगा दी है वैटिकन सिटी ने. मदर टेरेसा ‘संत मदर टेरेसा’ के रूप में जानी जाने लगी है.
इसके बाद क्रिसमस से ठीक पहले वैटिकन सिटी द्वारा मदर के चमत्कार को मान्यता दे दिए जाने के बाद बंगाल समेत पूरे देश में ईसाइयों के बीच खुशियों की लहर दौड़ गयी. इसे पहले जब वैटिकन ने मदर को संत की उपाधि दिए जाने की घोषणा की थी, तब मध्य कोलकाता के मिशनरी औफ चैरिटी के जोड़ा गिरजा में मदर हाउस में मदर की समाधिस्थल पर ‘थैंक्स गिविंग प्रेयर’ का आयोजन किया. अब जब मदर को संत की उपाधि दे दी गयी है तब कोलकाता आर्चविशप टौमस डिसूजा ने कहा कि क्रिसमस के मौके पर ईश्वर का यह सबसे बड़ा उपहार है. देश भर ईसाई समाज के लिए यह बड़े गर्व क बात है.
लेकिन इस रंग में भंग कर दिया है कोलकाता स्थित भारतीय युक्तिवादी (तर्कशील) समिति ने. संत की उपाधि दिए जाने की घोषणा के साथ ही समिति के कार्यकर्ताअओं ने बड़ी संख्या में सड़क पर उतर कर मिशनरी ऑफ चैरिटी और वैटिकन सिटी पर अंधविश्वास फैलाने का आरोप लगाया. गौरतलब है कि मदर टेरेसा के तथाकथित चमत्कार को लेकर अंधविश्वास फैलाने के लिए युक्तिवादी समिति सीधे तौर दिवंगत सिस्टर निर्मला को कठघरे में खड़ा करता आ रहा है. इसीलिए मिशनरी औफ चैरिटी के सामने और कोलकाता में महत्वपूर्ण जगहों पर विरोध-प्रदर्शन करता रहा है. समिति की ओर से पुलिस में मिशनरी औफ चैरिटी के खिलाफ अंधविश्वास फैलाने के खिलाफ एफआईआर तक दर्ज कराया गया है. इतना ही नहीं, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मिल कर समिति जल्द ही राज्य सरकार से मिशनरी औफ चैरिट के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग करता रहा है.