पिछले दिनों दिल्ली में मैट्रो ट्रेन के अंदर का एक एमएमएस तब सुर्खियों में आया जब एक बेखबर प्रेमी जोड़ा आपत्तिजनक अवस्था में प्रेमालाप में व्यस्त दिखा. इंटरनैट की दुनिया में जहां यह क्लिप वायरल हो चुका था, वहीं सैकड़ोंहजारों लोगों के मोबाइल का मसाला भी बन चुका था. कोई इसे मैट्रो रेल प्रशासन की चूक बता रहा था, तो कोई बेशर्मी की हद मान रहा था. मनोचिकित्सक प्रांजलि मल्होत्रा कहती हैं, ‘‘देखिए, युवकयुवतियों के लिए युवा उम्र में 2 मुख्य पहलू होते हैं. पहला आकर्षण, जो अपोजिट सैक्स के प्रति चरम पर होता है और दूसरा, एकदूसरे के फिजिकल संपर्क में आने का होता है.

‘‘उपर्युक्त दोनों ही अवस्थाएं स्वाभाविक हैं और इस समय शारीरिक हारमोंस भी ऐक्टिव रहते हैं. फलस्वरूप, वे एकदूसरे का सामीप्य चाहते हैं और उत्तेजना के आवेग में उन्हें किसी बात की परवा नहीं होती.’’

प्रांजलि बताती हैं कि एक उम्र के बाद युवकयुवतियां मातापिता, भाईबहन से अलग अपनी पहचान बनाना चाहते हैं. शुरुआत  होती है सोशल मीडिया से, जहां वे डीपी में अपना फोटो खींच कर लगाते हैं, एकदूसरे पर कमैंट्स करते हैं, उन्हें दोस्तों व सहेलियों के साथ वक्त बिताना अच्छा लगता है. वे निडर होने लगते हैं और न सिर्फ बातचीत में निडरता होती है, पहनावे में भी निडरता दिखने लगती है. उत्सुकता की चाह में कभीकभी ऐसा कर गुजरते हैं, जो बाद में सामाजिक व नैतिक शर्मिंदगी का कारण बनता है. पकड़े जाने पर उन के लिए स्थिति से सामना करना असहज भी होता है.

कब होता है ऐसा

मातापिता की गाइडैंस व स्कूली शिक्षा से निकलने के बाद कालेज में पढ़ने वाले स्टूडैंट्स आपस में घुलमिल जाते हैं. उन्हें एकदूसरे का साथ व सामीप्य भाने लगता है. यह इच्छा तब और भी ज्यादा जाग्रत हो जाती है जब :

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